पिछले हफ्ते बिहार के एक गाँव को नेशनल मीडिया में खूब जगह मिली। पूर्णिया ज़िले के बायसी प्रखंड में शादीपुर भुतहा पंचायत की शर्मा टोली में एक सड़क की मांग को नफरती नेशनल मीडिया ने हिन्दू-मुस्लिम विवाद का रंग दे दिया। Zee News ने अपने शो DNA में “राम…रास्ता, मुसलमान” नाम से एक खबर चला कर इसे “डराने वाली रिपोर्ट” बताया और पूछा “कैसे कैद हो गया बिहार का हिंदू मोहल्ला?” वहीं, News18 के अलग-अलग चैनलों के बीच मानो इस खबर में नफरत का तड़का देने का मुक़ाबला छिड़ गया हो। News18 Bihar Jharkhand ने इसे “पूर्णिया में हिंदुओं पर अत्याचार” बताया, वहीं उसी मीडिया समूह के एक अन्य चैनल के अनुसार “मुस्लिमों ने बंद किया 150 हिंदू परिवारों के घर जाने का रास्ता।”
खबर की सच्चाई सामने लाने के लिए ‘मैं मीडिया’ की टीम 5 मार्च, 2025 को शादीपुर भुतहा गई। वहाँ जाकर मैं मीडिया को पता चला कि मामला गाँव में एक सड़क की मांग से जुड़ा है जिसे मीडिया की मदद से हिन्दू-मुसलमान विवाद बनाने की कोशिश जा रही है। साथ ही इस मामले में 23 जनवरी, 2025 को पूर्णिया सिविल कोर्ट से जारी 5 पन्ने के आदेश को पढ़ कर शक की सुई स्थानीय प्रशासन की ओर भी जाती है।
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इस बात में कोई शक नहीं है कि 200 परिवार वाले शर्मा टोली गाँव को सड़क की सख्त ज़रूरत है और बिहार में ऐसे सैकड़ों गाँव हैं, जो आज भी सड़क के इंतज़ार में हैं। ‘मैं मीडिया’ ने ऐसी ख़बरें पूर्व में भी चलाई हैं। लेकिन क्या इसे सांप्रदायिक रंग देना सही है?
कोर्ट ने प्रशासन के फैसले को किया खारिज
इस दौरान ग्रामीणों ने बार-बार एक बात का ज़िक्र किया कि उन्होंने पुराने रास्ते की ज़मीन खरीदने का प्रस्ताव सऊद नामक एक ज़मीन मालिक के सामने रखा था, लेकिन 1 लाख रुपये एडवांस लेकर उसने दो दिन बाद ही वो पैसा वापस कर दिया और ज़मीन मुस्लिम समुदाय के लोगों को बेच दिया। तहकीकात करने पर पता चला ये बात दो-तीन साल पुरानी है और एक ज़मीन मालिक को पूरा अधिकार है कि वो अपनी ज़मीन किसे बेचे। जिन लोगों ने वो ज़मीन खरीदी है, वो वहां घर बना रहे हैं, इसलिए उधर से रास्ता अब मुमकिन है ही नहीं।
उसी पुराने रास्ते के पास ही अबू बकर और अन्य नौ लोगों की ज़मीन है, जिससे शर्मा टोली के लोग 256 फ़ीट लंबे और 10 फ़ीट चौड़े रास्ता की मांग करने लगे।
रास्ते को लेकर बायसी अनुमंडल दंडाधिकारी कुमारी तोसी ने 25 नवंबर, 2024 को एक आदेश जारी किया था। जिसमें अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुये उन्होंने उक्त जमीन के हिस्से को आम रास्ता घोषित कर ज़मीन मालिकों को रास्ता खाली रखने का आदेश दिया। एक क़दम आगे जाते हुए उन्होंने बायसी BDO को उक्त कच्चे रास्ते का जल्द पक्कीकरण करवाने का भी आदेश दे दिया।
लेकिन, ज़मीन मालिक इसको लेकर कोर्ट गए और पूर्णिया सिविल कोर्ट ने SDM कुमारी तोसी को फटकार लगाते हुए उनके आदेश को रद्द कर दिया। कोर्ट ने कहा, “अनुमंडल दंडाधिकारी बायसी द्वारा पारित उपरोक्त आदेश में कहीं भी इस बात की चर्चा नहीं की गई है कि शांति भंग होने की कोई आशंका है, दंडाधिकारी के आदेश में कोई ऐसा कथन नहीं है जिससे यह पता चलता हो कि दंडाधिकारी इन आधारों पर संतुष्ट है कि शांति भंग हो सकती है।” कोर्ट के अनुसार, SDM द्वारा इस प्रकार का आदेश पारित किया जाना धारा 166 BNSS के अंतर्गत न्यायनुमत नहीं कहा जा सकता है। आगे कोर्ट ने कहा है “पारित आदेश उनके क्षेत्राधिकार के अंतर्गत पारित आदेश नहीं माना जा सकता है और उन्होंने क्षेत्राधिकार का उल्लंघन करते हुये आदेश पारित किया है।” ये कहते हुए कोर्ट ने उनके आदेश को रद्द कर दिया। कोर्ट के आदेश से साफ़ है कि SDM कुमारी तोसी अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर किसी की निजी ज़मीन पर आम रास्ता बनवाने की कोशिश में थीं।
ग्रामीणों की आपसी सहमति से निकला समाधान
जहाँ तक बात शर्मा टोली के रास्ते की है इसके लेकर पूर्व में कई प्रयास किये गए हैं। मोहल्ले के दक्षिण दिशा से रास्ता निकालने पर गाँव सीधे मुख्य सड़क से जुड़ सकता है। उधर से रास्ता निकालने में शर्मा टोली के 200 परिवारों के साथ ही पास बसे यादव और मुस्लिम परिवारों को भी रास्ता मिल जाएगा।
इस रास्ते को लेकर शादीपुर भूतहा के सरपंच मो. तोहिद आलम की अध्यक्षता में 18 अक्टूबर, 2024 को गाँव में एक आम बैठक भी हुई थी। इसमें रास्ते के लिए जमीन देने वाले सभी पांच जमीन मालिकों के साथ ही करीब 150 ग्रामीण मौजूद थे। ये जमीन मालिक मुस्लिम और यादव समाज से आते हैं। इस बैठक में सभी जमीन वालों से बातचीत हुई और वे ग्रामीणों के सामने रास्ता के लिए जमीन देने को तैयार हो गए। जिसके बाद रास्ते का नक्शा भी तैयार कर लिया गया था। लेकिन उसके बाद मामले ने अलग रंग ले लिया और बात फिर पुराने रास्ते पर आ गई।
अच्छी खबर ये है कि 5 मार्च, बुधवार और 6 मार्च, गुरुवार को ग्रामीणों के बीच एक बैठक हुई है, जिसमें दक्षिण दिशा से रास्ता निकालने पर सभी ने सहमति दी है। सभी पांच ज़मीन मालिक मो. शाहनवाज, मो. अरशद, वजी अहमद, चेंगा यादव और मोती लाल यादव रास्ते के लिए अपनी ज़मीन देंगे। ग्रामीणों की इस आपसी सहमति के बाद अब देखना ये होगा कि प्रशासन इस रास्ते को कब तक बनवाता है।
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