बिहार लोक सेवा आयोग की शिक्षा भर्ती परीक्षा के तीसरे चरण में 9 मार्च 2025 को सफल अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिये गये। परिणाम आने के बाद नियुक्ति पत्र जारी करने में विभाग ने करीब 4 महीने का समय लिया। लेकिन, नियुक्ति पत्र आने के लगभग डेढ़ महीने बाद भी सफल अभ्यर्थी नौकरी के इंतज़ार में हैं। ट्रेनिंग और स्कूल आवंटन प्रक्रिया पूरी न होने से राज्य के हज़ारों अभ्यर्थी सरकार से नौकरी की मांग कर रहे हैं।
BPSC TRE-3 में सफल हुए अभ्यर्थयों ने 25 अप्रैल को पटना के गांधी मैदान में नौकरी की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। इससे पहले भी ये अभ्यर्थी कई बार ट्विटर कम्पैन के ज़रिये अपनी आवाज़ सरकार तक रखते रहे हैं।
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हमने इनमें से कुछ अभ्यर्थियों से बात कर उनकी समस्याओं को जानने का प्रयास किया। BPSC TRE-3 परीक्षा में सफल हुए इन अभ्यर्थियों ने बताया कि TRE 1 व TRE 2 में परीक्षा से लेकर नौकरी देने की सारी प्रक्रिया चंद महीने में पूरी कर ली गई थी लेकिन TRE 3 में राज्य सरकार लगातार देरी कर रही है।
किशनगंज जिले के बहादुरगंज प्रखंड स्थित झिंगाकाटा पंचायत निवासी नसीम अहमद उन हज़ारों अभ्यर्थियों में से एक हैं जो अभी भी नियुक्ति के इंतज़ार में हैं। उन्होंने मध्य विद्यालय (6 से 8 कक्षा) की परीक्षा में सफलता हासिल की। नसीम अहमद ने ‘मैं मीडिया’ से बातचीत में बताया कि बाकी सफल अभ्यर्थियों की तरह उन्हें भी 9 मार्च को नियुक्ति पत्र मिला। ट्रेनिंग और स्कूल आवंटन कब होगा इसकी किसी को कोई जानकारी नहीं हैं।
वह कहते हैं, “कई बार शिक्षा विभाग के पास अभ्यर्थी गए हैं लेकिन वहां से सिर्फ आश्वासन मिलता है। कुछ अभ्यर्थियों का काउंसिलिंग छूट गया था, कहा जा रहा है कि 28 अप्रैल तक यह प्रक्रिया पूरी की जाएगी। परिणाम आने के बाद ज्वाइनिंग नहीं मिलने से काफी निराशा है। हमें लोगों को जवाब देना पड़ता है, कब ज्वाइनिंग मिलेगी? कब नौकरी होगी? यह तो सरकारी लापरवाही है कि इतनी देरी हो रही है।”
नसीम के पिता मदरसा शिक्षक थे। कुछ समय पहले उनका देहांत हो गया। शिक्षक भर्ती परीक्षा में सफल होने के बाद नौकरी की आस जगी, मगर शिक्षा विभाग की तरफ से देर होने के कारण नसीम जैसे हज़ारों युवा असमंजस की स्थिति में हैं।
सफलता के बावजूद महीनों से बेरोज़गार बैठे हैं युवा
TRE-3 की परीक्षा मार्च 2024 में ली गई थी। पेपर लीक की खबरों के बाद परीक्षा दोबारा से जुलाई में कराई गई। करीब 4 महीने बाद 15 नवंबर को प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों के लिए शिक्षक भर्ती परीक्षाओं के परिणाम आये। इसके बाद चयनित परीक्षार्थियों से तीन प्रखंडों के नाम मांगे गए जिसके बाद मार्च में नियुक्ति पत्र भेजा गया हालांकि अभी भी सभी सफल अभ्यर्थी नौकरी की आस में सरकार के सहारे बैठे हैं।
“उधर से कब बुला ले उसी इंतज़ार में हैं। जॉब के इंतज़ार में हम कोई दूसरा काम नहीं कर पा रहे हैं। विद्यार्थी वाले जीवन में पैसों की कमी रहती है। घर वालों को भी बहुत कुछ झेलना पड़ता है। इतनी महंगाई में बहुत दिक्कतें होती हैं,” नसीम बोले।
शिक्षक भर्ती परीक्षा में सफल हुए एक अन्य अभ्यर्थी, किशनगंज के कबीर टोला गांव निवासी, मोहममद सरफ़राज़ महीनों से नौकरी के इंतज़ार में हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार और शिक्षा विभाग मौजूदा शिक्षकों के ट्रांसफर का हवाला देकर TRE-3 की नियुक्ति प्रक्रिया में देरी कर रहा है। इसके कारण महीनों से घर बैठे हज़ारों अभ्यर्थियों को आर्थिक और सामाजिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
महीनों घर बैठने से बिगड़ी आर्थिक स्थिति
