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गोपालगंज पुल EXCLUSIVE: बिहार सरकार की लापरवाही आई सामने, इस शख्स ने एक दिन ही पहले ही दे दी थी चेतावनी

आरोप-प्रत्यारोप के बीच मैं मीडिया ने इस High profile घटना के उस किरदार को ढूंढ निकाला है जिसने पुल ढहने के एक दिन पहले ही प्रशासन और सरकार को इसकी चेतावनी दे दी थी।

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Published On :
Gopalganj Bridge: Bihar government's negligence surfaced, this person had given warning a day before

बिहार के गोपालगंज में 264 करोड़ रुपए की लागत से बने सत्तर घाट पुल की अप्रोच रोड एक महीने में ध्वस्त हो गई। सोशल मीडिया में वीडियो वायरल होने के बाद बिहार सरकार की चौतरफा किरकिरी हुई।


विपक्ष ही नहीं बल्कि NDA के साथी चिराग पासवान ने भी नीतीश कुमार के सुशासन पर सवाल उठाए।


आनन-फानन में बिहार सरकार ने सफाई दी और बताया कि मुख्य पुल को कोई नुकसान नहीं हुआ है, बल्कि उसी सड़क पर आगे मौजूद एक छोटी पुलिया का संपर्क मार्ग टूटा है।

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बिहार सरकार में पथ निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव ने तो इसे प्राकृतिक आपदा बताते हुए यहां तक कह डाला कि बिहार में पुल और सड़कों का बह जाना कोई बड़ी बात नहीं है। बाढ़ में तो ऐसा होते रहता है।

आरोप-प्रत्यारोप के बीच मैं मीडिया ने इस High profile घटना के उस किरदार को ढूंढ निकाला है जिसने पुल ढहने के एक दिन पहले ही प्रशासन और सरकार को इसकी चेतावनी दे दी थी। ये हैं संजय राय, बैकुंठपुर प्रखंड फैजुल्लाहपुर पंचायत की मुखिया कुंती देवी के पति हैं। जिन्होंने घटना से 24 घंटे पहले ही वीडियो बनाकर न सिर्फ पुल के ढहने की चेतावनी दी थी बल्कि उसके पीछे का कारण भी बताया था।

अब ऐसे में सवाल ये उठता लाज़िमी है कि जब वहां के एक स्थानीय निवासी को इतनी समझ थी कि पुल कभी भी ढह सकता है तो फिर है, तो फिर सरकार और प्रशासन का तंत्र कुम्भकर्ण की नींद क्यों सो रहा था?

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