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पूर्णिया: मानसून की पहली बारिश में ही कटाव का दंश झेलने पर मजबूर बायसी

जल आपदा के आदी हो चुके पूर्णिया ज़िले के बायसी अनुमंडल की जनता मानसून की पहली बारिश में कटाव का दंश झेलने पर मजबूर है। सात नदियों से घिरे बायसी में महानंदा, परमान और कनकई नदी के कटाव ने कई गांवों पर अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है।

Reported By JP Mishra |
Published On :
First Monsoon rain faces Purnia's Baisai to face erosion

जल आपदा के आदी हो चुके पूर्णिया ज़िले के बायसी अनुमंडल की जनता मानसून की पहली बारिश में कटाव का दंश झेलने पर मजबूर है। सात नदियों से घिरे बायसी में महानंदा, परमान और कनकई नदी के कटाव ने कई गांवों पर अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है।


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बायसी के विभिन्न इलाकों से होकर गुजरने वाली परमान नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है, जिसके कारण बाढ़ के ख़तरे के साथ-साथ कटाव की समस्या भी उत्पन्न हो गई है। बायसी के हाथी बंधा गांव में परमान नदी के किनारे पूर्व से किया गया कटाव निरोधक कार्य एक बार फिर नदी में समा गया है। इसके कारण हाथी बंधा गांव पर कटाव का खतरा मंडराने लगा है। यही स्थिति महानंदा नदी के तट पर बसे बंगामा पंचायत की है। यहां भी कटाव जारी है।


 First Monsoon rain faces Purnia's Baisai to face erosion

ग्रामीण कटाव की स्थिति को देखते हुए रतजगा करने पर मजबूर हैं।

स्थानीय मो. शाह आलम कहते हैं,

कटाव शुरू हो गया है। पानी भी बढ़ रहा है। सब दहशत में हैं। प्रशासन से कोई मदद नहीं मिल रही है। हमलोग डर से रात को जगे रहते हैं।

मो. शाह आलम, स्थानीय

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वहीं ग्रामीण आवेश रजा कादरी ने बताया,

हाथी बंधा गांव के वार्ड नंबर 1 और 2 के लोग बहुत परेशान हैं। थोड़ा पानी बढ़ते ही कटाव शुरू हो जाता है। जान बचाना मुश्किल हो जाएगा, घर तो दूर की बात है। किसी ने इसे रोकने के लिए आज तक कोई काम नहीं किया।

आवेश रजा कादरी, ग्रामीण

हाथी बंधा पंचायत के मुखिया ने कटाव के बाबत बताया कि

हर वर्ष कटाव निरोधक कार्य होता है, लेकिन खानापूर्ति के कारण हर वर्ष कटाव की समस्या बनी रहती है। स्थानीय मुखिया मतीउर रहमान ने कहा “पिछले साल भी कटाव हुआ था। हर साल ऐसा होता है और MLA, MP देख कर चले जाते हैैं।

मतीउर रहमान, मुखिया

प्राकृतिक आपदाओं की आदी हो चुके बायसी अनुमंडल की जनता बारिश के शुरुआत में ही नदी के रौद्र रूप का सामना करने पर मजबूर हैं। ऐसे में सरकार द्वारा अविलंब कटाव निरोधक कार्य को शुरू करने की आवश्यकता है, ताकि कटाव पीड़ित लोगों को राहत मिल सके।

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