बिहार के कटिहार ज़िले के कुछ ग्रामीणों ने प्रधानमंत्री मोदी का मंदिर बना दिया है। ज़िले के आजमनगर प्रखंड अंतर्गत बघौरा पंचायत के सिंघरोल गाँव में पिछले तीन सालों से ग्रामीण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला बना कर पूजा करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन पर हर साल 17 सितंबर को उनकी मूर्ति गाँव के […]
अररिया जिले में पिछले साल एक दिसंबर को सात साल की एक बच्ची से बलात्कार के मामले में गिरफ्तारी के महज पांच दिनों के भीतर अररिया के पोक्सो कोर्ट द्वारा अभियुक्त को दोषी करार देकर फांसी की सजा सुनाये जाने के मामले में पटना हाईकोर्ट ने पोक्सो कोर्ट पर तीखी टिप्पणी की है। इतना ही […]
एक तरफ जहां समाज में धार्मिक उन्माद और नफरत फैलाने की कोशिश हो रही है, वहीं दूसरी तरफ सामाजिक सौहार्द की तस्वीरें भी सामने आ रही हैं, जो सुकून देती हैं। ऐसी ही एक तस्वीर किशनगंज जिले से आई है। यहां हिंदू समाज की महिलाएं मुस्लिमों के लिए मुहर्रम के मौके पर ताजिया बनाती हैं […]
सिलीगुड़ी: पूर्वोत्तर भारत का प्रवेशद्वार सिलीगुड़ी शहर ट्रांजिट प्वाइंट के रूप में ही ज्यादा जाना जाता है। मतलब, देश-दुनिया से सैलानी यहां आते हैं और फिर तुरंत ही गाड़ी पकड़ कर आगे दार्जिलिंग, सिक्किम व पूर्वोत्तर राज्यों की हसीन वादियों की सैर को बढ़ जाते हैं। वे यहां जरा भी नहीं ठहरते। मगर, अब इस […]
सावन का महीना आते ही मिथिलांचल के लोकप्रिय पर्व मधुश्रावणी के गीत गूंजने लगे हैं। पर्व की तैयारियों में नवविवाहिताएं जुट गई हैं। पति की लंबी आयु की कामना के लिए चौदह दिवसीय यह पूजा सिर्फ मिथिलावासियों के बीच ही होती है। यह पर्व मिथिला की नवविवाहिता बहुत ही धूमधाम के साथ दुल्हन के रूप […]
भारत सरकार ने पिछले तीन दशकों में अलग-अलग अधिनियम लाकर हाथ से मैला ढोने को रोज़गार के तौर पर प्रतिबंधित कर दिया है। लेकिन, बिहार के किशनगंज में अब भी दलित समुदाय से आने वाले युवा हाथ से मैला ढोने के रोज़गार में लगे हुए हैं। ‘पुलिस में जाना चाहते थे’ राजा बास्को ने किशनगंज […]
'गोरखालैंड' एक सपना है। पश्चिम बंगाल राज्य के दार्जीलिंग जिले के पहाड़ी क्षेत्र के बहुसंख्यक गोरखा 100 सालों से भी ज्यादा समय से इस सपने को लेकर आंदोलन करते आ रहे हैं। उनका कहना है कि उनकी भाषा, संस्कृति, इतिहास सब कुछ पश्चिम बंगाल से अलग है इसलिए उनकी शासन व्यवस्था भी अलग होनी चाहिए। सो, अपनी अलग स्वायत्त शासन व्यवस्था के लिए ही उन्हें अलग राज्य गोरखालैंड चाहिए।
बिहार के सीमांचल यानी किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया और अररिया जिलों में नदियों का जाल बिछा हुआ है। हर जिले में कम से कम आधा दर्जन नदियां बहती हैं, जिनमें से कुछ नदियां नेपाल से भी आती हैं। किशनगंज जिले में महानंदा कनकई, मेची, डोंक, रतुआ, समेत आधा दर्जन नदियां बहती हैं। वहीं, लोअर गंगा बेसिन […]
जानिए कौन-कौन सी भाषाएं बोली जाती हैं बिहार के विभिन्न क्षेत्रों में। मगही, भोजपुरी, मैथिली, अंगिका, बज्जिका, सुरजापुरी और उर्दू-हिंदी मिश्रित भाषाएं यहाँ प्रमुख हैं, जबकि हिंदी और उर्दू बिहार की राजभाषाएं हैं।
बच्चों को बेहतर पोषण प्रदान कराने के उद्देश्य से पूर्णिया के सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों में अन्नप्राशन दिवस मनाया गया। जिसमें 6 माह से ऊपर के बच्चों को अनुपूरक आहार का सेवन कराया गया। पोषक क्षेत्र के शिशुओं को खीर खिलाकर इसकी शुरुआत की गयी। साथ ही धात्री माताओं को भी पूरक पोषाहार के विषय में […]