[vc_row][vc_column][vc_column_text]बिहार चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान हो चुका है। चुनाव आयोग ने दिल्ली में प्रेंस कांफ्रेंस करके कोरोना काल में चुनाव कराने की बात कही है। 28 अक्टूबर से लेकर 10 नवंबर के बीच चुनाव हो जाएंगे। यह कोरोनो काल में होनेवाला पहला सबसे बड़ा चुनाव है। वहीं इसी बीच एक सर्वे सामने आया है। चुनाव को लेकर C-Voter का एक सर्वे सामने आया है। इस सर्वे में बिहार के मौजूदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर बड़ा दावा किया गया है। इतना ही नहीं इस सर्वे में सीटों के गणित के साथ-साथ जनता के मन की बात को भी सामने रखा गया है।
इस सर्वे में लोगों से कई सवाल पूछे गए थे, जिनमें एक सवाल ये भी था कि सीएम के तौर पर उनकी पहली पसंद कौन है? वहीं सर्वे में लोगों से पूछा गया कि बिहार की जनता वर्तमान में सबसे बड़ा मुद्दा कौन सा है। बात पहले सवाल की करें तो इसके बारे में सी- वोटर का सर्वे कहता है कि बिहार के लोग मानते हैं कि बिहार के सीएम के तौर पर नीतीश कुमार के अलावा कोई दूसरा बेहतर चेहरा नहीं है। सर्वे बताता है कि ज्यादातर जनता को बिहार मेंं नीतीश सीएम के तौर पर पसंद हैं। सी-वोटर सर्वे में पूछा गया था कि बिहार के लिए सबसे बेहतर मुख्यमंत्री कौन हो सकता है? इस सवाल के जवाब में 30.9 फीसदी लोगों ने नीतीश कुमार को बेहतर बताया है।
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वहीं इस सर्वे में सीएम के चेहरे के तौर पर बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव दूसरे नंबर पर हैं। बिहार की 15.4 फीसदी जनता उन्हें सीएम के तौर पर देखना चाहती है। उनके बाद सुशील मोदी का भी नंबर है, उनके पक्ष में 9.2%, फिर लालू प्रसाद यादव को 8.3%, एलजेपी के रामविलास पासवान को 6.5%, गिरिराज सिंह को 6.2% और आरएलएसपी के उपेंद्र कुशवाहा को 5.1% लोग सीएम के तौर पर देखना चाहते हैं।
बिहार को किन मुद्दों की दरकार
इसके अलावा बात वर्तमान के सबसे बड़े मुद्दे की बात करें तो इस सर्वे में उस मुद्दे को भी लोगों ने बताया है जिसे लेकर वो चुनाव में मतदान करेंगे। इस सवाल के जवाब में बिहार के लोगों ने बेरोजगारी को मौजूदा समय का सबसे बड़ा मुद्दा बताया है। बिहार के कुल 25.1 फीसदी लोगों ने बेरोजगारी को सबसे बड़ा मुद्दा बताया है। वहीं भ्रष्टाचार को बिहार को दूसरा बड़ा मुद्दा बताया है। कुल 19.3 फीसदी लोगों ने इसे बड़ा मुद्दा माना है। लोगों का मानना है कि सरकारी कामकाज में भ्रष्टाचार पर रोक लगनी चाहिए। वहीं बिहार में बिजली भी एक बड़ा मुद्दा है। नीतीश सरकार बिजली को अब मुद्दा नहीं मानती लेकिन बिहार की 13.3 फीसद जनता बिजली, पानी और सड़क को जरूरी मुद्दा मानती है।
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इसके अलावा हॉस्पिटलों के हालात और वहां दवाओं की कमी 12.9 फीसद, शिक्षण संस्थानों की कमी को लेकर 9.5 फीसद, महिला सुरक्षा और लॉ एंड ऑर्डर को 7.7 फीसद, राज्य में बाढ़ को लेकर व्यवस्था को 2.6 फीसद, सीएए-एनआरसी जैसे राष्ट्रीय मुद्दे को 1.9 फीसद और अन्य मुद्दे को 7.7 फीसद जनता ने अपना मुद्दा इस बार के चुनाव के लिए माना है, जिसपर वो वोट देंगे।
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