पिछले कई दिनों से ‘मैं मीडिया’ ग्राउंड जीरो से सीमांचल के विभिन्न इलाकों में बाढ़ और नदी कटान की समस्याएं उजाकर कर रहा है। इसी सिलसिले में राज्य के आपदा प्रबंधन मंत्री शाहनवाज आलम ने कटान की समस्या को संज्ञान में लेते हुए कहा कि सीमांचल को नदियों के कटाव से बचाने के लिए महानंदा बेसिन प्रोजेक्ट के तहत सभी नदियों को एक साथ जोड़ने का कार्य पांच फेज में किया जाना है। पहले फेज का कार्य संपन्न हो चुका है और दूसरे फेज में भूमि अधिग्रहण का कार्य चल रहा है। बहुत जल्द ही कार्य पूरा कर लिया जाएगा।
किशनगंज के सर्किट हाउस में पत्रकार सम्मेलन में उन्होंने कहा, “दूसरे फेज़ का काम रतुआ नदी, ठाकुरगंज से लेकर कसेरा पंचायत, डकेटा तक जाएगा। उसके बाद परमान नदी है और बकरा नदी है। कुछ लोगों में ये कन्फूज़न भी है कि उनकी ज़मीन चली जाएगी। हमें इन सब बातों से भी ज़मीनी स्तर पर निपटना है ताकि आगे चलकर नदी कटान का स्थायी तौर पर हल निकाला जा सके।”
उन्होंने महागठबंधन सरकार की पीठ थपथपाते हुए कहा, “बिहार में महागठबंधन की सरकार को तीन माह पूरे हुए हैं और इन्हीं तीन माह के अंदर आम लोगों के साथ साथ दलितों, पिछड़ो और अल्पसंख्यकों को इस नयी सरकार से आस जगी है।”
शाहनवाज़ आलम ने बेरोज़गारी की समस्या पर बात करते हुए कहा कि नितीश कुमार और तेजस्वी यादव के नतृत्व में उनकी सरकार रिक्तियां पत्र ही नहीं बल्कि नियुक्ति पत्र भी बाँट रही है। उन्होंने आने वाले समय में बड़े पैमाने पर बहालियां कराने का भरोसा दिलाया।
पिछले कुछ दिनों में राज्य के निजी स्कूलों द्वारा कुछ घोटालों की खबर आई, जिसमें कुछ निजी स्कूलों पर बीपीएल परिवारों से आने वाले बच्चों के अभिभावकों से पैसे लेने के आरोप लगे।
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आपको बता दें कि शिक्षा के अधिकार के तहत 25 फीसदी बीपीएल परिवारों के बच्चों को निजी स्कूलों में नामांकन कर उनकी फीस राज्य सरकार भुगतान करती है। निजी स्कूल उन बच्चों के अभिभावकों से फीस नहीं ले सकते हैं। इस पर मंत्री ने कहा कि बीपीएल के बच्चों से फीस लेने के आरोप लगने वाले स्कूलों की जांच चल रही है। जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों पर कड़ी करवाई होगी ताकि ऐसी घटना न दोहराई जाए।
गलगलिया रेलवे स्टेशन को पूर्व सांसद और पूर्व राज्य मंत्री तस्लीमुद्दीन का नाम देने की मांग के बारे में पूछे जाने पर शाहनवाज़ आलम ने कहा, “स्वर्गीय तस्लीमुद्दीन का इस इलाके में बहुत बड़ा योगदान रहा है, जो भी लोग ऐसी मांग कर रहे हैं हम उनके साथ हैं।”
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