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Ground Report

कटिहार: ड्रेनेज सिस्टम के अधूरे काम से लोगों के घर कटने की कगार पर, नेशनल हाइवे का पुल भी धंसा

रोजितपुर निवासी सईद अंसारी ने कहा कि ड्रेनेज सिस्टम के निर्माण में तकनीकी चूक और लापरवाही से मोहल्ले में रहने वाले लोगों के घरों पर खतरा मंडरा रहा है। गड्ढों में न मिट्टी भरी जा रही है न ही अधूरे पड़े निर्माण कार्य को दोबारा शुरू किया जा रहा है। गड्ढे और जलजमाव से बच्चों के गिरने का भी खतरा बढ़ गया है।

किशनगंज के टेढ़ागाछ प्रखंड में बिजली का बुरा हाल; डिबिया, मोमबत्ती और टॉर्च पर निर्भर ग्रामीण

गाँव के बुज़ुर्ग रुकसाना और पूरनलाल शर्मा अपना-अपना मोबाइल फ़ोन लिए पड़ोस के गाँव जा रहे हैं। रुकसाना का मोबाइल स्विच ऑफ होने को है। वह बताती हैं कि पास के फुलवरिया गाँव में कोई 10 रुपए लेकर मोबाइल फुल चार्ज कर देता है, वहीं जाकर वह मोबाइल चार्ज करवाएंगी।

“व्यापरियों में अब उमंग नहीं बचा”, नेपाल द्वारा भंसार नियम सख्त करने पर जोगबनी के दुकानदार चिंतित

फुटपाथ पर कपड़ा बेच रहे अमर यादव ने कहा कि जब से नेपाल सरकार ने भंसार नियम लागू किया है तब से छोटे व्यापारियों की स्थिति बेहद खराब है। घर में एक आदमी कमाने वाला है और खाने वाले पांच हैं ऐसे में गुज़ारा करना बहुत मुश्किल हो गया है।

2017 के सैलाब में उजड़े, अब तक नहीं हो पाये आबाद, बांध पर रहने को मजबूर

सैलाब के समय बशीर का घर गांव में ही था। सैलाब के बाद जब उन्होंने उसी स्थान पर घर बनाना शुरू किया तो दूसरे लोगों ने मना कर दिया। उनकी जमीन को घेर कर गांव के ही दूसरे लोगों ने सब्जी लगा दी। उनलोगों ने बशीर के घर का सारा सामान लाकर बांध पर फेंक दिया। मजबूरी में उनको बांध पर ही घर बना कर रहना पड़ रहा है।

गाइसल रेल हादसा: जब श्मशान में तब्दील हो गया था रेलवे स्टेशन

फास्ट ट्रैक अदालत के न्यायाधीश अजयेंद्रनाथ भट्टाचार्य ने गाइसल रेल दुर्घटना में 6 रेलवे कर्मचारियों को दोषी ठहराते हुए 2 साल की सजा सुनाई। उनमें से प्रत्येक दोषी को 11,500 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया।

“सीधे माथे पर एनकाउंटर किया गया” – कटिहार में हुई पुलिस फायरिंग पर ग्राउंड रिपोर्ट

Barsoi Police Firing: मौके पर मौजूद स्थानीय बिजली विभाग के कर्मी मोनू से लेकर प्रदर्शन में मौजूद मुखिया प्रतिनिधि, स्थानीय विधायक महबूब आलम, सभी प्रशासन से एक ही सवाल कर रहे हैं कि क्या भीड़ पर गोली चलाने के अलावा प्रशासन के पास कोई और रास्ता नहीं था?

