बिहार: महानंदा बेसिन प्रोजेक्ट के खिलाफ पूर्णिया ज़िले के बायसी में एक विशाल आमसभा आयोजित की गई, जिसमें हजारों लोगों ने हिस्सा लिया। इस सभा का नेतृत्व पूर्व मंत्री हाजी अब्दुस सुब्हान ने किया। सभा में पूर्णिया सांसद पप्पू यादव, किशनगंज सांसद डॉ. जावेद आज़ाद, अमौर विधायक अख्तरुल ईमान, कोचाधामन विधायक इज़हार असफी, पूर्णिया ज़िला परिषद चेयरमैन पति गुलाम सरवर, समेत सीमांचल के कई जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।
महानंदा बेसिन प्रोजेक्ट?
यह प्रोजेक्ट पूर्णिया, किशनगंज और कटिहार जिले की 5 विधानसभा सीटों से होकर गुजरने वाला है। स्थानीय नेताओं और आम जनता का मानना है कि इस परियोजना से लगभग 10 लाख लोग प्रभावित होंगे।
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लोगों के मुताबिक, इससे खेतों की ज़मीनें नदियों में समा जाएंगी, लाखों लोगों के घर जलमग्न हो जाएंगे और स्थानीय अर्थव्यवस्था और कृषि पर भी गंभीर असर पड़ेगा।
क्या-क्या बोले नेता?
बांध रोको संघर्ष समिति के संयोजक पूर्व मंत्री हाजी सुब्हान ने बताया कि महानंदा बेसिन प्रोजेक्ट को पूर्व सांसद स्वर्गीय तस्लीमुद्दीन ने लाया था, जिससे सीमांचल में बाढ़ से होने वाले कटाव का दंश न झेलना पड़े। तस्लीमुद्दीन के इस ड्रीम प्रोजेक्ट में विभाग ने ऐसा बदलाव कर दिया, जिससे सीमांचल की 10 लाख की आबादी प्रभावित हो सकती है। तस्लीमुद्दीन के प्रोजेक्ट में महानंदा, कनकई तथा परमान नदी के तट को बोल्डर पिचिंग कर बांधने का प्रस्ताव था, जो करीब 50 किलोमीटर लंबा है। यह प्रोजेक्ट किशनगंज से शुरू होकर पूर्णिया होते हुए कटिहार तक जाती है। लेकिन विभाग ने इस प्रोजेक्ट में बांध निर्माण योजना बना डाली, जिसमें नदी से किलोमीटर दूर तक बांध निर्माण करना है। इस निर्माण से महानंदा बांध के बीच हजारों एकड़ में बसे लोग और उनकी जमीनें नदी में समा जाएंगी।
इतना ही नहीं, वर्तमान स्थिति में बांध सिर्फ महानंदा नदी में बनेगा तो कनकई और परमान नदी की धारा पूरे इलाके में प्रवेश कर इलाके को बर्बाद कर देगी। इसी के विरोध में आमसभा सीमांचल में महानंदा बेसिन प्रॉजेक्ट निर्माण के खिलाफ है । हाजी सुब्हान ने कहा कि हम जेसीबी के नीचे सोकर जान दे देंगे लेकिन ये निर्माण होने नहीं देंगे।
पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव ने आमसभा में मौजूद हजारों लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि महानंदा बेसिन प्रोजेक्ट से लाखों लोग तबाह हो जाएंगे, इनकी जिम्मेदारी कौन लेगा। सदन में इस आगामी 10 मार्च से होने वाले सेशन में मजबूती से इसके खिलाफ आवाज़ उठाएंगे। साथ ही साथ इस प्रोजेक्ट को निरस्त कर सीमांचल की जनता को बर्बाद होने से बचाएंगे ।
एआईएमआईएम विधायक अख्तरुल ईमान ने कहा कि सीमांचल में महानंदा बेसिन प्रोजेक्ट से काफी नुकसान है। उन्होंने कहा, “अगर, इसके प्रस्ताव में बदलाव होता है तो ही निर्माण होगा। इसके लिए विभाग को जानकारी लेकर बोल्डर पिचिंग का कार्य करना चाहिए। नदी को गहरा कर गाद निकाले, जिससे नदी की गहराई बढ़े और पानी सीधे बंगाल की खाड़ी में रुख करे। अगर महानंदा बेसिन प्रोजेक्ट इसी फॉर्मेट में निर्माण होता है तो सीमांचल बर्बाद हो जाएगा। हम इसे बर्बाद होने नहीं देंगे। हम सर पर कफ़न बांध कर निकले हैं । मां बहन आज अगर आंदोलन के लिए इस आमसभा में आई हैं तो लड़ाई कितनी बड़ी होगी, ये समझा जा सकता है।”
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