अररिया ज़िले के एक गाँव इन दिनों निरन्तर हो रही आगजनी की घटनाओं से परेशान है। ज़िले की बटुरबाड़ी पंचायत अंतर्गत झौआ गांव में लगातार आग लगने की घटना सामने आ रही है।
शहर के मुख्य चौराहा चांदनी चौक पर एक ओर फुटकर फल विक्रेताओं का सड़क पर कब्जा रहता है, तो दूसरी ओर कपड़ा दुकान में आये ग्राहकों के वाहनों की पार्किंग किये जाने से मुख्य सड़क संकरी हो जाती है।
सारण जिले का मशरक प्रखंड व इससे सटे प्रखंडों में बीते तीन दिनों में जहरीली शराब पीने से चार दर्जन से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
दोनों गिरोह भागलपुर जिले के पीरपैंती से सटे बाखरपुर, कटिहार के बरारी समेत झारखंड के साहिबगंज से सटे दियारा क्षेत्रों में सक्रिय हैं। घटनास्थल साहिबगंज, भागलपुर और कटिहार जिले के दियारा क्षेत्र का सेंटर प्वाइंट है।
किशनगंज के आशा लता मध्य विद्यालय के निकट स्थित राजकीय कन्या मध्य विद्यालय भी जर्जर हालत में है। इस स्कूल की स्थापना सन 1949 में हुई थी।
आत्मनिर्भर भारत और स्वच्छ भारत मिशन का बेहतरीन उदाहरण पेश कर रहे सुपौल के इस कुटीर उद्योग में सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं मिली है।
पूर्णिया ज़िले के जलालगढ़ प्रखंड की जलालगढ़ पंचायत स्थित सीमा गाँव निवासी भोजू चौहान का परिवार उन 0.2% में आता है, जिनके पास अब तक एलपीजी कनेक्शन नहीं है।
लगभग 48 एकड़ भूमि में फैला बैजनाथपुर पेपर मिल लगभग 45-47 साल से बंद है। हर बार चुनाव होता है, तो इस पेपर मिल का मुद्दा उछलता है, मगर इससे आगे कुछ नहीं हो पाता।
बिजली बिल वसूलने और मीटर रीडिंग करने के लिए कुछ प्राइवेट कर्मियों को कॉन्ट्रैक्ट पर रखा गया जिसे आरआरएफ यानी Rural Revenue Franchise कहा गया।
श्याम सुंदर दास बिहार के सुपौल जिले के प्रतापगंज प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत भवानीपुर दक्षिण वार्ड नंबर 3 के रहने वाले हैं। वह 24 अक्टूबर को 18 साल के बाद पाकिस्तान की जेल से रिहा होकर गांव पहुंचे।
भारत में मजदूरों को सीधे तौर पर आर्थिक सहायता पहुंचाने के लिए भारत सरकार ने 7 सितंबर 2005 से महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना MGNREGA की शुरुआत की थी।
साल 2018 में तत्कालीन रेल मंत्री पीयूष गोयल ने उच्चस्तरीय बैठक कर देशभर के रेल मंडलों से मानव रहित रेलवे क्रॉसिंगों को मिशन मोड में हटाने को कहा था।
साल 2017 की प्रलयकारी बाढ़ में सिहागांव के पास एक पुल क्षतिग्रस्त हो गया था। पुल क्षतिग्रस्त होने के 5 साल बीत जाने के बाद भी दोबारा पुल का निर्माण नहीं हो पाया है
बांस का यह पुल कटिहार ज़िले के अमदाबाद प्रखंड को मालदा जिले के हरिश्चंद्रपुर-2 प्रखंड से जोड़ता है।
“नदी की दूसरी तरफ मेरा मायके है। नदी की पश्चिम तरफ ससुराल है और पूरब की तरफ मायके है। आने जाने में बहुत परेशानी होती है।” 70 साल की आसमा खातून की शादी 40-50 साल पहले नदी की दूसरी तरफ के गांव में इस उम्मीद में कराई गई थी की कुछ सालों में नदी पर […]