किशनगंज सीट पर अबतक कांग्रेस 9 बार जीतने में कामयाब रही है। पिछले तीन लोकसभा चुनावों के अलावा कांग्रेस ने 1957, 1962, 1971, 1980, 1984 और 1989 में यहां से जीत दर्ज की है।
रायगंज लोकसभा सीट के इतिहास में अब तक दो बार ही ऐसा हुआ है कि यह सीट कांग्रेस या CPM के अलावा किसी और की हुई है। पहली बार 1977 के लोकसभा चुनाव में यह सीट जनता पार्टी की झोली में गई थी। तब, मोहम्मद हिदायत अली यहां से सांसद निर्वाचित हुए जो इस सीट से पहले मुस्लिम सांसद थे। उसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में यह सीट भाजपा की झोली में चली गई।
वर्तमान स्थिति को देखें तो, फ़िलहाल भाजपा के प्रदीप कुमार सिंह अररिया लोकसभा सीट से सांसद हैं। 2014 आम चुनाव और 2018 के उप-चुनाव में यह सीट राजद के खाते में गई थी। कांग्रेस आखिरी बार 1984 में इस सीट से जीतने में कामयाब हुई थी।
आने वाले लोकसभा चुनाव की बात करें तो अभी पूर्णिया सीट पर परिस्थिति काफी बदल गई है। महागठबंधन की सरकार में जदयू और कांग्रेस दोनों शामिल है। वहीं विपक्ष के INDIA गठबंधन में भी जदयू और कांग्रेस दोनों है। ऐसे में संतोष कुशवाहा और उनके विरोधी उदय सिंह, दोनों ही INDIA गठबंधन का हिस्सा हैं।