किशनगंज टाउन थाना क्षेत्र के फरिंगगोला चेकपोस्ट के समीप राष्ट्रीय राज मार्ग 27 से सशस्त्र सीमा बल के जवानों ने 30 मवेशियों से भरे ट्रक के साथ चार मवेशी तस्करों को पकड़ा है। गुप्त सूचना के आधार पर जवानों ने यह कार्रवाई की।
बताया जाता है कि ये तस्कर पश्चिम बंगाल से मवेशियों को ट्रक में लादकर रात के अंधेरे का फायदा उठाकर, किशनगंज सीमा पार करने की कोशिश कर रहे थे।
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गिरफ्तार तस्करों ने बताया कि पश्चिम बंगाल के दालकोला थाना क्षेत्र के दौलतपुर गांव से मवेशियों को ट्रक में लादकर पांजीपाड़ा में पहुंचाना था। तारिकुल हक़ नामक एक तस्कर ने बताया, “इन जानवरों को दौलतपुर से पांजीपाड़ा ले जाना था। हमलोग सुबह 9 बजे निकले थे और यहां 10 बजे हमें पकड़ा गया। यहां से गाड़ी रोज जाती है। हमको 1000 रुपए मिलते हैं। हम 6 रोज़ पहले आए थे, तो मालिक हमको यहां जानवर लेकर भेज दिया। मालिक का नाम बबलू है। एक आदमी हमारी गाड़ी की खबर पुलिस को दे दी और हमको पकड़वा दिया।” तारिकुल हक़ के अलावा गिरफ्तार किए गए तीन और तस्करों के नाम सफियूर रेहमान, आज़ाद अली और अमीरुल रहमान हैं।
एसएसबी के कमांडेंट मुन्ना सिंह ने कहा कि उन्हें पशु तस्करी की गुप्त सूचना मिली थी, जिसके बाद राष्ट्रीय राजमार्ग पर जाल बिछाकर ट्रक को पकड़ा गया। उन्होंने कहा कि किशनगंज जिले के राष्ट्रीय राज मार्ग 27 और 327 ई में अंतराज्यीय मवेशी तस्कर गिरोह काफी सक्रिय है, जो उत्तरप्रदेश, राजस्थान हिमाचल प्रदेश के अलावा नेपाल से चोरी छिपे मवेशियों को लाकर गैरकानूनी तरीके से इसी मार्ग से होकर असम और बंगलादेश तक भेजता है। उन्होंने कहा कि एसएसबी के जवान नेपाल सीमा से लेकर किशनगंज जिले तक सक्रिय हैं। मुखबिरों से खबर मिलने पर पुलिस की मदद से सीमा सुरक्षा बल मवेशी तस्करों को पकड़ता है।
उन्होंने आगे कहा, “बिहार में मवेशी तस्करी अपराध है हालांकि कुछ ऐसे बुचरखाने हैं जिनके लाइसेंस बने हुए हैं, लेकिन उनका आधार उस रूप में है जो अपनी उत्पादन क्षमता खो चुके हैं।”
नेपाल से मवेशियों की तस्करी कर भारत में लाना एक अंतराष्ट्रीय मुद्दा है। भारत-नेपाल सीमा पर सशस्त्र सीमा बल लगातार इन मवेशी तस्करों की गिरफ्तारी कर रहा है और आगे भी मवेशी तस्करी पर रोक लगाने की हर संभव प्रयास किया जाएगा।”
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