किशनगंज जिले के सीमावर्ती क्षेत्रों में जंगली हाथियों ने जमकर उत्पात मचाया है। क्षेत्र के पिपला गांव में हाथियों की चपेट में आने से एक 45 वर्षीय महिला की मौत हो गई।
मृतक महिला की पहचान 45 वर्षीय मुर्शिदा खातून के रूप में हुई है। घटना के बाद परिजनों ने मृतक का पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया। पुलिस ने शव को परिजनों को सौंप दिया।
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बताया जाता है कि बुधवार की देर रात नेपाल के जंगल से आए हाथियों ने दो अलग-अलग समूह में बंटकर धनतोला के डोरिया, मुलाबारी, पिपला, धनतोला वह करूवामनी पंचायत के बारहभांग और आठगछिया पंचायत के तलवारबंधा गांव में भारी उत्पात मचाते हुए आधा दर्जन से अधिक कच्चे घरों में तोड़फोड़ करते हुए अनाज को नष्ट कर दिया।
हाथियों ने खेतों में खड़ी मक्का, गेंहू की फसल को भी रौंद दिया। रात भर हाथियों के उत्पात से सभी गांवों में दहशत का माहौल बना रहा। लोग बचाव के लिए रतजगा करते रहे।
सुबह हाथियों के लौट जाने से लोगों ने थोड़ी राहत की सांस ली है। उधर, हाथियों की चपेट में आने से महिला की मौत से लोगों में नाराजगी है। लोगों ने कहा कि बार बार हाथियों के आने के बावजूद वन विभाग कोई एहतियाती कदम उठा नहीं रहा है।
ग्रामीण एम अब्दुल्ला ने बताया कि लगातार हाथियों के उत्पात से सीमावर्ती क्षेत्र के लोग बेहद परेशान हैं।
बताया जाता है कि हाथियों के झुंड ने तलवारबंधा के सुबेद आलम, माजिद आलम, नजीर आलम, जुमिया बेगम, जलंधर सिंह, शाह आलम व शहनाज आलम सहित डोरिया के राजेंद्र प्रसाद सिंह, मुलाबारी के मोहम्मद खुर्शेद आलम, धनतोला के रामलाल सिंह, बारहभांग के जीतन महतो के कच्चे घरों को तोड़कर अंदर रखे अनाज को नष्ट कर दिया है।
घटना के बाद दिघलबैंक सीओ मोहम्मद अबु नसर, वन प्रमंडल पदाधिकारी अररिया नरेश प्रसाद, वनों के क्षेत्र पदाधिकारी उमा नाथ दूबे आदि ने पीड़ित परिवारों से मिलकर हर संभव मदद का भरोसा दिलाया गया।
हाथियों के उत्पात से परेशान लोगों ने प्रशासन व वन विभाग से हाथियों को रोकने के लिए ठोस पहल करने की मांग की है।
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