Main Media

Seemanchal News, Kishanganj News, Katihar News, Araria News, Purnea News in Hindi

Support Us

आधा दर्जन से ज्यादा बार रूट बदल चुकी है नेपाल सीमा पर स्थित नूना नदी

Main Media Logo PNG Reported By Main Media Desk |
Published On :

अररिया ज़िले के सिकटी प्रखंड में नूना नदी ने पिछले कई वर्षों से कहर ढा रखा है। नेपाल के पहाड़ी इलाके से निकली नुना नदी हर साल सिकटी प्रखंड में खेती के साथ करोड़ों रुपये का नुकसान करती है।

हद तब हो गई जब दो वर्ष पहले इस घातक नदी ने अपनी मुख्य धारा को ही बदल दिया और जिस जगह से यह बहती थी, उस जगह वो पूरी तरह से सुख गई। धारा बदल कर जहां पहुंची वहां नदी ने भारी तबाही मचाई। 

Also Read Story

बारसोई में ईंट भट्ठा के प्रदूषण से ग्रामीण परेशान

बिहार इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2023: इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने पर सरकार कितनी छूट देगी, जान लीजिए

बारिश ने बढ़ाई ठंड, खराब मौसम को लेकर अगले तीन दिनों के लिये अलर्ट जारी

पूर्णिया : महानंदा नदी के कटाव से सहमे लोग, प्रशासन से कर रहे रोकथाम की मांग

बूढी काकी नदी में दिखा डालफिन

‘हमारी किस्मत हराएल कोसी धार में, हम त मारे छी मुक्का आपन कपार में’

कटिहार के कदवा में महानंदा नदी में समाया कई परिवारों का आशियाना

डूबता बचपन-बढ़ता पानी, हर साल सीमांचल की यही कहानी

Bihar Floods: सड़क कटने से परेशान, रस्सी के सहारे बायसी

sattelite imagery of nuna nadi changing its route

धारा बदलने से ग्रामीणों में राहत

दो साल बाद नूना नदी फिर अपने पूराने रूट में वापस चली आई है। नूना नदी का बहाव पूरानी धारा में आने से सालगुडी, कचना, कठुआ, बांस बाडी, पडरिया वार्ड नंबर 9 के लोगों में खुशी देखी जा रही है। इन गांवों के लोगों ने राहत की सांस ली।


nuna nadi sikti embankement

ग्रामीण नाजीम, सोएब, रागीब, जफर आदि ने बताया कि नूना नदी ने सितंबर 2020 में दहगामा ईदगाह टोले के पास अपनी धारा में परिवर्तन कर लिया था। इस कारण नूना नदी सालगुडी, कचना, कठुआ, होकर बहने लगी थी। लेकिन जल निस्सरण विभाग द्वारा साढ़े चार करोड़ की लागत से ध्वस्त तटबंध का निर्माण किये जाने से पुनः नूना नदी कालूचौक पड़रिया घोड़ा चौक सिघिया होते हुये बहने लगी है। जिससे लोगों ने राहत की सांस ली है। 

ध्वस्त तटबंध का कार्य हुआ शुरू

जल निस्सरण विभाग द्वारा ईदगाह दहागमा टोला से कालू चौक पड़रिया तक पांच करोड़ 59 लाख रुपए का एस्टीमेट बनाकर टेंडर विभाग को सौंप दिया था। लेकिन, विभाग द्वारा स्वीकृति नहीं मिल रही थी। मगर, स्थानीय लोगों ने हार नहीं मानी। तब पूर्व प्रखंड प्रमुख ने सांसद प्रदीप कुमार सिंह, विधान परिषद डॉ दिलीप जायसवाल व विधायक विजय कुमार मंडल को इससे अवगत कराया।

सांसद प्रदीप कुमार सिंह व विधायक विजय कुमार मंडल ने प्रभावित इलाके सालगुडी, कचना व ईदगाह टोला दहगामा का जायजा लिया। पूर्व प्रमुख कमरूज्जामा ने भी सांसद, विधायक व विधानपरिषद को जल संसाधन मंत्री से बात कर तटबंध निर्माण की स्वीकृति दिलाने की बात कही। इस तरह आखिरकार साढ़े चार करोड़ रुपए की लागत से ध्वस्त तटबंध के निर्माण की स्वीकृति मिली। 

