बिहार के सीमांचल क्षेत्र में भारत-नेपाल सीमा पर बसे किशनगंज ज़िले के गाँव हाथियों के आतंक से परेशान हैं। पिछले पांच सालों में हाथियों के हमले में पांच ग्रामीणों की मौत हो चुकी है, सैकड़ों घर बर्बाद हो चुके हैं और कई एकड़ मक्के की फसल तबाह हो चुकी है। अकेले 2023 में किशनगंज ज़िले के ठाकुरगंज और दिघलबैंक प्रखंड में एक महिला सहित दो ग्रामीण को हाथियों के झुंड ने मार डाला।
आवारा हाथियों के झुंड से सबसे ज़्यादा परेशान दिघलबैंक प्रखंड की धनतोला पंचायत है। तबाही के इस मंज़र को समझने, ग्रामीणों और प्रशासन द्वारा इसके रोकथाम के लिए किए गए उपायों की जानकारी लेने के लिए हम धनतोला पंचायत पहुँच गए।
‘हाथी ने कुचल दिया’
धनतोला पंचायत के खौसीटोला गाँव में 10 मार्च 2022 की आधी रात सात हाथियों का एक झुंड घुस गया। हाथियों ने जम कर तबाही मचाई, घर के साथ साथ घर में रखा सारा सामान तोड़ दिया और फूस के घर में सो रही वृद्ध महिला रातीश्री देवी राजवंशी को कुचल दिया।
2 फ़रवरी, 2023 को धनतोला पंचायत के ही पिपला गाँव में रात करीब 1 बजे ऐसे ही एक हाथियों का झुंड घुस गया। गाँव में अफरातफरी मच गई। 53 वर्षीय मुर्शिदा खातून अपने घर के दरवाजे पर खड़ी थी। हाथियों ने सूंड से उठाकर उन्हें फेंका और कुचल दिया। मुर्शेदा के पैर और रीढ़ की हड्डी टूट गई। पूर्णिया में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
स्थानीय पंचायत वार्ड सदस्य मनमोहन सिंह बताते हैं कि अकेले धनतोला पंचायत में अब तक ऐसी तीन मौतें हो चुकी हैं।
पक्का मकान तक तोड़ दिया
जान के साथ-साथ हाथियों ने ग्रामीणों के घर और फसल में भी भारी तबाही मचाई है। 19 मार्च को मोहामारी गिरी टोला निवासी वार्ड सदस्य मीना देवी बेटी के साथ अपने पक्के मकान में सो रही थी। घर में कोई मर्द नहीं था। एक हाथी केले के खेत के रास्ते गाँव में घुसा और उनके पक्का मकान में लगी लोहे की खिड़की, कमरे में लगा पलंग और घर का सामान तोड़ दिया। हाथियों घर में रखा अनाज भी बर्बाद कर दिया।
20 मार्च की देर रात खौसीटोला निवासी दामोदर शाह के मक्का खेत के रास्ते हाथियों का झुंड आंगन तक घुस आया। खेत में लगे मक्के के साथ-साथ, घर में रखा आटा, चावल के साथ हाथियों ने उनके फूस के घर का एक हिस्सा भी तोड़ दिया। पिछले साल ऐसे ही हाथियों ने दामोदर के भाई का घर तोड़ दिया था।
डोरिया गाँव निवासी तेज नारायण पांडेय के घर 6 मार्च को शादी थी। इसके ठीक एक दिन पहले हाथियों के एक झुण्ड ने घर पर हमला बोल दिया और भोज के लिए इकठ्ठा की कई तमाम सामग्री बर्बाद कर दी। हाथियों ने इस तरह से उनके घर पर कई बार हमला किया है।
ऐसे ही हाथियों के झुंड ने पांचगाछी निवासी किसान नुरुल इस्लाम की करीब तीन कट्ठे में लगी फसल को नुकसान पहुंचाया। नुरुल अब अपने खेत में लगी लहलहाती मक्के की फसल काट कर मवेशियों को खिला रहे हैं।
ग्रामीणों के उपाय
मंजुला देवी अन्य ग्रामीणों के साथ घर की छत पर चढ़ कर हाथियों पर नज़र रख रही हैं। उन्हें कुछ ही दूरी पर नेपाल सीमा की दूसरी तरफ 13 हाथी नज़र आ रहे हैं। हाथियों की गिनती करने के बाद मंजुला डर से काँप उठती है। वह बताती हैं कि हाथियों के खौफ से ग्रामीण रतजगा करने को मजबूर हैं।
