बिहार के पूर्णिया में शिक्षा विभाग के ज़िला कार्यक्रम पदाधिकारी (डीपीओ) कौशल कुमार पर शिक्षकों को आपमानित करने का आरोप लगा है। इसके बाद बैठक में आए शिक्षकों ने जमकर हंगामा किया।
दरअसल, डीपीओ ने नीट की परीक्षा के मद्देनजर होने वाले मॉक टेस्ट की तैयारी को लेकर सभी सरकारी विद्यालयों के हेड मास्टर और कंप्यूटर साइंस के शिक्षकों के साथ एक बैठक आयोजित की थी। लेकिन, यह बैठक रणक्षेत्र में तब्दील हो गयी। बैठक में शामिल होने आए शिक्षक डीपीओ के खिलाफ आक्रोश जताने लगे।
शिक्षकों ने आरोप लगाया कि डीपीओ कौशल कुमार ने उन्हें सीधे तौर पर कह दिया कि वो शिक्षक बनने के लायक ही नहीं हैं। इसके बाद शिक्षकों का गुस्सा फूट पड़ा और वे बैठक को बीच में ही छोड़कर विरोध प्रदर्शन करने लगे। हंगामा इतना बढ़ गया कि बैठक हो नहीं पाई। शिक्षकों ने कहा कि वे विभाग से इस बात की शिकायत करेंगे।
हालांकि, इस मामले में डीपीओ कौशल कुमार ने शिक्षकों से माफ़ी मांग ली है। उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राओं के भविष्य के लिए विभाग द्वारा अहम कदम उठाए जा रहे हैं, जिसमें सबको साथ आना है। इसलिए जो भी चर्चा इस बैठक में नहीं हुई है, वह जल्द ही दूसरी बैठक आयोजित कर पूरा किया जायेगा।
“शिक्षा की गुणवत्ता का सवाल है, इसलिए इस बैठक को दोबारा से आहुत किया जाएगा। नीट की तैयारी को लेकर जो मॉक टेस्ट होना है, उसके लिए हेड मास्टर और शिक्षकों के साथ बातचीत की जाएगी। जो भी व्यवहार वहां शिक्षकों के साथ हमने किया है, उसके लिए हमने शिक्षकों से भी माफी मांगी है,” उन्होंने कहा।
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