पुलिस थाना बनाने के लिए 300 दुकानों पर चला बुलडोज़र, बारसोई से ग्राउंड रिपोर्ट

बिहार के कटिहार जिले में प्रशासन ने अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत कई दुकानों को ज़मींदोज़ कर दिया है। बीते शनिवार को कटिहार के बारसोई प्रखंड स्थित सालों पुराने बिघोर हाट में प्रशासन द्वारा बुलडोजर चला कर करीब 300 दुकानों को तोड़ दिया गया।

किशनगंज: मनरेगा योजना में मज़दूरों की जगह जेसीबी, ट्रेक्टर का प्रयोग, विभाग बेखबर

किशनगंज में नियमों को ताक पर रख कर मनरेगा की कई परियोजनाओं में जेसीबी और ट्रैक्टर का प्रयोग किया जा रहा है।

JMCS Chit Fund Fraud: गरीबों के लाखों रुपये लूटकर जनशक्ति चिट फंड कंपनी फरार

Janshakti Multi State Multi Purpose Cooperative Society Ltd. या JMCS नाम की एक संस्था पिछले कुछ सालों से बिहार के किशनगंज ज़िले के अलग-अलग इलाकों में चिट फंड का काम कर रही थी।

अररिया में एक फैसले से पांच हज़ार आदिवासी-दलित हो जाएंगे बेघर

हाईकोर्ट के निर्देश पर अनुमंडल दंडाधिकारी ने सभी साक्ष्यों और गवाहों के अवलोकन के बाद जमीदार के पक्ष में फैसला सुना दिया। उच्च न्यायालय पटना के 7 सितंबर 1994 पारित आदेश में स्पष्ट निर्देश है कि अनुमंडल दंडाधिकारी अररिया दंड प्रक्रिया संहिता के धारा 145 के तहत पारित आदेश का पालन करें।

‘हम चाहते थे बेटा पढ़ाई करे, मज़दूरी नहीं’, नेपाल में मरे मज़दूरों की कहानी

दिघलबैंक ग्राम पंचायत अंतर्गत बैरबन्ना गांव के कई नौजवान मज़दूर नेपाल के इलाम ज़िले में लेबर-मिस्त्री का काम करते हैं। इन्हीं में से चार मजदूर थे अजीमुद्दीन, अब्दुल, तौसीफ और मुजफ्फर। बीते 5 मई की शाम काम के दौरान एक निर्माणाधीन मकान के धंसने से चारों की मौत हो गई। चारों मृतक एक ही खानदान से थे।

ज़मीन पर विफल हो रही ममता बनर्जी सरकार की ‘निज घर निज भूमि योजना’

मई 2011 में पहली बार पश्चिम बंगाल में तृणमूल की सरकार आने के करीब पांच महीने बाद ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 'निज गृह निज भूमि प्रकल्पो' यानी 'अपना घर, अपनी ज़मीन योजना' की शुरुआत की।

महादलित गाँव के लिए 200 मीटर रोड नहीं दे रहे ‘जातिवादी’ ज़मींदार!

ग्रामीणों का कहना है कि गांव को मुख्य सड़क से जोड़ने वाला रास्ता कुछ ज़मींदारों की निजी ज़मीन है। ज़मींदार अपनी ज़मीन पर पक्की सड़क बनने नहीं देना चाहते हैं।

बिहारशरीफ में कैसे और कहां से शुरू हुई सांप्रदायिक हिंसा?

सीएम नीतीश कुमार के गृह जिला नालंदा के बिहारशरीफ में रामनवमी शोभायात्रा में मामूली कहासुनी से शुरू हुई हिंसा ने शहर के सामाजिक ताने बाने पर बुरा असर डाला है।

हाथियों के उत्पात से दहशत, पांच मौत, घर व फसल तबाह

पिछले पांच सालों में हाथियों के हमले में पांच ग्रामीणों की मौत हो चुकी है, सैकड़ों घर बर्बाद हो चुके हैं और कई एकड़ मक्के की फसल तबाह हो चुकी है। अकेले 2023 में किशनगंज ज़िले के ठाकुरगंज और दिघलबैंक प्रखंड में एक महिला सहित दो ग्रामीण को हाथियों के झुंड ने मार डाला।

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