बिहार के प्रसिद्ध खगड़ा मेला का उद्घाटन गुरुवार को किशनगंज जिला पदाधिकारी श्रीकांत शास्त्री ने किया। 1883 ई में तत्कालीन खगड़ा नवाब जैनुद्दीन अता हुसैन ने इस मेले की बुनियाद रखी थी, तभी से ही इस मेले का आयोजन होता आ रहा है।
हालांकि, जिला प्रशासन की उदासीनता की वजह से खगड़ा मेले के एक सौ चालीस वर्ष पूरे होने के बाबजूद राजकीय मेले का दर्जा नहीं मिलने से लोगों में नाराजगी देखी गयी।
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नगर परिषद के अध्यक्ष इंद्रदेव पासवान ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि प्रशासनिक उदासीनता की वजह से यह ऐतिहासिक मेला उपेक्षा का शिकार है। पिछले बीस वर्षों में मेले के सौंदर्यीकरण के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है।
जिला पदाधिकारी ने अपने संबोधन में कहा कि कोरोना काल के बाद पहली बार इस मेले का आयोजन किया गया है, जिससे लोगों के चेहरे पर मुस्कुराहट साफ देखी जा रही है। उन्होंने कहा कि एक तरफ इस मेले से राज्य सरकार को राजस्व की प्राप्ति होती है, तो वहीं दूसरी तरफ स्थानीय व्यापारी के साथ साथ बाहर से आये व्यापारियों को भी रोजगार मिलता है। उन्होंने बताया कि इस मेले में सभी वर्ग के लोगों के मनोरंजन के लिए अलग अलग व्यवस्था की गई है। जिला पदाधिकारी ने कहा कि मेले में बिकने वाली खाद्य वस्तुओं के साथ साथ असामाजिक तत्वों पर भी विशेष निगरानी रखने की आवश्यकता है।
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