अररिया के नगर थाना क्षेत्र में रामपुर कोदरकट्टी पंचायत के राजपूत टोला स्थित लक्ष्मी-नारायण मंदिर में मंगलवार की देर रात असामाजिक तत्वों द्वारा मंदिर में स्थापित प्रतिमा के साथ तोड़फोड़ की गई और ध्वज के साथ छेड़छाड़ करते हुए दूसरे समुदाय का झंडा लगा दिया गया।
बुधवार की सुबह ग्रामीणों ने टूटी प्रतिमा और झंडा देखा व तुरंत इसकी सूचना थाने को दी गई। घटना की सूचना पाकर भारी संख्या में पुलिस बल पहुंची और तनाव की आशंका के मद्देनजर फ्लैग मार्च किया। मौके पर अब भी पुलिस बल मौजूद है, ताकि माहौल तनावपूर्ण न हो जाए।
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स्थानीय लोगों के मुताबिक, बुधवार की सुबह मंदिर की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त हालत में देखा गया। यही नहीं, मंदिर परिसर में दूसरे समुदाय का झंडा भी लगा हुआ था और एक एक ध्वज को ब्लेड से काटा गया था।
पंचायत में हिन्दू-मुस्लिम आबादी
रामपुर कोदरकट्टी पंचायत में 65 प्रतिशत आबादी मुस्लिम और 35 प्रतिशत आबादी हिन्दुओं की है। इस पंचायत में हुए पंचायत चुनाव में इस बार भाजपा नेता राजेश कुमार सिंह की पत्नी ने मुखिया पद पर जीत दर्ज की है।
मंदिर राजेश कुमार सिंह के आवास के निकट स्थित है। उन्होंने कहा, “सुबह मैं मॉर्निंग वाक पर निकला, तो देखा कि मंदिर पर दूसरे समुदाय का झंडा लगा हुआ है और मूर्ति क्षतिग्रस्त है। इसकी सूचना मैं थाने में दी, तो आधे घंटे के भीतर भारी संख्या में पुलिस बल पहुंची और इलाके में फ्लैग मार्च किया।”
उन्होंने कहा कि आसपास की आधा दर्जन पंचायतों में इतना भव्य मंदिर नहीं है और यहां दूर दराज से लोग पूजा-पाठ करने के लिए आते हैं।
इस घटना की खबर पाकर मौके पर एसडीओ शैलेश चंद्र दिवाकर, एसडीपीओ पुष्कर कुमार, बीडीओ आशुतोष कुमार, सीओ गोपीनाथ मंडल व नगर थानाध्यक्ष शिव शरण पहुंचे थे। उन्होंने पुलिस बल के साथ फ्लैग मार्च करने के बाद मुखिया, पूर्व मुखिया, सरपंच सहित ग्रामीणों के साथ बैठक की व मामले को शांत कराया।
राजेश कुमार सिंह कहते हैं, “लक्ष्मी-नारायण मंदिर में स्थापित विष्णु भगवान व साथ में उनके माथे पर स्थापित शेषनाग की प्रतिमा के पांच मुख में से मुख्य मुख को किसी असमाजिक तत्व द्वारा तोड़ दिया गया था। साथ ही मंदिर परिसर में हनुमान भगवान के समक्ष स्थापित ध्वज को तोड़ते हुए उसमें लगे ध्वज पताका को फाड़ दिया गया। साथ ही दूसरे समुदाय का झंडा वहां लगा दिया गया था।”
“घटना की सूचना हमने पुलिस को दी तो तुरंत पुलिस बल पहुंची और फ्लैग मार्च किया। पुलिस की टीम अब भी गांव में मौजूद है। स्थिति सामान्य है,” राजेश कुमार ने कहा। उन्होंने आगे कहा, “पुलिस ने अतिसक्रियता दिखाई जिससे हालात तनावपूर्ण नहीं बन पाये।”
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस पंचायत में कभी भी साम्प्रदायिक तनाव की स्थिति नहीं बनी है। कभी भी ऐसी स्थिति बनती है, तो दोनों समुदाय के लोग आपसी सुलह से मामले को काबू में कर लेते हैं।
यहां यह भी बता दें कि पिछले कुछ सालों में साम्प्रदायिक दंगों के मामले में बिहार शीर्ष पर रहा है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के मुताबिक, साल 2018 में बिहार में साम्प्रदायिक हिंसा की 167 वारदातें हुई थीं। साल 2019 में साम्प्रदायिक तनाव की 135 घटनाएं हुई थीं, जो साल साल 2020 में घटकर 117 पर आ गईं, लेकिन तब भी बिहार शीर्ष पर है। लेकिन, सीमांचल के जिलों में इस तरह की वारदातें अब भी नहीं के बराबर होती हैं।
दोनों संप्रदाय के लोगों ने दिखाई समझदारी
घटना की जानकारी मिलने के बाद मंदिर परिसर में रामपुर कोदरकट्टी पंचायत के पूर्व मुखिया प्रतिनिधि मो. शहजाद आलम, सरपंच व हिंदू-मुस्लिम संप्रदाय के वरिष्ठ लोगों के साथ बैठक कर वरीय पदाधिकारियों ने मामले को शांत कराया। मामले को शांत कराने में दोनों संप्रदाय के लोगों का बहुत बड़ा योगदान रहा।
शहजाद आलम ने कहा, “मूर्ति को क्षतिग्रस्त करना और झंडे लगा देना आपराधिक कृत्य है। पुलिस इस मामले में गंभीरता से जांच कर असली दोषियों को गिरफ्तार कर कठोर सजा दिलवाये ताकि आइंदा इसी घटना न हो।”
घटना की जानकारी मिलने पर स्थानीय सांसद प्रदीप कुमार सिंह भी पंचायत में पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। सदर एसडीपीओ पुष्कर कुमार ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है यह काम जिस किसी ने भी किया उसे जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।
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