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Seemanchal News, Kishanganj News, Katihar News, Araria News, Purnea News in Hindi

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Watch: डर के साये में जी रही 5 वर्षीय रेप सर्वाइवर

पांच साल की निशा (बदला हुआ नाम) की अभी खिलौनों से खेलने, खिलखिलाने की उम्र थी, लेकिन उसके चेहरे पर पिछले 12 दिनों से एक अजीब उदासी पसरी हुई है।

उल्टियां, सिर दर्द, अंधापन फिर मौत- जहरीली शराब ने छीन ली 40 ज़िंदगियाँ

दिवाली से एक रोज़ पहले तक पश्चिम चम्पारण के बेतिया से करीब 25 किलोमीटर दूर बसा दक्षिण टेल्हुआ गांव गुलज़ार था, लोगों की चहल-पहल थी। लेकिन, अब यहां मुर्दा सन्नाटा पसरा हुआ है। यहां दिवाली से पहले की सांझ ज़हरीली शराब पीकर एक दर्जन से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। बेतिया में किसी […]

कश्मीर में मजदूरों की हत्या: बेहतर जिंदगी, मकान का सपना रह गया अधूरा

महादलित समुदाय से आने वाले अररिया जिले के रानीगंज प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत बौसी के रहने वाले राजा की सरकारी उम्र 14 साल ही थी, लेकिन उनके रिश्तेदार उसकी उम्र 18-19 साल बताते हैं। मगर उसकी समझदारी बताती है कि वह 18-19 का ही रहा होगा, तभी तो वह रोटी, कपड़ा और मकान की चिंता में घुलता रहता था। वह झोपड़ी में नहीं रहना चाहता था। वो एक ठोस मकान बनाना चाहता था, इसलिए अच्छी कमाई की चाहत उसे घर से 2000 किलोमीटर दूर कश्मीर ले गई थी। वहां 17 अक्टूबर को चरमपंथियों ने उसकी हत्या कर दी।

असमय आंधी और बारिश से सीमांचल में फसलों की तबाही

पूर्णिया जैसी ही स्थिति किशनगंज और अररिया के साथ-साथ समस्तीपुर, सुपौल और बेगूसराय के किसानों की भी है। बारिश के कारण इन जिलों की फसल भी ख़राब हो गई है।

दल्लेगांव: यहां लाशों को भी मुक्ति के लिए नदी पार करना पड़ता है

देश की आजादी के 70 साल से ज्यादा वक्त गुजर चुका है। इन 70 सालों में कितनी ही सरकारें आईं और चली गईं। इन दशकों में लोगों की प्राथमिकताएं भी बदलीं। स्मार्ट फोन, फास्ट कनेक्टिविटी लोगों की आवश्यक जरूरतें बन गईं। लेकिन, किशनगंज जिले में नेपाल से सटा एक ऐसा भी गांव है, जिसे देखकर […]

बिहार पंचायत चुनाव: बैलट पेपर से लेकर चुनाव परिणामों में व्यापक गड़बड़ी

बिहार में चल रहे पंचायत चुनावों में कई तरह की गड़बड़ियां सामने आ रही हैं और कुछेक मामलों में तो मामला पटना हाईकोर्ट में भी जा चुका है। उम्मीदवारों ने बैलेट पेपर में क्रमांक और चुनाव चिन्ह में गड़बड़ी के साथ ही चुनाव परिणामों की घोषणा में खामियों का आरोप लगाया है।

डिप्टी सीएम के साले का नल-जल का काम: टूटे नल, आयरनयुक्त पानी, कई घरों में नल नहीं

मैं मीडिया ने ग्राउंड पर जाकर पड़ताल की, तो पाया कि तारकिशोर प्रसाद के रिश्तेदार को मिले ठेके के तहत जो काम किया गया, उसमें कई तरह की खामियां हैं, काम की गुणवत्ता से समझौता किया गया है और “हर घर नल का जल” जो नारा सीएम नीतीश कुमार ने दिया था, उससे भी खिलवाड़ हुआ है।

बिहार के एक गाँव की गुहार, हमारा घर बचा लो सरकार

किशनगंज जिले के कोचाधामन प्रखंड स्थित ये बगलबाड़ी गांव है, इस गांव में कभी हँसते खेलते सैंकड़ों परिवार हुआ करते थे। यहाँ के किसान अपनी उपजाऊ जमीन में खेती कर अपने परिवार का भरण पोषण किया करते थे। लेकिन पिछले कई सालों से महानंदा नदी के तांडव से गांव उजड़ गया, लोग बेघर हो गए।

उपमुख्यमंत्री के विधानसभा में गोभी रौंद रहे हैं किसान

बिहार के कटिहार जिले के उदामारहिका के किसान इन दिनों काफी परेशान हैं। कटिहार जिले के सदर विधायक तारकिशोर प्रसाद सूबे के उपमुख्यमंत्री हैं। कभी के किसान के लिए गोभी की फसल काफी लाभदायक हुआ करती थी, लेकिन अब कोभी किसान अपनी किस्मत को रो रहे हैं।

राशन कार्ड से वंचित सैकड़ों BPL परिवार, दर्द बताते रो पड़ी माँ

केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओ में से एक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना गरीबों को भोजन उपलब्ध करा रहा है। लेकिन, जिन बीपीएल परिवारों को राशन की ज्यादा जरूरत है वही परिवार आज राशन से वंचित रह गया है। मामला बिहार के किशनगंज ज़िले का है। ठाकुरगंज प्रखंड के मालेनगांव पंचायत में सैकड़ो ऐसे बीपीएल परिवार हैं जो आज भी राशन कार्ड से वंचित हैं।

वर्षों से पक्की सड़क के लिए तरस रहे NH 81 के लोग

बिहार से बंगाल को जोड़ने वाली मुख्य सड़क NH 81 वर्षों से टूटी फूटी और कच्ची अवस्था में हैं। बिहार और बंगाल दोनों राज्य के लोगों को इस सड़क से आने जाने में काफी समस्या का सामना करना पड़ता है।

बिहार के किशनगंज जिले में उद्घाटन से पहले ही धंस गया पुल

[vc_row][vc_column][vc_column_text]बिहार के किशनगंज जिले में ग्रामीण कार्य विभाग के द्वारा करोड़ों की लागत से बन रहा एक पुल उद्घाटन से पहले ही धंस गया है। जिले के दिघलबैंक प्रखंड के पथरघट्टी पंचायत स्थित गोआबाड़ी गांव में ये पुल एक करोड़ 42 लाख की लागत से बन रहा था। पुल निर्माण का कार्य 25 जून 2019 को शुरू […]

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‘हम चाहते थे बेटा पढ़ाई करे, मज़दूरी नहीं’, नेपाल में मरे मज़दूरों की कहानी

किशनगंज का नेहरू कॉलेज, जहाँ 21 एकड़ के कैंपस में छात्र से ज़्यादा मवेशी नज़र आते हैं

ज़मीन पर विफल हो रही ममता बनर्जी सरकार की ‘निज घर निज भूमि योजना’

महादलित गाँव के लिए 200 मीटर रोड नहीं दे रहे ‘जातिवादी’ ज़मींदार!

बिहारशरीफ में कैसे और कहां से शुरू हुई सांप्रदायिक हिंसा?