बिहार के पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव को रंगदारी मामले में कोर्ट से बेल मिल गई है। गुरुवार को पप्पू यादव अपने वकील के साथ पूर्णिया व्यवहार न्यायालय पहुंचे जहां जज ने उन्हें रंगदारी मामले में बेल दे दी। कोर्ट से बाहर निकल कर पप्पू यादव ने कहा कि वह इस पूरे मामले से बहुत आहत हैं। उनके विरुद्ध सोच समझ कर साज़िश की गई है जिसके विरुद्ध वह उच्चतम न्यायालय तक जाएंगे।
पप्पू यादव ने कहा, “मैं अपने जीवन में इतना हर्ट कभी नहीं हुआ, इतनी मानसिक यातना कभी नहीं देखी। थाना प्रभारी और उस व्यक्ति का कॉल डिटेल निकाला जाए। सुप्रीम कोर्ट तक लडूंगा इस एफआईआर के लिए।”
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धारा 387 को बताया वरीय पदाधिकारी की साज़िश
आगे उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति से वह कभी नहीं मिले, उसके एक आवेदन पर थाना प्रभारी की मिली भगत से उनपर केस किया गया है। पूर्णिया सांसद ने आरोप लगाया कि यह सारा मामला वरीय पदाधिकारी के आदेश पर हुआ और जबरदस्ती सीजीएम कोर्ट में धारा 387 लगाई गई।
“पहले धारा 385, बाद में साज़िश के तहत ऊपर के पदाधिकारी के दबाव पर सीजीएम कोर्ट में धारा 387 लगायी। धारा 387 का मतलब है- सीधे मिले उसको धमकी दिए और हम मौखिक कुछ ज़बरदस्ती वसूली किये। किस आधार पर 387? जितनी ताकत है प्रशासक लगा ले। हम भ्रष्टाचार को मिटा देंगे और इनलोगों की मनमानी को हम ख़त्म कर देंगे,” पप्पू यादव बोले।
“किसी को नहीं छोड़ेंगे”
पूर्णिया सांसद ने आगे कहा कि यह लड़ाई आम आदमी की आज़ादी की है, जब तक आम आदमी को आज़ादी नहीं मिलेगी तब तक वह चैन से नहीं बैठेंगे। पप्पू यादव ने उनके विरुद्ध मामला दर्ज कराने वाले पर मानहानि का केस करने की बात कही।
वह कहते हैं, “इस आदमी ने चांद पर दाग लगाने का प्रयास किया। मैं मंदिर में जाने को तैयार हूँ, आज तक मैं इस आदमी से मिला नहीं। सबको कटघरे में खड़ा करेंगे। ऊपर से नीचे तक सबका पता है, किसी को नहीं छोड़ेंगे।”
ज्ञात हो है कि एक फर्नीचर व्यवसायी ने बीते 10 जून को पूर्णिया में पप्पू यादव और कथित रूप से उनके करीबी अमित यादव के विरुद्ध रंगदारी मांगने और जान से मारने की धमकी देने का मामला दर्ज कराया था।
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