किशनगंज के दिघलबैंक प्रखंड क्षेत्र सहित नेपाल के तराई क्षेत्रों में सोमवार की रात से हो रही लगातार बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। वहीं, भारी बारिश से प्रखंड क्षेत्र से होकर बहने वाली कनकई, बूढ़ी कनकई सहित उनकी सहायक छोटी नदियों का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ जैसे हालत पैदा हो गये हैं।
मंगलवार दोपहर तक तटवर्ती इलाके में पानी भरने लगा है, जिससे लोग सहमे हुए हैं। दिघलबैंक प्रखंड क्षेत्र में हो रही मुसलाधार बारिश के बाद निचले इलाकों में कनकई व बूढ़ी कनकई नदी का पानी गाँव में घुस गया है, जबकि जगह-जगह डायवर्सन व सड़कें कट गई हैं। वहीं, प्रखंड की करवामनी पंचायत अंतर्गत बारहभांग गाँव में स्थित नव प्राथमिक विद्यालय बारहभांग में बूढ़ी कनकई नदी का पानी घुस गया है, जिससे यहां बाढ़ जैसा हालात हैं। लगातार बारिश के बीच कटाव भी तेज हो गया है जिससे लोग सहमे हुए हैं।
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कई गांवों में बाढ़ जैसे हालात
वहीं लगातार हो रही मुसलाधार बारिश के बाद कई गांव में बाढ़ जैसे हालात बन गये हैं। दिघलबैंक के पथरघट्टी, दोदरा, ग्वालटोली, बारहभांग, पलसा, आठगछिया, गिरीटोला में कनकई व बूढ़ी कनकई नदी का पानी गांव में घुसने से बाढ़ की स्थिति बन गई है। लोग अपने बचाव के लिए ऊंचे स्थानों पर पलायन करने को मजबूर हैं।
कटाव हुआ तेज
लगातार बारिश के बाद जगह जगह कटाव तेज हो गया है। दिघलबैंक के ग्वालटोली में कटाव इतना तेज है कि यहां इस वर्ष अबतक एक दर्जन परिवारों ने अपना घर तोड़कर पलायन कर लिया है। इधर आठगछिया के गोरूमरा और कैलान बस्ती कब्रिस्तान बूढ़ी कनकई नदी के कटाव की जद में है। कब्रिस्तान के तेजी से कटाव को देख स्थानीय लोगों ने जनप्रतिनिधियों से लेकर प्रशासन तक कटाव निरोधक कार्य कराने की मांग की है, लेकिन अब तक कोई काम नहीं हुआ है, जिससे लोगों में नाराजगी है।
बिहारटोला स्कूल कटाव के जद में
इधर, लगातार बारिश और जलस्तर बढ़ने से धनतोला के बिहारटोला में सरकारी स्कूल कटाव की कगार पर है। बिहारटोला में बीते कई सालों से कटाव हो रहा है, लेकिन वहां कटाव निरोधी कार्य के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की गयी है।
गौरतलब हो कि दिघलबैंक नेपाल सीमा से सटा हुआ है, जहां हर साल बाढ़ से करोड़ों रुपए का नुकसान होता है जबकि खेती योग्य जमीन, घर, सड़क आदि क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। साल 2017 की बाढ़ में क्षतिग्रस्त हुए दर्जनों सड़क, पुल, पुलिया अभी भी जस की तस बने हुए हैं।
वहीं, बाढ़ ग्रस्त पंचायत की बात करें, तो सिंघीमारी, पथरघट्टी, धनतोला, आठगछिया, लक्ष्मीपुर और लोहागड़ा खतरनाक जोन में शामिल हैं।
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