कटिहार जिले के कुरसेला, मनिहारी, अमदाबाद और बरारी प्रखंड की कई पंचायतों में गंगा और कोसी नदी के जलस्तर में हो रही वृद्धि ने तबाही मचा दी है। बाढ़ का पानी गांवों में प्रवेश कर गया है, जिससे स्थानीय लोग घर छोड़कर ऊंचे स्थानों पर शरण लेने के लिए मजबूर हो रहे हैं। गंगा का जलस्तर कुरसेला प्रखंड में खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है, और लोगों के बीच खाने-पीने की समस्या गंभीर हो गई है।
बाढ़ की विभीषिका इतनी बढ़ गई है कि कई सरकारी स्कूलों में भी पानी घुस चुका है, जिससे स्कूलों में पठन-पाठन बंद हो गया है। कुछ स्कूलों के बच्चों को दूसरे स्कूलों में शिफ्ट किया गया है ताकि उनकी पढ़ाई जारी रह सके। आंगनबाड़ी केंद्रों में भी पानी घुस जाने से बच्चों की देखभाल और पोषण कार्यक्रमों पर बुरा असर पड़ा है।
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कुरसेला प्रखंड और नगर पंचायत के पचखूंटी, बाघमारा, मलिनिया, बल्थी महेशपुर, मिर्जापुर, गोबराही दियारा, पत्थर टोला, खेरिया, कुर्सेला बस्ती, तीनघरिया, मजदिया, कमलाकान्ही, मधेली और चाय टोला जैसे गांवों में बाढ़ का पानी हजारों घरों में प्रवेश कर चुका है। लोग मचान या चौकी पर खाना बनाकर किसी तरह अपनी जिंदगी बचाने की कोशिश कर रहे हैं। बाढ़ से गांवों का सड़क संपर्क पूरी तरह से कट चुका है और नाव ही एकमात्र सहारा बन गई है।
कुर्सेला में बाढ़ के विकराल रूप को देखते हुए लोगों ने ऊंचे स्थानों की ओर पलायन शुरू कर दिया है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सरकारी राहत का अब तक इंतजार है, जबकि लोगों की समस्याएं दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं। खाने-पीने की किल्लत और सुरक्षित स्थानों की कमी से लोग परेशान हैं।
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