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कृषि नवाचार की मिसाल बने सहरसा के विधानचंद्र, थाईलैंड सेब सहित कई फलों की खेती में पाई बड़ी सफलता

विधानचंद्र राय ने बताया कि एक एकड़ की खेती करने में उन्हें करीब 3 लाख रुपये का खर्च आता है। थाईलैंड सेब की खेती करने वाले वह जिले के पहले किसान हैं। उनकी सफलता से प्रभावित होकर आसपास के दूसरे किसान भी अब इन फलों को उगाना चाहते हैं।

Sarfaraz Alam Reported By Sarfraz Alam |
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farmer vidhanchandra

खेती में नए अवसर तलाश करता बिहार के सहरसा का यह किसान थाईलैंड सेब, गुलाब जामुन जैसे फलों की खेती से इलाके में चर्चा का विषय बन गया है। जिले के सत्तर कटैया प्रखंड अंतर्गत बिजलपुर पंचायत वार्ड संख्या 12 के रहने वाले विधानचंद्र राय ने यूट्यूब की मदद से थाईलैंड सेब, नागपुरी नारंगी जैसे एक दर्जन से अधिक फलों की खेती के गुर सीखे और काफी सफलता पाई।


फल किसान विधानचंद्र राय अपनी पांच एकड़ की जमीन पर अलग अलग फलों की खेती करते हैं। उन्होंने बताया कि इन सभी फलों में थाईलैंड सेब सबसे ख़ास है। कुछ सालों पहले थाईलैंड सेब के पौधे के बारे में जानकारी हासिल कर उन्होंने मुजफ्फरपुर से 40 पौधे मंगवाए। इसके साथ उन्होंने नागपुरी नारंगी और गुलाब जामुन के भी पौधे मंगवाए।

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विधानचंद्र राय ने बताया कि एक एकड़ की खेती करने में उन्हें करीब 3 लाख रुपये का खर्च आता है। थाईलैंड सेब की खेती करने वाले वह जिले के पहले किसान हैं। उनकी सफलता से प्रभावित होकर आसपास के दूसरे किसान भी अब इन फलों को उगाना चाहते हैं।


विधानचंद्र राय ने आगे बताया कि सबसे पहले उन्होंने यूट्यूब पर इन फलों के वीडियो देखे तो उनके मन में खेती की चाह पैदा हुई। इसके बाद उन्होंने नर्सरी वालों से संपर्क कर पौधे मंगवाए और खेती शुरू कर दी। यूट्यूब पर ही उन्होंने इन फलों की खेती के तरीके सीखे। ये पेड़ साल में कई बार फल देते हैं जिससे किसानों को दुगना फायदा हो सकता है।

विधानचंद्र करीब 3 साल से अलग अलग तरह के फलों की खेती कर रहे हैं। वह चाहते हैं कि उनकी तरह क्षेत्र के और किसान भी फलों की खेती करें और बाज़ार में अच्छी कीमत पर बेचकर बेहतर मुनाफा कमाएं।

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एमएचएम कॉलेज सहरसा से बीए पढ़ा हुआ हूं। फ्रीलांसर के तौर पर सहरसा से ग्राउंड स्टोरी करता हूं।

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