Main Media

Get Latest Hindi News (हिंदी न्यूज़), Hindi Samachar

Support Us

चचरी के सहारे सहरसा का हाटी घाट – ‘हमको लगता है विधायक मर गया है’

ज़िले के नौहट्टा प्रखंड स्थित हाटी घाट पर स्थानीय लोग वर्षों से एक पुल की मांग कर रहे हैं जिसके लिए अब तक कोई प्रशासनिक पहल नहीं की गई है।

Sarfaraz Alam Reported By Sarfraz Alam |
Published On :
haati ghat of saharsa sustained by bamboo bridges

कड़ाके की ठंड में घुटने तक पानी से गुजरते लोगों की ये तस्वीरें बिहार के सहरसा जिले की हैं। ज़िले के नौहट्टा प्रखंड स्थित हाटी घाट पर स्थानीय लोग वर्षों से एक पुल की मांग कर रहे हैं जिसके लिए अब तक कोई प्रशासनिक पहल नहीं की गई है। जन प्रतिनिधियों और सरकार की उदासीनता से निराश ग्रामीणों ने आपसी चंदे से डेढ़ किलोमीटर लंबा यह चचरी पुल बनाया है।


करीब 10 लाख रुपये की लागत से बने इस चचरी पुल से ग्रामीणों को पास के बाज़ार व प्रखंड मुख्यालय जाने में मदद मिलेगी। बरसात के दिनों में कोसी धार के हाटी घाट पर हर साल चचरी का पुल ध्वस्त हो जाता है जिससे ग्रामीणों को नाव के सहारे रहना पड़ता है। क्षेत्र के लोग जन प्रतिनिधियों के अधूरे वादों से आहत हैं और आगामी विधानसभा चुनावों में वोट न डालने का मन बनाए हुए हैं।

Also Read Story

अररिया में लगातार बढ़ रही मुस्लिम-महादलित कैदियों की हिरासत में मौत

छह सालों से पुल निर्माण कार्य अधूरा, जान हथेली में लिए गुज़रते हैं ग्रामीण

हादसे को दावत दे रहा है कटिहार के बारसोई का जर्जर मालोर पुल

सड़क से वंचित हैं सहरसा के दर्जनों गांव, लोकसभा के बाद अब विधानसभा चुनाव का भी करेंगे बहिष्कार

सड़क निर्माण में गड़बड़ी, ग्रामीणों ने किया विरोध

वर्षों से पुल के इंतजार में कटिहार का कोल्हा घाट

किशनगंज ईदगाह विवाद: किसने फैलाई बिहार बनाम बंगाल की अफवाह?

दशकों के इंतज़ार के बाद बन रही रोड, अब अनियमितता से परेशान ग्रामीण

बिहार में सिर्फ कागज़ों पर चल रहे शिक्षा सेवक और तालीमी मरकज़ केंद्र?

नौहट्टा प्रखंड की हाटी पंचायत का यह घाट दर्जनों गांवों को प्रखंड और जिला मुख्यालय से जोड़ता है। स्थानीय लोगों को छोटे मोटे कामों के लिए भी हाटी घाट को पार करना पड़ता है। बच्चों को स्कूल और बीमारों को अस्पताल ले जाने में सबसे अधिक कठिनाई होती है। चिकित्सा सुविधा न होने के कारण अधिकतर ग्रामीण झोला छाप डॉक्टरों से इलाज कराने पर मजबूर हैं।


इस मामले को लेकर हमने स्थानीय जदयू विधायक गुंजेश्वर शाह से संपर्क करने का प्रयास किया लेकिन कई बार फ़ोन बजने के बावजूद उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया।

सीमांचल की ज़मीनी ख़बरें सामने लाने में सहभागी बनें। ‘मैं मीडिया’ की सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।

Support Us

एमएचएम कॉलेज सहरसा से बीए पढ़ा हुआ हूं। फ्रीलांसर के तौर पर सहरसा से ग्राउंड स्टोरी करता हूं।

Related News

दशकों से एक पुराने टूटे पुल के निर्माण की राह तकता किशनगंज का गाँव

क्या पूर्णिया के गाँव में मुसलमानों ने हिन्दू गाँव का रास्ता रोका?

बिहार में जीवित पेंशनधारियों को मृत बता कर पेंशन रोका जा रहा है?

शादी, दहेज़ और हत्या: बिहार में बढ़ते दहेज उत्पीड़न की दर्दनाक हकीकत

किशनगंज: एक अदद सड़क को तरसती हजारों की आबादी

क्या राजगीर एयरपोर्ट की भेंट चढ़ जाएगा राजगीर का 800 एकड़ ‘आहर-पाइन’?

बिहार: वर्षों से जर्जर फणीश्वरनाथ रेणु के गांव तक जाने वाली सड़क

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Latest Posts

Ground Report

अररिया में लगातार बढ़ रही मुस्लिम-महादलित कैदियों की हिरासत में मौत

छह सालों से पुल निर्माण कार्य अधूरा, जान हथेली में लिए गुज़रते हैं ग्रामीण

हादसे को दावत दे रहा है कटिहार के बारसोई का जर्जर मालोर पुल

सड़क से वंचित हैं सहरसा के दर्जनों गांव, लोकसभा के बाद अब विधानसभा चुनाव का भी करेंगे बहिष्कार

सड़क निर्माण में गड़बड़ी, ग्रामीणों ने किया विरोध