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निर्माण खर्च से 228.05 करोड़ रुपये अधिक वसूली के बावजूद NH 27 पर बड़े बड़े गड्ढे

पूर्णिया से इस्लामपुर सेक्शन के निर्माण कार्य में 726.40 करोड़ रुपये खर्च हुए। जबकि इस मार्ग पर मौजूद दो टोल प्लाज़ा बरसोनी और सुरजापुर में कुल 954.45 करोड़ रुपये वसूले जा चुके हैं।

syed jaffer imam Reported By Syed Jaffer Imam |
Published On :
despite recovery of rs 228.05 crore more than the construction expenditure, huge potholes on nh 27

बिहार के सीमांचल को पश्चिम बंगाल और उत्तर पूर्वी राज्यों से जोड़ने वाला नेशनल हाईवे 27 जर्जरता का शिकार है। पूर्णिया से इस्लामपुर सेक्शन के निर्माण कार्य में 726.40 करोड़ रुपये खर्च हुए। जबकि इस मार्ग पर मौजूद दो टोल प्लाज़ा बरसोनी और सुरजापुर में कुल 954.45 करोड़ रुपये वसूले जा चुके हैं। यानी नेशनल हाईवे 27 के पूर्णिया से इस्लामपुर खंड निर्माण में लागत से 228.05 करोड़ रुपये ज़्यादा नवंबर 2024 तक ही वसूले जा चुके थे।


फिर भी पश्चिम बंगाल स्थित सुरजापुर टोल प्लाजा से बिहार के किशनगंज शहर के बीच बड़े बड़े गड्ढे हैं। इस मार्ग पर यात्रा करने वाले लोगों का कहना है कि मरम्मत का काम होने के कुछ ही समय बाद सड़कें फिर से खराब हो जाती हैं, नतीजतन, इस हाईवे पर आए दिन बड़ी दुर्घटनाएं होती रहती हैं।

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सड़क दुर्घटनाएं

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2018 से 2022 के बीच देश में कुल 18,33,287 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 7,77,423 लोगों की मौत हुई। ताज़ा आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2022 में सड़क दुर्घटनाओं से हुई मृत्यु की सूची में सिक्किम के बाद बिहार दूसरे स्थान पर रहा। बिहार में 2022 में सड़क दुर्घटनाओं से 8,898 लोगों की जान चली गई थी, जो 2021 की तुलना में 16% अधिक है।


नेशनल हाईवे 27 को पहले नेशनल हाईवे 31 कहा जाता था। इस पर नियमित रूप से सफर करने वाले ट्रक चालकों ने कहा कि इस हाईवे की खस्ता हालत होने से अक्सर समय पर माल नहीं पहुँच पाता है, जिससे उन्हें नुकसान उठाना पड़ता है।

पश्चिम बंगाल के उत्तर दीनाजपुर जिलान्तर्गत गैसल रेलवे स्टेशन के पास NH के क़रीब एक सरकारी कंपनी के ट्रक ड्राइवर ने पहचान छुपाने की शर्त पर सड़कों की खस्ता हालत के बारे में हमसे बात की।

संसद में सवाल

किशनगंज के सांसद मोहम्मद जावेद ने नवंबर 2024 में सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को इस हाईवे की खराब स्थिति की शिकायत कर मरम्मत की मांग की थी।

28 नवंबर 2024 को में AIMIM सदर व हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी के लोकसभा में एक प्रश्न के जवाब में नितिन गडकरी ने देश भर चल रहे टोल प्लाजा, उन पर वसूले गए टोल फी, और हाईवे की निर्माण लागत से संबंधित आंकड़े प्रस्तुत किए।

आकड़ों के अनुसार, नेशनल हाईवे 27 के 36.30 किलोमीटर लंबे पूर्णिया से डालखोला खंड के निर्माण पर 274.05 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं, जबकि इस सड़क पर बिहार में बने बरसोनी टोल प्लाजा से 304.18 करोड़ रुपये वसूले जा चुके हैं। वहीं 62.14 किलोमीटर लंबे डालखोला-इस्लामपुर सेक्शन के निर्माण में 452.35 करोड़ रुपये खर्च हुए थे, लेकिन इस पर मौजूद पश्चिम बंगाल में सुरजापुर टोल प्लाजा से 650.27 करोड़ रुपये का टोल टैक्स वसूला जा चुका है। पूर्णिया-इस्लामपुर सेक्शन पर 726.4 करोड़ रुपये की लागत आई, जबकि टोल फी के रूप में 954.54 करोड़ रुपये वसूले गए। इन टोल प्लाजा से वसूला गया टोल टैक्स, सड़कों के निर्माण कार्य पर हुए खर्च से कहीं अधिक है। इसके बावजूद एनएच-27 की हालत बेहद खराब है।

पांजीपाड़ा से चंद किलोमीटर के फासले पर स्थित नया हाट में एक अनौपचारिक डायवर्ज़न बनाया गया है। हाईवे की एक तरफ रेलवे फाटक है जिससे निकलते ही वाहक NH पर आते हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि संयोजित तरीके से डायवर्ज़न न बनने से इस स्थान पर काफी दुर्घटनाएं होती हैं।

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सैयद जाफ़र इमाम किशनगंज से तालुक़ रखते हैं। इन्होंने हिमालयन यूनिवर्सिटी से जन संचार एवं पत्रकारिता में ग्रैजूएशन करने के बाद जामिया मिलिया इस्लामिया से हिंदी पत्रकारिता (पीजी) की पढ़ाई की। 'मैं मीडिया' के लिए सीमांचल के खेल-कूद और ऐतिहासिक इतिवृत्त पर खबरें लिख रहे हैं। इससे पहले इन्होंने Opoyi, Scribblers India, Swantree Foundation, Public Vichar जैसे संस्थानों में काम किया है। इनकी पुस्तक "A Panic Attack on The Subway" जुलाई 2021 में प्रकाशित हुई थी। यह जाफ़र के तखल्लूस के साथ 'हिंदुस्तानी' भाषा में ग़ज़ल कहते हैं और समय मिलने पर इंटरनेट पर शॉर्ट फिल्में बनाना पसंद करते हैं।

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