किशनगंज: पूर्व जिप सदस्य और जिप प्रतिनिधि इमरान आलम ने किशनगंज के बहादुरगंज स्थित नेहरू कॉलेज में सभी संकाय की पढ़ाई शुरू करने और शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मियों की समुचित व्यवस्था करने के लिए राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर से गुजारिश की है।
इमरान आलम ने राज्यपाल का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि बहादुरगंज विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत स्थित नेहरू कॉलेज, जो पूर्णिया विश्वविद्यालय के अधीन एकमात्र अंगीभूत कॉलेज है, वहां केवल कला संकाय के सात विषयों—इतिहास, राजनीतिक विज्ञान, अर्थशास्त्र, उर्दू, हिंदी और फारसी—की ही पढ़ाई होती है। यह स्थिति क्षेत्र के गरीब छात्रों के साथ अन्याय है। कॉलेज की स्थापना के 59 वर्षों और किशनगंज जिला बनने के 34 वर्षों के बाद भी विज्ञान और वाणिज्य (कॉमर्स) संकाय की पढ़ाई शुरू नहीं हो सकी है, जो “ढाई कोस चले सौ साल” वाली कहावत को सही साबित करता है।
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इमरान आलम ने बताया कि नेहरू कॉलेज, बहादुरगंज की स्थापना 5 जून 1965 को हुई थी, जिसे 20 एकड़ जमीन स्थानीय समाजसेवी और शिक्षाविद् स्वर्गीय शफ़क़्क़त हुसैन साहेब ने दान स्वरूप दी थी। उनका सपना था कि इलाके के बच्चे आसानी से उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकें। किशनगंज जिला आर्थिक रूप से कमजोर है और नेहरू कॉलेज जिला मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूर है। अगर यहां सभी संकाय की पढ़ाई शुरू हो जाए तो क्षेत्र के बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा।
इमरान आलम ने राज्यपाल से अनुरोध किया कि बहादुरगंज विधानसभा क्षेत्र की जनता की ओर से नेहरू कॉलेज में सभी संकाय की पढ़ाई शुरू करवाने और शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मियों की समुचित व्यवस्था के लिए यथोचित दिशा निर्देश दिए जाएं। इससे क्षेत्र के छात्रों को बेहतर शिक्षा के अवसर मिलेंगे, और वे अपने घर के पास ही उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे।
आपको बता दें कि नेहरू कॉलेज की बदहाली को लेकर ‘मैं मीडिया’ ने विस्तृत ग्राउंड रिपोर्ट की है, जो आप नीचे देख सकते हैं:
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