Main Media

Get Latest Hindi News (हिंदी न्यूज़), Hindi Samachar

Support Us

बिहार के इस office में helmet पहन कर होती है duty

सरकार की कुम्भकरण वाली नींद ने कार्यालय आने वाले आम लोगों से लेकर काम कर रहे कर्मियीं और अधिकारीयों तक को अपनी जान बचाए रखने के लिए हेलमेट पहने रहने को मजबूर कर दिया है।

shadab alam Reported By Shadab Alam |
Published On :
Employees forced to work form a dilapidated building wear helmet for safety
Employees Forced To Work Form A Dilapidated Building Wear Helmet For Safety

बिहार में संवेदनहीन सरकारी तंत्र आम लोगों की तो दूर अपने कर्मियीं तक की नहीं सुनती है, सरकार की कुम्भकरण वाली नींद ने कार्यालय आने वाले आम लोगों से लेकर काम कर रहे कर्मियीं और अधिकारीयों तक को अपनी जान बचाए रखने के लिए हेलमेट पहने रहने को मजबूर कर दिया है।


Also Read Story

दशकों से एक पुराने टूटे पुल के निर्माण की राह तकता किशनगंज का गाँव

क्या पूर्णिया के गाँव में मुसलमानों ने हिन्दू गाँव का रास्ता रोका?

बिहार में जीवित पेंशनधारियों को मृत बता कर पेंशन रोका जा रहा है?

शादी, दहेज़ और हत्या: बिहार में बढ़ते दहेज उत्पीड़न की दर्दनाक हकीकत

किशनगंज: एक अदद सड़क को तरसती हजारों की आबादी

क्या राजगीर एयरपोर्ट की भेंट चढ़ जाएगा राजगीर का 800 एकड़ ‘आहर-पाइन’?

बिहार: वर्षों से जर्जर फणीश्वरनाथ रेणु के गांव तक जाने वाली सड़क

निर्माण खर्च से 228.05 करोड़ रुपये अधिक वसूली के बावजूद NH 27 पर बड़े बड़े गड्ढे

विधवा को मृत बता पेंशन रोका, खुद को जिंदा बताने के लिए दफ्तरों के काट रही चक्कर

मामला कटिहार के सदर अस्पताल से जुड़ा हुआ है, पिछले कई महीनो से अस्पताल परिषर में स्थित जिला मलेरिया कार्यालय में कर्मी और अधिकारी ऐसे ही डियूटी करने के लिए मजबूर है, दरअसल 50 साल पहले का यह भवन पूरी तरह जर्जर हो चूका है, इस बिच कई बार छत और दिवार की प्लास्टर दरक कर गिरने से लोग घायल भी हुए है, शिकायत के बावजूद सुधार नहीं होने पर अब कर्मी और अधिकारी मज़बूरी में जान बचाने के लिए हेलमेट पहन कर ही डियूटी करते है, ऐसे में जिला मलेरिया पदाधिकारी कहते है की काम करने में दिक्क्त तो होती है पर करे तो करे क्या?


वही सिविल सर्जन कहते है की ये कार्यालय जर्जर घोषित हो चूका है, बहुत जल्द उसी स्थान पर नया जिला मलेरिया कार्यालय का निर्माण किया जायेगा।

सीमांचल की ज़मीनी ख़बरें सामने लाने में सहभागी बनें। ‘मैं मीडिया’ की सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।

Support Us

सय्यद शादाब आलम बिहार के कटिहार ज़िले से पत्रकार हैं।

Related News

सहरसा के इस गांव में CM आएंगे, लेकिन यहाँ विकास कब पहुंचेगा?

किशनगंज: ठिठुरती रातों में खुले में सोने वाले बेघर लोग क्यों नहीं जा रहे सरकारी रैन बसेरा

चचरी के सहारे सहरसा का हाटी घाट – ‘हमको लगता है विधायक मर गया है’

अंतर्राष्ट्रीय विकलांग दिवस पर प्रदर्शन – सिर्फ 400 रुपया पेंशन में क्या होगा?

फिजिकल टेस्ट की तैयारी छोड़ कांस्टेबल अभ्यर्थी क्यों कर रहे हैं प्रदर्शन?

बिहार में पैक्स अपनी ज़िम्मेदारियों को निभा पाने में कितना सफल है?

अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ती किशनगंज की रमज़ान नदी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Latest Posts

Ground Report

दशकों से एक पुराने टूटे पुल के निर्माण की राह तकता किशनगंज का गाँव

क्या पूर्णिया के गाँव में मुसलमानों ने हिन्दू गाँव का रास्ता रोका?

बिहार में जीवित पेंशनधारियों को मृत बता कर पेंशन रोका जा रहा है?

शादी, दहेज़ और हत्या: बिहार में बढ़ते दहेज उत्पीड़न की दर्दनाक हकीकत

किशनगंज: एक अदद सड़क को तरसती हजारों की आबादी