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मोदी सरकार के ख़िलाफ़ इस्तीफ़ा देने वाले DM कन्नन गोपीनाथन का interview

जम्मू-कश्मीर के मामले को लेकर अपने पद से इस्तीफा देने वाले IAS अधिकारी कन्नन गोपीनाथन ने NRC व CAB पर कहा मोदी सरकार evil और बेवक़ूफ़ दोनों है

Seemanchal Library Foundation founder Saquib Ahmed Reported By Saquib Ahmed |
Published On :
Ex IAS Kannan Gopinathan interview by Main Media

जम्मू-कश्मीर के मामले को लेकर अपने पद से इस्तीफा देने वाले IAS अधिकारी कन्नन गोपीनाथन ने NRC व CAB पर कहा ‘मोदी सरकार evil और बेवक़ूफ़ दोनों है’


सरकार के खिलाफ बोलना मतलब देश के खिलाफ बोलना, यह सोच लोकतंत्र के लिए बहुत खतरनाक है। मैं यह समझाता हूँ कि यह सरकार सिर्फ ईविल ही नहीं बेवकूफ भी है।

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मैं मीडिया से बात करते हुए यह बातें कही है जम्मू-कश्मीर के मामले को लेकर अपने पद से इस्तीफा देने वाले IAS अधिकारी कन्नन गोपीनाथन ने।


आपको बता दे कि कन्नन गोपीनाथन केरल के रहने वाले है। वे AGMUT कैडर के 2012 बैच के IAS अफसर थे और दादरा एवं नगर हवेली में पावर एंड रीन्यूएबल एनर्जी डिपार्टंमेंट के सचिव के पद पर काम कर रहे थे। आईएएस बनने से पहले वह एक निजी कंपनी में डिजाइन इंजीनियर थे।

सरकार द्वारा कश्मीर से धारा 370 हटाने के खिलाफ इस्तीफा देते हुए उन्होंने कहा था कि

जब दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र ने एक राज्य को बंद कर दिया है और वहां के लोगों के मौलिक अधिकारों का हनन कर रही है। तो वैसे में कोई अगर पूछेगा कि मैं उस वक्त क्या कर रहा था? तो मेरे पास देने के लिए कम-से-कम एक जवाब तो होगा कि मैंने उस वक़्त अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया था।

वही कन्नन गोपीनाथन ने CAB और NRC को लेकर कहा कि

सरकार अगर CAB के बाद पुरे देश में NRC लेकर आती है तो यह मुसलमान और हिन्दू दोनों के लिए खतरनाक है। खास कर ऐसे हिन्दू और मुसलमान जो गरीब, माइग्रेंट और अशिक्षित है। उन्होंने आगे कहा कि यह सरकार इतनी बेवकूफ है की एक खास समुदाय को पनिस करने के चक्कर में सारे हिंदुस्तान को परेशान करने वाली है।

CAB और NRC को लेकर आम नागरिकों को अब आगे क्या करना चाहिए। इस बारे में उन्होंने बताया कि

लोकतंत्र में सिर्फ एक बार वोट कर देने से हमारी लोकतान्त्रिक जिम्मेदारी ख़त्म नहीं हो जाती। सरकार पर सवाल उठाते रहना एक नागरिक की जिम्मेदारी है। इसलिए अगर लगता है कि यह बिल हमारे खिलाफ है तो अनुच्छेद 19 के अंतर्गत आपको यह अधिकार है कि आप आंदोलन करें।

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स्वभाव से घुमंतू और कला का समाज के प्रति प्रतिबद्धता पर यकीन। कुछ दिनों तक मैं मीडिया में काम। अभी वर्तमान में सीमांचल लाइब्रेरी फाउंडेशन के माध्यम से किताबों को गांव-गांव में सक्रिय भूमिका।

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