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सहरसा में कोसी से सटे दर्जनों गांवों पर मंडराया बाढ़-कटाव का खतरा

स्थानीय लोगों का कहना है कि जलस्तर बढ़ने से किसानों की फसलें हर साल बर्बाद हो जाती हैं जिससे क्षेत्र के किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है।

Sarfaraz Alam Reported By Sarfraz Alam |
Published On :
dozens of villages adjoining kosi in saharsa are at risk of flood and erosion

बाढ़ की तबाही के लिए बदनाम बिहार की कोसी नदी एक बार फिर उफान पर है। जलस्तर बढ़ते ही तटबंध के अंदर बसे गांवों के लोगों को नदी कटाव का डर सताने लगा है। सहरसा जिले के महिषी प्रखंड की राजनपुर पंचायत के दर्जनों गांव हर साल कोसी की तबाही झेलते हैं और सैकड़ों लोगों के घर नदी में समा जाते हैं।


स्थानीय लोगों के अनुसार कोसी के दियारा क्षेत्र की बस्तियां अब नदी कटाव की ज़द में हैं लेकिन सरकार की ओर से अब तक कोई ठोस इंतजाम नहीं किया गया है। बरसात आते ही कोसी का जलस्तर बढ़ जाता है। हर साल बरसात में नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण पीपा पुल पूरी तरह से खोल दिया जाता है जिसके बाद हज़ारों लोगों को नाव के सहारे रहना पड़ता है।

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स्थानीय लोगों का कहना है कि जलस्तर बढ़ने से किसानों की फसलें हर साल बर्बाद हो जाती हैं जिससे क्षेत्र के किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। पुल न होने से आवाजाही बुरी तरह से बाधित होती है जबकि पास में बसे लोगों को विस्थापित होना पड़ता है लेकिन उन्हें सरकार से कुछ ख़ास मदद नहीं मिलती।


नदी की मार झेल रही एक बड़ी आबादी हर साल 5 से 6 महीने बाढ़ जैसे हालात में रहती है। सैकड़ों लोग हर वर्ष अपना घर छोड़ पलायन करने पर मजबूर हो जाते है, जिनके घर बच जाते हैं उन्हें व्यवसाय में नुकसान उठाना पड़ता है।

स्थानीय निवासी दिनेश यादव ने बताया कि हर वर्ष 1 करोड़ 47 लाख रुपये की लागत से पुल और अप्रोच पथ का मेंटेनेंस किया जाना था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अगर 450 मीटर की बजाय 1000 मीटर लंबाई वाले पुल का टेंडर होता, तो इससे सबको फायदा मिलता। पिछले साल जब नदी का जलस्तर बढ़ा, तब दर्जनों घर उजड़ गए लेकिन सरकार की ओर से पीड़ितों को कोई राहत नहीं दी गई।

इस मामले में जब हमने पुल निर्माण निगम, सहरसा के जूनियर इंजीनियर संजय कुमार से बात की तो उन्होंने बताया कि निगम के दिशा-निर्देशों के अनुसार पीपा पुल को 16 जून तक खोलना था। हालांकि, फिलहाल रास्ता सुदृढ़ है, इसलिए आवागमन जारी रहेगा। जैसे ही जलस्तर बढ़ेगा और बाढ़ की आशंका बढ़ेगी, उससे पहले पुल को हटा लिया जाएगा।

वहीं, सहरसा के जिलाधिकारी दीपेश कुमार ने कहा कि फिलहाल तटबंध की स्थिति संतोषजनक है और उसकी निगरानी और मरम्मत का कार्य जारी है।

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एमएचएम कॉलेज सहरसा से बीए पढ़ा हुआ हूं। फ्रीलांसर के तौर पर सहरसा से ग्राउंड स्टोरी करता हूं।

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