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सहरसा में कोसी नदी के कटाव से सैकड़ों घर नदी में समाये, प्रशासन बेख़बर

बिहार के सहरसा में कोसी नदी ने तबाही मचाना शुरू कर दिया है। नदी में हो रहे भीषण कटाव से नौहट्टा प्रखंड स्थित सतौर पंचायत के बिरजेन गांव में तीन सौ से अधिक घर नदी में समा गये। आलम यह है कि इलाके के लोग डर के साए में जी रहे हैं।

Sarfaraz Alam Reported By Sarfraz Alam |
Published On :
due to erosion of kosi river in saharsa, hundreds of houses got submerged in the river, administration unaware

बिहार के सहरसा में कोसी नदी ने तबाही मचाना शुरू कर दिया है। नदी में हो रहे भीषण कटाव से नौहट्टा प्रखंड स्थित सतौर पंचायत के बिरजेन गांव में तीन सौ से अधिक घर नदी में समा गये। आलम यह है कि इलाके के लोग डर के साए में जी रहे हैं।


जिन लोगों के आशियाने बच गये हैं वे अपने आशियाने को उजाड़ कर ऊंचे स्थान पर ले जाने को मजबूर हैं। लोगों ने बताया कि खाने के लिए अनाज नहीं है, पहनने के लिए कपड़ा नहीं है, लेकिन, सरकार की तरफ से कोई सुविधा उपलब्ध नहीं करायी गयी है। बाढ़ पीड़िता सुमन देवी बताती हैं कि लगभग एक लाख रुपये की लागत से उन्होंने घर बनाया था जो कोसी नदी में समा गया, अब उनके पास रहने के लिए कोई जगह नहीं है।

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महिलाएं बताती हैं कि इतनी परेशानी में लोग जी रहे हैं, लेकिन, सरकारी अधिकारी ख़बर लेने तक नहीं आते हैं। सहायता की बात तो दूर उनको आश्वासन तक नहीं दिया जाता है। जनप्रतिनिधि भी ऐसे समय नजर नहीं आते हैं। बुज़ुर्ग महिला सनीचरी देवी बताती है कि वे लोग घर से बेघर हो गयी हैं, इसके बावजूद सरकार के तरफ से कोई सुविधा नहीं दी जा रही है।


आपको बता दें कि नेपाल के तराई क्षेत्र से आ रहे पानी से इलाके में बसे लोगों की मुश्किलें बढ़ गई है। लोगों का जन-जीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो चुका है। लोगों ने बताया कि सरकार सिर्फ कागज पर सहायता देती है, जो उन लोगों तक कभी नहीं पहुंच पाती। हर साल कोसी में आने वाली बाढ़ से लाखों लोग प्रभावित होते हैं। हज़ारों घर नदी में समा जाते हैं, सैकड़ों जानें जाती हैं।

यह क्षेत्र सहरसा के महिषी विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा है। बाढ़ पीड़ितों के पुनर्वास के सवाल पर महिषी के विधायक गुंजेश्वर साह ने ‘मैं मीडिया’ को बताया कि बाढ़ पीड़ितों का पुनर्वास उनकी प्राथमिकता है। उन्होंने आगे कहा कि क्षेत्र में इसको लेकर युद्ध स्तर पर काम किया जा रहा है। बाढ़ग्रस्त क्षेत्र में जल्द से जल्द सुविधा उपलब्ध करवाने को लेकर स्थानीय अधिकारियों को निर्देश दिया गया है।

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एमएचएम कॉलेज सहरसा से बीए पढ़ा हुआ हूं। फ्रीलांसर के तौर पर सहरसा से ग्राउंड स्टोरी करता हूं।

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