बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र में मंगलवार को जहरीली शराब पीने से लोगों की मृत्यु के आंकड़ों को लेकर बिहार सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली।
श्रवण कुमार ने विधानसभा में कहा, “साल 2016 से लेकर अब तक जहरीली शराब पीने से 156 लोगों की मौत हुई है। लेकिन, पूरक सवाल में (सदस्य) कह रहे हैं कि (जहरीली शराब पीने से) हजारों हजार मौत हुई है।” वहीं, शराबबंदी कानून से पहले ताड़ी और शराब बेचने वालों को कानून लागू होने के बाद रोजगार के अवसर देने का दावा करते हुए उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास द्वारा सतत जीविकोपार्जन योजना के तहत जीविका के माध्यम से ऐसे 1 लाख दो हजार लोगों को चिह्नित कर रोजगार के लिए 2-2 लाख रुपये दिये गये।
Also Read Story
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मंत्री द्वारा दिये गये मृत्यु के आंकड़ों पर आपत्ति जताते हुए पूछा, “156 लोगों के मरने का आंकड़ा सिर्फ तीन जिलों का है या पूरे राज्य का? आप जो बोल रहे हैं, वो सिर्फ तीन जिले का आंकड़ा दे रहे हैं। इसका करेक्शन करा लीजिए।”
इस पर मंत्री ने कहा कि वह इसकी जांच कर लेंगे।
उल्लेखनीय है कि बिहार में साल 2016 में शराबबंदी लागू हुई है। इस कानून के अंतर्गत शराब बनाने, आयात करने, खरीदने-बेचने और पीने पर प्रतिबंध है और ऐसा करने पर कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है, जिसके तहत 5 से 10 साल तक की सजा हो सकती है।
शराबबंदी कानून लागू होने के बाद जहरीली शराब पीने से मृत्यु की अनेक घटनाएं सामने आ चुकी हैं। विपक्षी पार्टियां लगातार ये मांग उठा रही थीं कि शराब पीकर मरने वालों के परिजनों को मुआवजा मिलना चाहिए। लेकिन बिहार सरकार लगातार मुआवजा देने की मांग ठुकरा रही थी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तो ये तक कह दिया था कि ‘जो पियेगा वो मरेगा’ और किसी तरह का मुआवजा देने से इनकार कर दिया था।
उन्होंने दिसंबर 2022 में विधानसभा में स्पष्ट रूप से कहा था, “अवैध शराब पीने से मरने वालों को मुआवजा देने का कोई सवाल ही नहीं है और ये भी कहा था कि उनके लिए किसी को कोई सहानुभूति नहीं होनी चाहिए।
लेकिन, साल 2023 के मार्च में नालंदा में शराब से मौत के बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने बिहार सरकार को मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने का आदेश दिया था। एनएचआरसी के आदेश के अगले ही महीने बिहार सरकार ने 2016 में शराबबंदी के बाद जहरीली शराब पीकर मरे लोगों के परिजनों को मुआवजा देने का ऐलान किया था।
इस ऐलान के बाद सरकार ने शराब से मरने वालों का जो आंकड़ा पेश किया था, वो मंत्री के ताजा आंकड़े को खारिज करता है।
2023 में 200 लोगों के आवेदन आये थे
मुआवजे के ऐलान के बाद मंत्री श्रवण कुमार ने जहरीली शराब पीने से हुई मौतों का जिक्र करते हुए कहा था कि मुआवजे की राशि के लिए 200 आवेदन प्राप्त हुए हैं।
दैनिक भास्कर में जुलाई 2023 में छपी एक रिपोर्ट में श्रवण कुमार ने कहा था, “बिहार में अभी तक 32 लोगों को 4-4 लाख का मुआवजा दिया जा चुका है। कई जिलों से और रिपोर्ट आ गई है। उन सभी को मुआवजा दिया जाएगा। 200 लोगों की रिपोर्ट आई है और संभावना है कि सभी लोगों को मुआवजा देने का काम किया जाएगा। जिनके पास पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं है, वे भी दावा कर सकते हैं। जांच रिपोर्ट में अगर सही पाया गया, तो मुआवजा दिया जाएगा।”
श्रवण कुमार के बयान से साफ है कि पिछले साल जुलाई तक 200 लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत हो गई थी।
मीडिया रपट क्या कहती है?
इंडियन एक्सप्रेस में 18 अप्रैल 2023 को छपी एक खबर के अनुसार, आधिकारिक तौर पर 199 लोगों की मौत जहरीली शराब पीने से हुई है और अगर संदिग्ध मौतों के आंकड़े जोड़ दिए जाएं, तो मृतकों की संख्या 269 तक पहुंच जाएगी।
ऊपर दिये गये दोनों आंकड़े डेढ़ साल पहले तक के हैं। लेकिन, इस डेढ़ साल में जहरीली शराब पीने से मृत्यु के कई मामले सामने आ चुके हैं।
साल 2023 के अक्टूबर में सीवान और सारण जिलों में जहरीली शराब पीने से 37 लोगों की मौत हो गई थी। सारण रेंज केडीआईजी ने निलेश कुमार ने खुद प्रेस कॉन्फ्रेंस में इन मौतों की पुष्टि की थी।
पिछले साल नवम्बर में सीतामढ़ी जिले में जहरीली शराब पीने से छह लोगों की जान चली गई थी।
इसी तरह इस महीने बेगूसराय जिले में जहरीली शराब पीने से दो लोगों की मौत हो गई थी।
ये वे आंकड़े हैं, जो मीडिया में छपे हैं और सरकार ने आधिकारिक तौर पर इन मौतों की पुष्टि की है। जहरीली शराब से मृत्यु के कई मामलों में तो मृतकों के परिजन पोस्टमार्टम भी नहीं कराते हैं और चोरी-छिपे लाश जला देते हैं, ताकि पुलिस को पता नहीं चल सके।
मीडिया रिपोर्ट और सरकार की ओर से पूर्व में दिये गये आंकड़ों से साफ पता चलता है कि सरकार ने 156 लोगों की मृत्यु को जो ताजा आंकड़ा दिया है, वो असल आंकड़ों से कम है।
सीमांचल की ज़मीनी ख़बरें सामने लाने में सहभागी बनें। ‘मैं मीडिया’ की सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।