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आधा दशक पहले बना अस्पताल, मगर अब तक नहीं हुआ चालू

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 5 मई को साल 2020-2021 के लिए रूरल हेल्थ स्टैटिस्टिक्स रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार में फिलहाल 10258 सब सेंटर, 1932 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) और 306 कम्युनिटी स्वास्थ्य केंद्र हैं।

Md Akil Alam Reported By Md Akil Aalam |
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यह टाइल्स के साथ कूड़े से सजा फर्श, पेंट के साथ सीलन से पुती दीवारें और टूटे हुए शीशे वाली खिड़कियां, धनगढ़ा पंचायत के उप स्वास्थ्य केंद्र की हैं, जो किशनगंज जिले के दिघलबैंक प्रखंड में आता है।

वैसे तो यह अस्पताल साल 2017-18 में ही पूरी तरह बनकर तैयार हो गया था, लेकिन 5 साल बीत जाने के बाद, आज भी यहां न तो कोई मरीज दिखता है और न डॉक्टर। गरीबों को मुफ्त इलाज उपलब्ध कराने के लिए बनाया गया यह सरकारी अस्पताल आज तक चालू ही नहीं हो सका है। करोड़ों रुपए खर्च कर बनाए गए इस अस्पताल की इमारत देखरेख के अभाव में जर्जर होती जा रही है।

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अस्पताल के बराबर में चल रहे मदरसे के उस्ताद हाफिज मनाज़िर कहते हैं कि इलाके के लोगों के पास छोटी मोटी बीमारी का इलाज कराने के लिए भी कोई अस्पताल उपलब्ध नहीं है, अगर यह अस्पताल चालू होता, तो लोगों को काफी आसानी होती। हाफिज मनाज़िर ने आगे बताया कि समाज सेवा के उद्देश्य से, अस्पताल के लिए मदरसे की कीमती जमीन मुफ्त दी गई थी।


प्रमोद कुमार बताते हैं कि उन्होंने 2015 में इस अस्पताल में फर्नीचर का काम किया था। लोगों को तो उस समय भी इलाके में अस्पताल खुलने की उम्मीद नहीं थी, अब अस्पताल खुलने पर कोई सुविधा तो मिली ही नहीं है।

स्थानीय बालक अरमान ने बताया, फिलहाल यहाँ के लोगों को किसी छोटी बिमारी के इलाज के लिए भी बहादुरगंज जाना पड़ता है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 5 मई को साल 2020-2021 के लिए रूरल हेल्थ स्टैटिस्टिक्स रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार में फिलहाल 10258 सब सेंटर, 1932 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) और 306 कम्युनिटी स्वास्थ्य केंद्र हैं।

केंद्र सरकार के नेशनल हेल्थ मिशन के अनुसार ग्रामीण इलाकों में 5000 हजार की आबादी पर एक सब-सेंटर, 30 हजार की आबादी पर एक पीएचसी और 1,20,000 की आबादी पर 1 कम्युनिटी हेल्थ सेंटर होना चाहिए। लेकिन, सीमांचल की बात करें, आबादी के अनुपात में स्वास्थ्य केंद्र काफी कम हैं। 16,90,400 आबादी वाले किशनगंज में 338 सब-सेंटर, 56 पीएचसी और 14 कम्युनिटी हेल्थ सेंटर होने चाहिए, लेकिन यहां मजर 156 सब सेंटर, 19 पीएचसी और महज 4 कम्युनिटी हेल्थ सेंटर स्थित हैं। सीमांचल के सभी चार जिलों की एकमुश्त आबादी के हिसाब से देखा जाए, तो 10450 लोगों पर एक सब-सेंटर, 55864 की आबादी पर एक पीएचसी और 451567 आबादी पर एक कम्युनिटी हेल्थ सेंटर है।

अस्पताल का अपडेट लेने के लिए हमने दिघलबैंक के प्रभारी चिकत्सा पदाधिकारी तेज नारायण रजक से बात की। उन्होंने बताया हस्पताल 2017-18 में बन कर तैयार हो गया था। स्टाफ की कमी की वजह से हस्पताल बंद पड़ा है। जो डॉक्टर आए थे, वो PG करने गए हैं। आगे उन्होंने बताया की इसे जल्द शुरू करने की कोशिश की जाएगी।

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Md Akil Alam is a reporter based in Dighalbank area of Kishanganj. Dighalbank region shares border with Nepal, Akil regularly writes on issues related to villages on Indo-Nepal border.

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