Main Media

Seemanchal News, Kishanganj News, Katihar News, Araria News, Purnea News in Hindi

Support Us

यहाँ हिन्दुओं के बनाये ताजिये से पूरा होता है मुस्लिमों का मुहर्रम

Main Media Logo PNG Reported By Main Media Desk |
Published On :

एक तरफ जहां समाज में धार्मिक उन्माद और नफरत फैलाने की कोशिश हो रही है, वहीं दूसरी तरफ सामाजिक सौहार्द की तस्वीरें भी सामने आ रही हैं, जो सुकून देती हैं। ऐसी ही एक तस्वीर किशनगंज जिले से आई है। यहां हिंदू समाज की महिलाएं मुस्लिमों के लिए मुहर्रम के मौके पर ताजिया बनाती हैं और इन्हीं ताजिया को मुस्लिम समुदाय के लोगों की मन्नतें पूरी होने पर कर्बला के मैदान में चढ़ाया जाता है।

मुस्लिम बहुल बिहार के किशनगंज जिले में लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा के अवसर पर मिट्टी का चूल्हा मुस्लिम महिलाएं बनाती हैं, तो वहीं, मुस्लिमों के लिए मुहर्रम के खास मौके पर हिन्दू महिलाएं ताज़िया बनाती हैं। मुहर्रम में ताजिया का खास महत्व होता है।

Also Read Story

मखाना से बनाइये स्वादिष्ट व्यंजन – सरकार से पाइये आकर्षक इनाम, यहां करें आवेदन

दुर्गा पूजा पंडालों से महिला सशक्तीकरण, साक्षरता और पूर्णिया एयरपोर्ट का संदेश

पूर्णिया के इन पंडालों में गये बिना दुर्गा-पूजा का उत्सव रह जा रहा फीक़ा

उत्तर दिनाजपुर: दुर्गा पूजा पर इस्लामपुर के ये रचनात्मक पंडाल जीत रहे श्रद्धालुओं का दिल

सिलीगुड़ी में दुर्गा पूजा की धूम, एक से बढ़ कर एक हैं ये 33 पूजा पंडाल

कटिहारः दुर्गा पूजा को लेकर लाल किले की तर्ज पर हो रहा पंडाल का निर्माण

Kishanganj District: किशनगंज जिला के बारे में जानें सब कुछ

मैं मीडिया ने किया अपने पांच पत्रकारों को सम्मानित

कटिहार: 78 वर्षीय जगदीश ने लगाए हैं 10 हजार से अधिक RTI

इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक़, अरबी वर्ष के पहले महीने को मुहर्रम का महीना कहा जाता है। मुहर्रम यानी गमे हुसैन के एहतराम का महीना। इसी महीने की दस तारीख को पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के नाती हजरत इमाम हुसैन और उनके परिजनों, साथियों को बहुत यातना देने के बाद यजीद की सेना ने शहीद कर दिया था। कर्बला में हुई जंग के दौरान इमाम हुसैन और उनके साथियों की शहादत की याद में मुहर्रम मनाया जाता है।


एक परंपरा के अनुसार मुस्लिम समुदाय के कुछ लोग मुहर्रम के मौके पर मन्नतें मांगते हैं। मन्नतें पूरी होने पर उस मन्नत रखने वाले व्यक्ति को ताजिया लेकर कई गांवों में घूमना होता है। इसके लिए ताजिया की जरूरत पड़ती है।

यह ताजिया किशनगंज जिले के पोठिया प्रखंड के कस्बा कालियागंज के दर्जनों हिंदू परिवार कई वर्षों से बना रहे हैं। ताजिया बनाने वाले हिन्दू परिवारों का कहना है कि यह उनका पुश्तैनी धंधा है। मुहर्रम के अवसर पर दो सौ से अधिक ताजिये की बिक्री हो जाती है। उन्होंने कहा कि ताजिया बेचकर रोजगार के साथ साथ धर्म के काम में हाथ बंटाने से एक अलग तरह की खुशी महसूस होती है।

a lady making taziya for muharram

वहीं, मुस्लिम समुदाय के लोगों का कहना है कि मन्नत पूरी होने पर मुहर्रम के मौके पर इस गांव से ताजिया खरीद कर लोग चढ़ाते हैं। हम लोगों के बीच कोई भेदभाव नहीं है। आपसी भाईचारा के साथ एक दूसरे के पर्व में शामिल होकर पूरे देश में एकता का परिचय देते हैं।


किशनगंज: इतिहास के पन्नों में खो गये महिनगांव और सिंघिया एस्टेट

स्मार्ट मीटर बना साइबर ठगों के लिए ठगी का नया औजार


सीमांचल की ज़मीनी ख़बरें सामने लाने में सहभागी बनें। ‘मैं मीडिया’ की सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।

Support Us

Main Media is a hyper-local news platform covering the Seemanchal region, the four districts of Bihar – Kishanganj, Araria, Purnia, and Katihar. It is known for its deep-reported hyper-local reporting on systemic issues in Seemanchal, one of India’s most backward regions which is largely media dark.

Related News

Women in Masjid: पूर्णिया के मस्जिद में महिलाओं की नमाज, कहा- मस्जिद जितनी मर्दों की, उतनी ही महिलाओं की भी

सरकारी websites पर लोक उपयोगिता से जुड़ी ज्यादातर सूचनाएँ गलत

क्या पुलिस कस्टडी में हुई शराब कांड के आरोपित की मौत

कैश वैन लूट: एसआईएस कर्मचारियों ने ही रची थी साजिश, 8 गिरफ्तार

फुलवारीशरीफ में कथित टेरर मॉड्यूल: कटिहार, अररिया में एनआईए की छापेमारी

‘मोदी मंदिर’ बनाने वाला गाँव महंगाई पर क्या बोला?

अररिया रेपकांड: हाईकोर्ट ने मेजर को फांसी की सजा रद्द की, दोबारा होगी ट्रायल

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Latest Posts

Ground Report

मूल सुविधाओं से वंचित सहरसा का गाँव, वोटिंग का किया बहिष्कार

सुपौल: देश के पूर्व रेल मंत्री और बिहार के मुख्यमंत्री के गांव में विकास क्यों नहीं पहुंच पा रहा?

सुपौल पुल हादसे पर ग्राउंड रिपोर्ट – ‘पलटू राम का पुल भी पलट रहा है’

बीपी मंडल के गांव के दलितों तक कब पहुंचेगा सामाजिक न्याय?

सुपौल: घूरन गांव में अचानक क्यों तेज हो गई है तबाही की आग?