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इंग्लैंड में किशनगंज के घुड़सवार की मौत, लाश का इंतज़ार

कोचाधामन प्रखंड अंतर्गत हल्दीखोरा पंचायत स्थित पुल टोला गांव के रहने वाले मज़हर पिछले 18 सालों से इंग्लैंड के न्यू मार्किट शहर में घुड़सवार कर्मचारी के तौर पर काम कर रहे थे।

syed jaffer imam Reported By Syed Jaffer Imam |
Published On :
Mazhar from kishanganj dies in england

बिहार के किशनगंज ज़िला निवासी मज़हर अनवर की इंग्लैंड में मृत्यु हो गई। जानकारी के अनुसार कोचाधामन प्रखंड अंतर्गत हल्दीखोरा पंचायत स्थित पुल टोला गांव के रहने वाले मज़हर पिछले 18 सालों से इंग्लैंड के न्यू मार्किट शहर में घुड़सवार कर्मचारी के तौर पर काम कर रहे थे।


मज़हर के भाई हसनात फ़िरोज़ ने बताया कि बुधवार की दोपहर ढाई बजे इंग्लैंड से एक फ़ोन-कॉल आया, जिसमें बताया गया कि मज़हर घुड़सवारी के दौरान गिर गए और दौड़ रहे बाकी घोड़ों की चपेट में आने से उनकी मौत हो गई।

हसनात ने आगे बताया कि उनके भाई की लाश को अभी सफ़क काउंटी के न्यू मार्किट के एक अस्पताल में रखा गया है। इंग्लैंड में दिवंगत मज़हर के साथ रहने वाले लोगों को अभी लाश देखने की इजाज़त नहीं दी गई है।


हसनात कहते हैं, “मेरे भाई की डेड बॉडी आ जाए, हम लोग बस यही चाहते हैं। फिलहाल हम लोगों ने किसी अधिकारी से संपर्क नहीं किया है। पहले वहां से कुछ खबर आए तो पता चलेगा क्या करना है। अभी तो लाश भी देखने नहीं दे रहा है वहां पर।”

इस मामले की जानकारी देते हुए हल्दीखोरा पंचायत के पूर्व मुखिया हसनैन अहमद ने बताया कि उनके चचेरे भाई भी सफ़क काऊंटी में रहते हैं और उन्होंने बताया कि लाश का पोस्टमॉर्टेम अभी नहीं हुआ है। पुलिस अभी वेरिफिकेशन कर रही है। एक बार यह प्रक्रिया पूरी हो जाए, तो लाश को भारत लाने के विषय में प्रयास किया जायेगा। हसनैन ने कहा कि स्थानीय नेताओं से संपर्क साधा जा रहा है और यह प्रयास किया जा रहा है कि लाश को जल्द से जल्द इंग्लैंड से किशनगंज लाया जा सके।

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सैयद जाफ़र इमाम किशनगंज से तालुक़ रखते हैं। इन्होंने हिमालयन यूनिवर्सिटी से जन संचार एवं पत्रकारिता में ग्रैजूएशन करने के बाद जामिया मिलिया इस्लामिया से हिंदी पत्रकारिता (पीजी) की पढ़ाई की। 'मैं मीडिया' के लिए सीमांचल के खेल-कूद और ऐतिहासिक इतिवृत्त पर खबरें लिख रहे हैं। इससे पहले इन्होंने Opoyi, Scribblers India, Swantree Foundation, Public Vichar जैसे संस्थानों में काम किया है। इनकी पुस्तक "A Panic Attack on The Subway" जुलाई 2021 में प्रकाशित हुई थी। यह जाफ़र के तखल्लूस के साथ 'हिंदुस्तानी' भाषा में ग़ज़ल कहते हैं और समय मिलने पर इंटरनेट पर शॉर्ट फिल्में बनाना पसंद करते हैं।

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