कटिहार ज़िले के अमदाबाद प्रखंड अंतर्गत लखनपुर पंचायत के बेलगच्छी गाँव के लोग पिछले कुछ सालों में हुए नदी कटान से परेशान हैं। शेख नईम का 40 साल पुराना पक्का घर पिछले साल गंगा में समा गया है। कभी यहाँ उनका पूरा खानदान बसा करता था, लेकिन आज सब अलग-अलग जगह पलायन कर गए हैं। तीन बेटे प्रवासी मज़दूर हैं। कटान के बाद नदी से दूर पांच कट्ठा ज़मीन का टुकड़ा बचा है। दर-दर भटकने के बाद फिलहाल शेख नईम के परिवार ने वहीं एक कच्चा घर बना लिया है, लेकिन वहां भी चारों तरफ पानी से घिरा है। नईम बताते हैं, पहले यादव टोली पूरा कट गया, अब मुस्लिम टोली नदी के निशाने पर है।
शुकाल देवी के दो बेटे प्रवासी मज़दूर है और एक पढ़ाई कर रहा है। बहु और बच्चों के साथ वह जिस घर में रहती हैं, वह गंगा नदी के मोहाने पर आ चुका है। उन्हें चिंता सता रही है कि अगर इस बार भी बोल्डर पिचिंग का काम नहीं हुआ, तो वह बेघर हो जाएंगी।
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पश्चिम बंगाल निवासी दूधवाले राजेंद्र मंडल नाव से अपने गाँव जा रहे हैं। हाथों के इशारे से वह बताते हैं, जो हाल बिहार के गाँव का है, वही पश्चिम बंगाल का भी है।
ग्रामीण शेख अताउल का घर भी नदी में समा चुका है। उनके हिसाब से अगर नदी के बीच से टापू हटा दिया जाए, तो गांव में कटान कम हो सकता है। लेकिन, उसे हटाने के लिए प्रशासन से आश्वासन मात्र ही मिल रहा है।
स्थानीय लखनपुर मुखिया श्वेता राय बताती हैं कि बेलगच्छी गाँव में कटान का विभाग के तरफ से इंस्पेक्शन किया गया है, लेकिन अभी इस पर काम की कोई सूचना नहीं है।
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