राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता खत्म कर दी गई है। गुरुवार को सूरत कोर्ट ने मानहानि मामले में राहुल गांधी को दोषी करार देते हुए दो साल की सजा सुनाई थी।
राहुल गांधी केरल के वायनाड से सांसद थे।
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सूरत कोर्ट का फैसले आने के बाद से ही राहुल गांधी की सदस्यता रद्द किए जाने की आशंका जताई जा रही थी।
लोकसभा सचिवालय की नोटिफिकेशन के अनुसार, राहुल की अयोग्यता संबंधी आदेश 23 मार्च से प्रभावी होगा। राहुल गांधी को संविधान के अनुच्छेद 102(1) और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 धारा 8 के तहत अयोग्य घोषित किया गया है।
दरअसल, जनप्रतिनिधि कानून के मुताबिक, सांसदों और विधायकों को किसी मामले में 2 साल से ज्यादा की सजा हुई हो, तो ऐसे में उनकी सदस्यता रद्द हो जाती है। हालांकि राहुल के लिए अभी रास्ते बंद नहीं हुए हैं। वह सूरत कोर्ट के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं। अगर फैसले पर ऊपरी अदालत से राहत नहीं मिलती है, तब राहुल गांधी 8 वर्षों तक कोई चुनाव नहीं लड़ सकते हैं।
क्या था मामला
13 अप्रैल 2019 को एक चुनावी रैली में राहुल गांधी ने कर्नाटक के कोलार में कहा था, “नीरव मोदी, ललित मोदी और नरेंद्र मोदी का सरनेम सरनेम कॉमन क्यों है? सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है?”
राहुल गांधी के इस बयान को लेकर बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने धारा 499 व 500 के तहत आपराधिक मानहानि का केस दर्ज कराया था।
गुरुवार को इसी मामले में सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी को दोषी करार देते हुए दो साल की सजा सुनाई थी। हालांकि, राहुल को 15000 रुपए के निजी मुचलके पर जमानत देते हुए सजा को 30 दिन के लिए सस्पेंड कर दिया गया है।
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