बिहार के कटिहार जिले की एक 16 वर्षीय लड़की की कथित अपहरण, गैंगरेप और हत्या का मामला इन दिनों सीमांचल में तूल पकड़ने लगा है।
कटिहार जिले के कदवा प्रखंड के खाड़ी अलहंडा गांव के लोग गांव तक जाने वाली कच्ची सड़क को पक्का करने की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर हैं।
किशनगंज जिले (Kishanganj) के पोठिया प्रखंड (Pothia Block) अंतर्गत परलाबाड़ी पंचायत के लगभग 1800 बिजली उपभोगता 5 महीने से अपना बिल का भुगतान करने के लिए परेशान हैं।
किशनगंज में हाथियों का उत्पात जारी है। सोमवार की अहले सुबह हाथियों के झुंड ने जिले की दिघलबैंक पंचायत अंतर्गत रामपुर काॅलोनी बस्ती में उत्पात मचाया। हाथियों ने रामपुर काॅलोनी के लखीराम सोरेन, बुध रॉय, राजू दास, लक्ष्मी देवी सहित कुल छह परिवारों के कच्चे घरों को तोड़ दिया है जबकि घर अंदर रखा अनाज जिसमें चावल, धान, सब्जी आदि को बर्बाद कर दिया। हाथियों ने फसलों को भी नुकसान पहुंचाया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि साल 2022 तक देश के किसानों की कमाई दोगुनी हो जाएगी, लेकिन अब खेती के लिए सबसे जरूरी चीज खाद खरीदना ही किसानों के लिए एक जंग बन गया है।
पांच साल की निशा (बदला हुआ नाम) की अभी खिलौनों से खेलने, खिलखिलाने की उम्र थी, लेकिन उसके चेहरे पर पिछले 12 दिनों से एक अजीब उदासी पसरी हुई है।
दिवाली से एक रोज़ पहले तक पश्चिम चम्पारण के बेतिया से करीब 25 किलोमीटर दूर बसा दक्षिण टेल्हुआ गांव गुलज़ार था, लोगों की चहल-पहल थी। लेकिन, अब यहां मुर्दा सन्नाटा पसरा हुआ है। यहां दिवाली से पहले की सांझ ज़हरीली शराब पीकर एक दर्जन से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। बेतिया में किसी […]
महादलित समुदाय से आने वाले अररिया जिले के रानीगंज प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत बौसी के रहने वाले राजा की सरकारी उम्र 14 साल ही थी, लेकिन उनके रिश्तेदार उसकी उम्र 18-19 साल बताते हैं। मगर उसकी समझदारी बताती है कि वह 18-19 का ही रहा होगा, तभी तो वह रोटी, कपड़ा और मकान की चिंता में घुलता रहता था। वह झोपड़ी में नहीं रहना चाहता था। वो एक ठोस मकान बनाना चाहता था, इसलिए अच्छी कमाई की चाहत उसे घर से 2000 किलोमीटर दूर कश्मीर ले गई थी। वहां 17 अक्टूबर को चरमपंथियों ने उसकी हत्या कर दी।
पूर्णिया जैसी ही स्थिति किशनगंज और अररिया के साथ-साथ समस्तीपुर, सुपौल और बेगूसराय के किसानों की भी है। बारिश के कारण इन जिलों की फसल भी ख़राब हो गई है।
देश की आजादी के 70 साल से ज्यादा वक्त गुजर चुका है। इन 70 सालों में कितनी ही सरकारें आईं और चली गईं। इन दशकों में लोगों की प्राथमिकताएं भी बदलीं। स्मार्ट फोन, फास्ट कनेक्टिविटी लोगों की आवश्यक जरूरतें बन गईं। लेकिन, किशनगंज जिले में नेपाल से सटा एक ऐसा भी गांव है, जिसे देखकर […]
बिहार में चल रहे पंचायत चुनावों में कई तरह की गड़बड़ियां सामने आ रही हैं और कुछेक मामलों में तो मामला पटना हाईकोर्ट में भी जा चुका है। उम्मीदवारों ने बैलेट पेपर में क्रमांक और चुनाव चिन्ह में गड़बड़ी के साथ ही चुनाव परिणामों की घोषणा में खामियों का आरोप लगाया है।
मैं मीडिया ने ग्राउंड पर जाकर पड़ताल की, तो पाया कि तारकिशोर प्रसाद के रिश्तेदार को मिले ठेके के तहत जो काम किया गया, उसमें कई तरह की खामियां हैं, काम की गुणवत्ता से समझौता किया गया है और “हर घर नल का जल” जो नारा सीएम नीतीश कुमार ने दिया था, उससे भी खिलवाड़ हुआ है।
किशनगंज जिले के कोचाधामन प्रखंड स्थित ये बगलबाड़ी गांव है, इस गांव में कभी हँसते खेलते सैंकड़ों परिवार हुआ करते थे। यहाँ के किसान अपनी उपजाऊ जमीन में खेती कर अपने परिवार का भरण पोषण किया करते थे। लेकिन पिछले कई सालों से महानंदा नदी के तांडव से गांव उजड़ गया, लोग बेघर हो गए।
बिहार के कटिहार जिले के उदामारहिका के किसान इन दिनों काफी परेशान हैं। कटिहार जिले के सदर विधायक तारकिशोर प्रसाद सूबे के उपमुख्यमंत्री हैं। कभी के किसान के लिए गोभी की फसल काफी लाभदायक हुआ करती थी, लेकिन अब कोभी किसान अपनी किस्मत को रो रहे हैं।
केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओ में से एक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना गरीबों को भोजन उपलब्ध करा रहा है। लेकिन, जिन बीपीएल परिवारों को राशन की ज्यादा जरूरत है वही परिवार आज राशन से वंचित रह गया है। मामला बिहार के किशनगंज ज़िले का है। ठाकुरगंज प्रखंड के मालेनगांव पंचायत में सैकड़ो ऐसे बीपीएल परिवार हैं जो आज भी राशन कार्ड से वंचित हैं।