नेपाल में नूना नदी की दोनों तरफ बनाये बनाये गये तटबंध 

नेपाल सरकार ने भी नूना नदी से अपने क्षेत्र में आने वाली बाढ़़ को लेकर सुरक्षा का इंतजाम किया है। नेपाल में नूना नदी की दोनों तरफ तटबंध का निर्माण, भारतीय सीमा तक कर दिया गया है। जिस कारण नेपाल में नूना नदी तबाही नहीं मचा पाती है, लेकिन नूना नदी जैसे ही भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करती है, तो रौद्र रूप धारण कर लेती है।

workers constructing embankmet on nuna nadi in sikti

पूर्व प्रमुख कमरूज्जामा ने बताया कि भारतीय क्षेत्र में भी जब तक नूना नदी की दोनों ओर तटबंध का निर्माण कर बोल्डर पीचिंग नहीं किया जाता है तब तक नूना नदी तबाही मचाती रहेगी। स्थानीय लोगों का मानना है कि नूना नदी के पुराने रूट में लौट जाने से अब दहगामा, कालू चौक पड़रिया, घोड़ा चौक, खान टोला पड़रिया, बलीगढ, सिघिया गांव में तबाही मचेगी।

कब-कब नूना नदी ने किया है धारा परिवर्तन

नेपाल की सीमा से सटे सिकटी प्रखंड क्षेत्र से होकर बहने वाली बकरा व नूना नदी अपना रास्ता बदलने में माहिर है। नूना नदी ने वर्ष 1999 में सैदाबाद गांव के पास अपना रास्ता बदल लिया था। सैदाबाद गांव के पास रास्ता बदलने के कारण नूना नदी ने वर्ष 1999 में भारी तबाही मचाई थी।

नूना नदी के रास्ता बदलने के कारण दर्जनों परिवारों को विस्थापन का दंश झेलना पड़ा था। पहले नूना नदी सोनापुर गांव के आगे बह रही थी, लेकिन वर्ष 1999 के भीषण बाढ़ में नूना नदी के रास्ता बदलने के कारण सैदाबाद सोनापुर गांव के बीच में भारत नेपाल पीलर संख्या 158/43 नूना नदी की तेज धारा में बह गया था। दो माह पूर्व सर्वे आफ इंडिया के अधिकारियों ने नूना नदी में भारत नेपाल पीलर संख्या 158/43 के बह जाने की जानकारी अधिकारियों को देने की बात कही थी।

उसके बाद फिर नूना नदी ने वर्ष 2012 में अपना रास्ता परिवर्तन कर लिया था। वर्ष 2012 में नूना नदी के रास्ता बदलने के निशान के तौर पर कठुआ के पास सड़क पर बना आरसीसी पुल का ध्वस्त हिस्सा अब भी पड़ा हुआ है। जहां वर्ष 2012 में दर्जनों जगहों पर सड़क व पुल ध्वस्त हुआ था, वहां ग्रामीणों के सहयोग से बांस का चचरी पुल देकर आवागमन किया जाता है। बाद में जल निस्सरण विभाग द्वारा लगभग 12 लाख की लागत से सैदाबाद गांव के पास तटबंध का मरम्मत कर नूना नदी को पुरानी धारा में ले जाया गया।

वर्ष 2016 में नूना नदी ने सिघिया गांव के पास अपना रास्ता बदल लिया था, जिस कारण पूर्वी इलाके के दर्जनों गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया तथा दर्जनों जगहों पर सड़क व पुल पुलिया को ध्वस्त कर दिया था। सैकड़ों परिवारों को राहत शिविर में शरण लेना पड़ा था। जब भी नूना नदी अपना रास्ता बदलती है, तबाही की नई कहानी लिख जाती है।

