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बिहारियों पर हमले की अफवाह में मनीष कश्यप समेत चार पर एफआईआर, एक गिरफ्तार

तमिलनाडु में कथित रूप से बिहारियों पर हो रहे हमले का वीडियो वायरल करने के मामले में बिहार पुलिस ने चार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।

Navin Kumar Reported By Navin Kumar |
Published On :
Manish Kashyap

तमिलनाडु में कथित रूप से बिहारियों पर हो रहे हमले का वीडियो वायरल करने के मामले में बिहार पुलिस ने चार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इनमें से जमुई निवासी अमन कुमार नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार भी किया गया है।


बिहार पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने बताया कि आर्थिक आपराधिक इकाई को जांच के दौरान तीस भ्रामक वीडियो, लिंक, एसएमएस और पोस्ट प्राप्त हुई है।उन्होंने बताया कि उकसाने वाले भ्रामक वीडियो और न्यूज के आधार पर चार नामजद व्यक्तियों पर प्राथमिकी दर्ज की गई है, जिसमें अमन कुमार नामक अभियुक्त को गिरफ्तार भी किया गया है।

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अमन के अलावा जिन पर एफआईआर दर्ज हुई है उनमें प्रयास न्यूज चलाने वाले राकेश तिवारी, ट्विटर यूजर युवराज सिंह राजपूत और सचतक नाम से यूट्यूब चैनल चलाने वाले मनीष कश्यप शामिल हैं।


एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्त अमन कुमार ने जो वीडियो अपलोड किया था, वह पूर्णतः असत्य,भ्रामक और पूर्व की घटना का वीडियो था, जिसे सोशल मीडिया पर तत्कालीन घटना बताकर अफवाह फैलाई गई थी। एक अन्य वायरल वीडियो में किसी व्यक्ति को मारकर लटका दिए जाने की अफवाह फैलाई गई, जबकि सत्यापन और जांच में किसी आत्महत्या की पुरानी घटना पाई गई।

इसी प्रकार, अन्य वायरल वीडियो भी पुराने व्यक्तिगत विवाद को लेकर की गई मारपीट की घटनाओं से जुड़े हैं, जिनका तमिलनाडु के किसी व्यक्ति से कोई सरोकार नहीं पाया गया है।

आगे उन्होंने बताया कि जांच के दौरान पाया गया कि कांड के दूसरे अभियुक्त युवराज सिंह राजपूत के विरुद्ध भोजपुर जिले के नारायणपुर थाने में भी मामला दर्ज है‌‌। छपरा जिले के मुबारकपुर की घटना में भी उसपर आपत्तिजनक पोस्ट करने के साक्ष्य मिले हैं।

एडीजी ने बताया कि असत्य, भ्रामक और उन्माद फैलाने वाले वीडियो और पोस्ट के पीछे आपराधिक प्रवृत्ति के लोग भी शामिल हैं।

पुलिस ने जांच में सहयोग और विधिवत कार्रवाई के लिए फेसबुक पर नौ, ट्विटर पर पंद्रह, यूट्यूब पर पंद्रह और जीमेल पर तीन पोस्ट किए जाने के संबंध में प्रिजर्वेशन नोटिस जारी किया है ताकि संबंधित लिंक और विवादित रिपोर्ट का पूरा साक्ष्य प्रिजर्व किया जा सके।

क्या था पूरा मामला

पिछले कुछ दिनों से जोरदार अफवाह चल रही थी कि स्थानीय लोगों को हिंदीभाषी मजदूर की वजह से काम नहीं मिल रहा है। बिहारी मजदूर कम पारिश्रमिक पर काम कर रहे हैं और इस वजह से स्थानीय लोगों की पूछ कम हो गई है। इसी कारण बिहारी और हिंदीभाषी मजदूरों को ढूंढ ढूंढ कर मारा जा रहा है और इससे संबंधित कथित हमले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा। इससे बिहारी मजदूर दहशत में आ गए और वे डर से पलायन करने लगे।

मामले को लेकर विधानसभा में बीजेपी ने किया था हंगामा

मामले को लेकर बीजेपी के नेताओं ने विधानसभा में जमकर हंगामा किया था। सदन से वॉकआउट करते हुए भाजपा नेताओं ने सरकार के खिलाफ जमकर नारे लगाए थे। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और बीजेपी नेता विजय कुमार सिन्हा और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव में जमकर बहस हुई थी।

उधर, एलजेपी नेता और सांसद चिराग पासवान ने भी मामले को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री के अलावा बिहार और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखी थी।

डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने वीडियो को फेक बताते हुए बीजेपी पर अफवाह फैलाने का आरोप लगाया था। उन्होंने ट्वीट किया था कि बीजेपी और बीजेपी समर्थित मीडिया और नेताओं का सत्य से कोई नाता नहीं है। भ्रम, झूठ, हिंसा और नफरत फैलाना ही बीजेपी का मुख्य धंधा है। उन्होंने कहा, “हमपर यकीन न हो तो बीजेपी केंद्रीय गृह मंत्री से जांच करा लें।”

मामले को लेकर राजनीतिक सलाहकार प्रशांत किशोर ने भी एक वीडियो ट्वीट करक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तमिलनाडु सरकार से सवाल किया था। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि वीडियो में जारी मारपीट के बारे में तमिलनाडु पुलिस स्पष्टीकरण दे।

तमिलनाडु पुलिस ने वीडियो को फर्जी बताया था

तमिलनाडु पुलिस के डीजीपी शैलेंद्र बाबू ने ट्विटर पर वीडियो जारी करते हुए वायरल वीडियो को फर्जी बताया था। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों के साथ कोई हिंसा नहीं हुई है। वायरल वीडियो पूरी तरह गलत और पुराने हैं।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मारपीट की खबरों पर डीजीपी और मुख्य सचिव के साथ समीक्षा बैठक की थी। उन्होंने मामले की जांच और बिहारी मजदूरों की सुरक्षा के लिए एक जांच टीम को तमिलनाडु भेजने का निर्देश दिया था। जांच टीम के अनुसार सभी प्रवासी मजदूर सुरक्षित हैं और हिंसा की कोई घटना मजदूरों के साथ नहीं हुई है। उधर, तमिलनाडु के सीएम स्टालिन ने भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आश्वासन दिया कि सभी प्रवासी बिहारी मजदूर सुरक्षित हैं।

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नवीन कुमार बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के रहने वाले हूं। आईआईएमएससी दिल्ली से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। अभी स्वतंत्र पत्रकारिता करते हैं। सामाजिक विषयों में रुचि है। बिहार को जानने और समझने की निरंतर कोशिश जारी है।

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