Main Media

Seemanchal News, Kishanganj News, Katihar News, Araria News, Purnea News in Hindi

Support Us

एक दशक पहले बने स्वास्थ्य केंद्र में आज तक नहीं आया डॉक्टर

बरचौन्दी पंचायत के आस पास के गाँवों के निवासी स्वास्थ केंद्र सक्रिय न होने से झोलाछाप डॉक्टरों से दवाइयां लेने के आदी हो गए हैं।

shah faisal main media correspondent Reported By Shah Faisal | Kishanganj |
Published On :

किशनगंज के ठाकुरगंज प्रखंड की बरचौन्दी पंचायत के बरचौन्दी बाजार में एक दशक पहले सरकार द्वारा अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण कराया गया था। आज अस्पताल की इमारत एक भूतिया मकान की शक्ल ले चुकी है, जहाँ देखने पर लगता है कि दशकों पहले यह इमारत बनाई गई थी। स्थानीय लोगों की शिकायत है कि जब से अस्पताल की स्थापना हुई है, तब से न कोई पेशेवर चिकित्सक, न ही कोई अधिकारी अस्पताल में आया। मामूली सर्दी, ज़ुकाम या बुखार के लिए भी आस पास के गाँव के लोग ठाकुरगंज या पौआखाली तक सफर करने पर मजबूर हैं, जिसमें काफी समय और पैसा लग जाते हैं।

अशरफ़ुन निसा अस्पताल के पास घेघाटोली नामक बस्ती में रहती हैं। वह कहती हैं कि प्राथमिक स्वास्थ केंद्र के सक्रिय नहीं होने के कारण गाँव के लोगों को, खासकर महिलाओं को बहुत अड़चनों का सामना करना पड़ता है।

बरचौन्दी पंचायत के आस पास के गाँवों के निवासी स्वास्थ केंद्र सक्रिय न होने से झोलाछाप डॉक्टरों से दवाइयां लेने के आदी हो गए हैं। जब बीमारी बढ़ती है, तो मजबूरन शहरों के बड़े और महंगे अस्पतालों का रुख करना पड़ता है। स्थानीय लोगों ने बताया कि जर्जर हो चुके अस्पताल के खाली कमरों में कुछ लोग नशा करते हैं और जुआ खेलते हैं। जिस अस्पताल में दवाइयों की रैक होनी चाहिए थी, वहां ज़मीन पर अपशिष्ट पदार्थ और कई प्रकार की गन्दगी देखी जा सकती है।


पहले दिन से ही खाली पड़े इस अस्पताल की हालत जर्जर है। स्थनीय निवासियों का कहना है कि अस्पताल बनाते समय न तो बाहरी दिवार घेरी गई, न कोई दरवाज़ा लगाया गया जिस कारण मवेशी अस्पताल के पास आकर गंदगी फैलाते हैं।

बरचौन्दी बाज़ार स्थित अतिरिक्त प्राथमिक सवास्थ केंद्र अगर सक्रिय होता, तो ठाकुरगंज प्रखंड क्षेत्र की एक बड़ी आबादी को इससे लाभ होता। स्थनीय निवासी मोबश्शीर रज़ा कहते हैं कि बरचौन्दी पंचायत के लोगों को सिर्फ वोट के लिए इस्तेमाल किया जाता है, गाँव वालों की समस्या सुनने वाला कोई नहीं है।

मामले को लेकर हमने स्थानीय PHC प्रभारी से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उनसे बात नहीं पाई। जवाब आने पर हम website पर खबर अपडेट कर देंगे।

Also Read Story

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी को कैंसर, नहीं करेंगे चुनाव प्रचार

अररिया: टीका लगाने के बाद डेढ़ माह की बच्ची की मौत, अस्पताल में परिजनों का हंगामा

चाकुलिया में लगाया गया सैनेटरी नैपकिन यूनिट

अररिया: स्कूल में मध्याह्न भोजन खाने से 40 बच्चों की हालत बिगड़ी

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कोरोना को लेकर की उच्चस्तरीय बैठक

बिहार में कोरोना के 2 मरीज मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग सतर्क

कटिहार: आशा दिवस पर बैठक बुलाकर खुद नहीं आए प्रबंधक, घंटों बैठी रहीं आशा कर्मियां

“अवैध नर्सिंग होम के खिलाफ जल्द होगी कार्रवाई”, किशनगंज में बोले स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव

किशनगंज: कोरोना काल में बना सदर अस्पताल का ऑक्सीजन प्लांट महीनों से बंद

सीमांचल की ज़मीनी ख़बरें सामने लाने में सहभागी बनें। ‘मैं मीडिया’ की सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।

Support Us

Shah Faisal is using alternative media to bring attention to problems faced by people in rural Bihar. He is also a part of Change Chitra program run by Video Volunteers and US Embassy. ‘Open Defecation Failure’, a documentary made by Faisal’s team brought forth the harsh truth of Prime Minister Narendra Modi’s dream project – Swacch Bharat Mission.

Related News

अररिया: थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों के लिए पर्याप्त खून उपलब्ध नहीं

पूर्णियाः नॉर्मल डिलीवरी के मांगे 20 हजार रुपये, नहीं देने पर अस्पताल ने बनाया प्रसूता को बंधक

पटना के IGIMS में मुफ्त दवाई और इलाज, बिहार सरकार का फैसला

दो डाक्टर के भरोसे चल रहा मनिहारी अनुमंडल अस्पताल

पूर्णिया में अपेंडिक्स के ऑपरेशन की जगह से निकलने लगा मल मूत्र

सीमांचल के पानी में रासायनिक प्रदूषण, किशनगंज सांसद ने केंद्र से पूछा- ‘क्या है प्लान’

किशनगंज: प्रखंड स्वास्थ्य केंद्र पर आशा कार्यकर्ताओं का धरना

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Latest Posts

Ground Report

किशनगंज: दशकों से पुल के इंतज़ार में जन प्रतिनिधियों से मायूस ग्रामीण

मूल सुविधाओं से वंचित सहरसा का गाँव, वोटिंग का किया बहिष्कार

सुपौल: देश के पूर्व रेल मंत्री और बिहार के मुख्यमंत्री के गांव में विकास क्यों नहीं पहुंच पा रहा?

सुपौल पुल हादसे पर ग्राउंड रिपोर्ट – ‘पलटू राम का पुल भी पलट रहा है’

बीपी मंडल के गांव के दलितों तक कब पहुंचेगा सामाजिक न्याय?