किशनगंज के कबीर टोला गांव निवासी मोहम्मद सरफ़राज़ एक मध्य वर्गीय परिवार से आते हैं। उनके पिता पेशे से किसान हैं। सरफ़राज़ ने बताया कि शिक्षक भर्ती परीक्षा में सफलता से पहले वह एक निजी स्कूल में पढ़ाते थे। परिणाम आने के बाद उन्होंने वो काम छोड़ दिया और अब वह नियुक्ति के इंतज़ार में हैं। कमज़ोर आर्थिक स्थिति के कारण उनकी परेशानियों में इज़ाफ़ा हो गया है।
“इससे पहले कुछ न कुछ कर रहे थे, प्राइवेट में पढ़ा रहे थे लेकिन अब न तो आगे किसी चीज़ की तैयारी कर पा रहे हैं न कोई काम कर पा रहे हैं। कहीं जॉब लेंगे और यहाँ से कॉल आएगा तो छोड़के जाना होगा ऐसे में कहीं और काम करना भी संभव नहीं है। बहुत परेशानी है। स्कूल में शिक्षकों की भी कमी है। जितना जल्दी हो सके नौकरी दे देनी चाहिए,” सरफ़राज़ ने कहा।
वह आगे कहते हैं, “पूरे बिहार के अभ्यर्थियों की तरफ से माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी से यही कहना चाहेंगे कि अब और देरी मत कीजिये। आजकल इतनी बेरोज़गारी है, बहुत सारी दिक्कतें हैं। 2-4 प्रतिशत छोड़कर सब मध्यम वर्ग के लोग हैं। अब नौकरी दे देनी चाहिए, काफी समय हो गया है।”
नियुक्ति का इंतजार कर रहे किशनगंज के बहादुरगंज निवासी कामिल रुहानी कहते हैं, “सालों की मेहनत के बाद बीपीएससी क्रैक किये। मेरे पिता किसान हैं, उन्होंने मेरी पढ़ाई में काफी खर्च किया है। जब से परिणाम आया है तब से नौकरी की आस में घर पर बैठे हैं। घर की माली हालात और खस्ता होती जा रही है। आदमी मानसिक रूप से डिस्टर्ब भी हो जाता है। समाज वाले पूछते हैं क्यों नहीं हुआ अब तक।”
आगे उन्होंने कहा, “सरकार से यही मांग है कि जल्द से जल्द हमें नौकरी दी जाए। हमलोग ज्यादतर लोग मध्यम या निम्न मध्यम वर्ग परिवार से आते हैं। हमलोगों की आर्थिक परेशानियां बहुत हैं। कई लोग हम से भी खस्ता हाल हैं। सबके सब परेशान हैं।”
क्या चुनावी लाभ लेना चाहती है सरकार
अपनी पहचान छुपाने की शर्त पर BPSC TRE-3 में सफल हुए एक अभ्यर्थी ने हमसे कहा कि राज्य सरकार जानबूझ कर नियुक्ति में देरी कर रही है ताकि चुनाव से ठीक पहले नियुक्ति कर इसका फायदा उठाया जा सके।
उन्होंने कहा, “हमलोग एक बार आवाज़ उठाये तो काउंसिलिंग का डेट दिया। फिर आवाज़ उठाये तो नियुक्ति पत्र दिया। फिर कैंपेन किये तो तीन ब्लॉकों में से स्कूल चयन करने को दिया। उसके बाद से कोई जानकारी नहीं आ रही है। समाज में लोग पूछते हैं कि आपलोग का हुआ है या नहीं, या आपलोग ऐसे ही हवाबाज़ी कर रहे हैं। सरकार इसको चुनाव तक खींचना चाहती है ताकि चुनाव के माहौल में फ़ायदा उठा सके, यही तो होता है।
वह आगे बोले, “मेरे माता पिता अक्सर बीमार रहते हैं। अभी वालिद साहब को डॉक्टर को दिखाने मैं शहर ले जा रहा हूँ। पैसे की बहुत किल्लत है। कई बार हमलोगों ने ट्विटर कैंपेन किया लेकिन कोई जवाब नहीं आया। पटना में कई अभ्यर्थी विभाग के दफ्तर भी जाते हैं तो उन्हें बस कहा जाता है कि अब होगा, तब होगा पर कुछ नहीं होता।”
UPDATE
अपर मुख्य सचिव बोले, “5 मई तक हो जाएंगी नियुक्तियाँ“
पटना के गांधी मैदान में TRE-3 में सफल अभ्यर्थियों द्वारा दिये गये धरना प्रदर्शन के एक दिन बाद शिक्षा विभाग की तरफ़ से बड़ा बयान सामने आया है।
शनिवार 26 अप्रैल को बिहार शिक्षा विभाग के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर अपर मुख्य सचिव एस. सिद्धार्थ ने कहा कि 3 मई तक TRE-3 में सफल अभ्यर्थियों की नियुक्ति का आदेश आ जाएगा।
“हमलोगों ने फ़ाइनलाइज़ कर लिया है और अगले सप्ताह शुक्रवार या शनिवार तक TRE-3 के जितने भी शिक्षक हैं उनका पोस्टिंग ऑर्डर हमलोग निकाल देंगे। सभी शिक्षक सोमवार से स्कूलों को ज्वाइन करेंगे,” एस. सिद्धार्थ ने शिक्षा विभाग के यूट्यूब चैनल पर जानकारी दी।
आगे उन्होंने कहा कि जिन विद्यालयों में शिक्षकों की कमी है और बच्चे अधिक हैं वहाँ इन शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। यह निर्णय राज्य में शिक्षक-अभ्यर्थी अनुपात बराबर करने के लिए लिया गया है।
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