तटबंध के कार्य का अररिया एसडीओ शैलेश चंद्र दिवाकर ने जायजा लिया

तटबंध पर काम जारी है, लेकिन इसमें अनियमितता को लेकर ग्रामीणों ने ज़िला प्रशासन से शिकायत की। इसकी जांच के लिए अररिया एसडीओ शैलेश चंद्र दिवाकर कालू चौक पहुंचे और तटबंध की मरम्मत का जायजा लिया।

araria sdo shalesh chandra diwakar inspecting nuna nadi

मौके पर मौजूद इंजीनियर को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि अगर इस काम में जरा भी कोताही बरती गई तो कानूनी कार्यवाही होगी। एसडीओ ने कहा कि ये तटबंध काफी महत्वपूर्ण है। अगर यह कमजोर होगा, तो नूना नदी इसे तहस नहस कर देगी, इसलिए ठोस काम होना चाहिए । उन्होंने ग्रामीणों को पूरा भरोसा दिलाया की अब कार्य में सुधार होगा।

तटबंध मरम्मत के बाद मिलेगी राहत: विधायक विजय कुमार मंडल

सिकटी के विधायक विजय कुमार मंडल ने बताया कि हमारा क्षेत्र नेपाल की सीमा से लगा हुआ है। नेपाल की ओर से आने वाली एक दर्जन के करीब नदियां बरसात के दिनों में रौद्र रूप धारण कर लेती हैं। इस कारण कुर्साकांटा, सिकटी और पलासी के इलाकों में भारी तबाही होती है। इस बर्बादी का आंकलन करना नामुमकिन है।

उन्होंने बताया कि बकरा नदी और नुना नदी काफी तबाही मचाती है। इन दोनों नदियों ने अपनी धारा बदल बदल कर कई गांवों को विस्थापित कर दिया है। अभी दो साल पहले नूना नदी ने धारा बदल कर एक दर्जन से अधिक गांवों को विस्थापित किया था। उन जगहों पर करोड़ों की लागत से पुल और सड़क बनाये गए ताकि दोबारा परेशानी नहीं हो। लेकिन जून महीने में नुना फिर अपनी पुरानी धारा पर लौट गई है। अब उसके बचाव के लिए नूना के ध्वस्त तटबंध पर कार्य चल रहा है। तटबंध का काम पूरा हो जाने से दहगामा, ईदगाह टोला, सालगुडी, कचना, कठुआ गांव को राहत मिल जाएगी।


पुल कहीं और, नदी कहीं और… अररिया में सरकार को चकमा देता विकास

विकास को मुंह चिढ़ा रहे अररिया के अधूरे पुल

“मैं कभी आठ एकड़ जमीन का मालिक था, अभी फेरी लगाता हूं”

दल्लेगांव: यहां लाशों को भी मुक्ति के लिए नदी पार करना पड़ता है


सीमांचल की ज़मीनी ख़बरें सामने लाने में सहभागी बनें। ‘मैं मीडिया’ की सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।

Support Us

Main Media is a hyper-local news platform covering the Seemanchal region, the four districts of Bihar – Kishanganj, Araria, Purnia, and Katihar. It is known for its deep-reported hyper-local reporting on systemic issues in Seemanchal, one of India’s most backward regions which is largely media dark.

Related News

भारी बारिश से अररिया नगर परिषद में जनजीवन अस्त व्यस्त

जलवायु परिवर्तन से सीमांचल के जिले सबसे अधिक प्रभावित क्यों

सीमांचल में हीट वेव का प्रकोप, मौसम विभाग की चेतावनी

पेट्रोल पंपों पर प्रदूषण जाँच केन्द्र का आदेश महज दिखावा

सुपौल शहर की गजना नदी अपने अस्तित्व की तलाश में

महानंदा बेसिन की नदियों पर तटबंध के खिलाफ क्यों हैं स्थानीय लोग

क्या कोसी मामले पर बिहार सरकार ने अदालत को बरगलाया?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Latest Posts

Ground Report

किशनगंज: दशकों से पुल के इंतज़ार में जन प्रतिनिधियों से मायूस ग्रामीण

मूल सुविधाओं से वंचित सहरसा का गाँव, वोटिंग का किया बहिष्कार

सुपौल: देश के पूर्व रेल मंत्री और बिहार के मुख्यमंत्री के गांव में विकास क्यों नहीं पहुंच पा रहा?

सुपौल पुल हादसे पर ग्राउंड रिपोर्ट – ‘पलटू राम का पुल भी पलट रहा है’

बीपी मंडल के गांव के दलितों तक कब पहुंचेगा सामाजिक न्याय?