बिहार के सहरसा जिले के महिषी प्रखंड स्थित ऐना, घोंघेपुर और झारा पंचायत के दर्जनों गांव विकास की धारा से कोसों दूर हैं। आवाजाही के लिए सड़क की कोई सुविधा नहीं है, जिससे लाखों की आबादी प्रभावित है।
थोड़ी-सी बारिश होते ही मिट्टी से भरे रास्ते कीचड़ और नाले में तब्दील हो जाते हैं, जिससे आवाजाही पूरी तरह ठप हो जाती है। क्षेत्र के लोगों ने सड़क की मांग के लिए कई बार विरोध प्रदर्शन किया, लेकिन उसका कोई परिणाम नहीं निकला। ग्रामीणों ने 2024 के लोकसभा चुनाव का बहिष्कार भी किया, फिर भी कोई समाधान नहीं मिला।
Also Read Story
वर्षों से पक्की सड़क की मांग कर रहे लोग अब स्थानीय जन प्रतिनिधियों से बेहद नाराज़ हैं, जिसके चलते उन्होंने आगामी विधानसभा चुनाव के बहिष्कार का ऐलान कर दिया है।
कच्ची सड़कों से उड़ती धूल और बारिश में जलजमाव की समस्या से ग्रामीण दशकों से परेशान हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि बचपन से उन्होंने सड़कों की ऐसी ही हालत देखी है, जिसमें अब तक कोई सुधार नहीं आया है। बाढ़ के समय हर वर्ष क्षेत्र के कई गाँव कटाव से प्रभावित होते हैं।
गाँव में किसी बेटी की शादी होने पर ग्रामीण आपस में चंदा कर सड़क की मरम्मत करवाते हैं, ताकि बारात गाँव में प्रवेश कर सके।
इस मामले को लेकर जब हमने सिमरी बख्तियारपुर के राजद विधायक युसूफ सलाउद्दीन से बात की, तो उन्होंने बताया कि मामला टेंडर की प्रक्रिया तक पहुंच चुका है और बहुत जल्द बहोरवा से बेलदौर तक सड़क निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि इसके लिए कई बार विधानसभा में आवाज़ उठाई गई है। उम्मीद है कि इस सड़क निर्माण कार्य को जल्द स्वीकृति मिल जाएगी।
सीमांचल की ज़मीनी ख़बरें सामने लाने में सहभागी बनें। ‘मैं मीडिया’ की सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।