वहीं दामोदर ने दो पेड़ों पर बांस लगा कर सीढ़ी बना दी है। वह यहीं से टाॕर्च जला कर हाथियों पर नज़र रखते हैं। जब गाँव की तरफ हाथियों के आने की आहट होती है, तो टायर और मधुवा या सरपत में आग लगा कर ग्रामीण हाथियों को भगाने की कोशिश करते हैं।
हाथियों से बचने के लिए ग्रामीणों अपने-अपने घर के बाहर सफ़ेद पॉलीथिन लगाते हैं। नुरुल इस्लाम ने भी अपने घर के बाहर रस्सी के सहारे पॉलीथिन टाँगे हुए हैं। नुरुल बताते हैं कि इससे कुछ होता नहीं है, बस हमलोग खुद को दिखा देते हैं कि शायद इसे देख कर हाथी न आए।
सोलर पावर Aniders
गाँव में हाथियों के बढ़ते उत्पात को देखते हुए, प्रशासन ने पिछले दिनों डोरिया गाँव में पांच सोलर पावर Aniders लगाएं हैं। Aniders यानी Animal Intrusion Detection and Repellent System. Aniders एक प्रकार का यंत्र है जो सोलर पैनल सिस्टम पर आधारित है। यह यंत्र जंगली जानवर की उपस्थिति सेन्सर द्वारा भांप लेता है और इसमें से सायरन की तरह तीव्र ध्वनि व प्रकाश निकलती है, जिससे वन्यप्राणी दूर भागते हैं।
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प्रदीप आगे बताते हैं कि एक Aniders 100 मीटर की दूरी कवर करता है। पांच Aniders से आधा किलोमीटर को सुरक्षित किया जा सकता है।
वहीं डोरिया निवासी गया प्रसाद सिंह कहते हैं कि मशीन लगने के बाद हाथी दूसरे रास्ते से आता है, लेकिन सिर्फ दो ही मशीन काम कर रहा है, बाकी का तार टूट गया है। गया आगे बताते हैं बारिश के दिनों में सोलर चार्ज नहीं होने पर मशीन काम नहीं करती है, इसलिए पिछले साल बारिश के दिनों में हाथियों ने ही मशीन को तोड़ दिया था।
पिछले दिनों स्थानीय ठाकुरगंज विधायक सऊद आलम ने अपने क्षेत्र में हाथियों के उत्पात को लेकर विधानसभा में सवाल किया था।
ठाकुरगंज विधायक के सवाल के जवाब में पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री तेज प्रताप यादव ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में 240 Aniders लगाने के लिए स्वीकृति प्राप्त हुई है और इसे स्थापित करने की कार्रवाई की जा रही है।
मुआवजा
जवाब में आगे लिखा गया है, जंगली हाथी से विभिन्न प्रकार की क्षति मसलन मृत्यु, पालतू पशुओं की मौत, मकान की क्षति, फसल क्षति आदि होने पर मुआवजा भुगतान किये जाने का प्रावधान है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में अबतक कुल 9 लाख 25 हजार 100 रुपए का आवंटन वन प्रमंडल पदाधिकारी, अररिया को किया गया है। वन प्रमंडल द्वारा प्रभावित परिवार या आश्रितों को ये राशि आवंटित की जा चुकी है।
वर्ती देवी बताती हैं कि उनकी सास की मौत पर पांच लाख रुपए मुआवजा और घर के नुक्सान का 12,000 मुआवजा मिला है। लेकिन, अन्य मृतक मुर्शेदा खातून के परिवार ने उनका पोस्टमॉर्टेम नहीं करवाया, इसलिए उन्हें मुआवजा के नाम पर सिर्फ 10,000 रुपये मिले हैं।
एक अन्य ग्रामीण मालिक बताते हैं कि पिछले साल नुकसान हुई फसल का मुआवजा आज तक नहीं मिला। एक साल से अलग-अलग प्रक्रिया बताई जा रही है, लेकिन फसल का मुआवजा नहीं मिल रहा है।
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