बिहार सरकार राज्य के वृद्धजनों, विधवाओं और दिव्यांगों की देखभाल के लिए बिहार में कुल 101 बुनियाद केंद्र(Buniyad Kendra) चला रही है। इन केंद्रों के माध्यम से कौन लोग, किस तरह इन योजनाओं का लाभ ले सकते हैं। आगे आपको इसी विषय पर विस्तृत जानकरी मिलेगी।
आदाब मैं शाह फैसल, मैं मीडिया के “जागो बिहार” शो में आपका स्वागत है। इस शो के माध्यम से हम आपको सरकार की अलग अलग योजनाओं और योजना के लाभ लेने के आसान तरीकों पर बात करेंगे। आज हम आपको ऐसी ही एक योजना के बारे में बताने जा रहे हैं।
बुनियाद केंद्र क्या है?
बिहार सरकार और विश्व बैंक के संयुक्त प्रयास से ‘बिहार समेकित सामाजिक सुरक्षा सुदृढ़ीकरण परियोजना’ चल रही है। परियोजना का उद्देश्य सामाजिक सुरक्षा सेवाएं प्रदान करने में विभाग की क्षमतावृद्धि करना तथा सामाजिक सुरक्षा सेवाओं के लाभार्थियों तक सेवाओं की पहुंच बढ़ाना है। इसी के मद्देनजर बिहार सरकार ने बिहार में कुल 101 “बुनियाद केंद्र स्थापित किये हैं। इन 101 केन्द्रों में से 38 केन्द्र जिला स्तर पर और 63 केंद्र अनुमंडल स्तर पर हैं।
बुनियाद केंद्र में दी जाने वाली सुविधा
बुनियाद केंद्रों के सफल संचालन के लिए प्रत्येक केंद्र में एक-एक साइकोलॉजिस्ट, फिजियोथैरेपिस्ट, नेत्र विशेषज्ञ, निशक्त और वृद्धों का खयाल रखने के लिए केयर गिवर, शोषण या अत्याचार के शिकार वृद्ध, निशक्त या विधवा की सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लीगल एडवाइजर हैं। लीगल एडवाइजर क़ानूनी सलाह देते हैं। इसी प्रकार मैनेजर, लिˈएज़्न् ऑफिसर, रसोइया, कंप्यूटर ऑपरेटर, स्टोर कीपर, केयर टेकर, रोजगार प्रशिक्षक भी बुनियाद केंद्र के मुख्य अंग होते हैं।
फिजियोथेरेपी सुविधा
वृद्धजन विधवा या निःशक्तजनों में घुटनों का दर्द, कमर का दर्द, चलने में परेशानी, कोई चीज़ पकड़ने में परेशानी या कई ऐसी समस्याएं होती है जिनका उपचार थेरेपी के माध्यम से कर उसे ठीक या फिर कम किया जा सकता है है। इसी के लिए बुनियाद केंद्र में फिजियोथेरेपी की सुविधा उपलब्ध है, फिजियोथेरेपी के लिए एक से बढ़कर एक नए दौर की मशीने हैं।
नेत्र विशेषज्ञ की सुविधा
आँखों की जाँच और इलाज के लिए नेत्र विशेषज्ञ यानी आंख का डाक्टर मौजूद होते हैं, आँखों की जाँच के बाद जिन्हें चश्में की जरूरत होती है बुनियाद केंद्र द्वारा ऐसे लोगों को मुफ्त में चश्मा भी उपलब्ध कराया जाता है।
साइकोलॉजिस्ट की सुविधा
साइकोलॉजिस्ट, काउंसलिंग के जरिए लोगों की थेरेपी करते हैं। तनाव से परेशान लोग अपनी काउंसलिंग करा सकते हैं, विचार विमर्श के माध्यम से ऐसी समस्याओं का हल निकाला जाता है।
पेंशन लाभुकों के लिए सुविधा
यही नहीं पेंशन से संबंधित समस्याओं और दिवयांग प्रमाणपत्र के लिए परेशान लोग भी बुनियाद केंद्र से मदद हासिल कर सकते हैं। यहां के स्टाफ द्वारा या तो समस्या का समाधान कर दिया जाता है या फिर सही जानकारी दी जाती है ताकि लाभुक खुद से अपनी समस्या का हल निकाल सके।
बुनियाद केंद्र कहाँ स्थित होता है?
इन तमाम चीजों को जानने के बाद हो सकता है कि आपने मन में यह सवाल उठ रहे हों कि यह केंद्र कहाँ है? तो जवाब है कि यह केंद्र या तो आपके अनुमंडल मुख्यालय या फिर जिला मुख्यालय से आसपास होंगे। सटीक जानकारी के लिए आप अपने मुखिया या वार्ड सदस्य की मदद ले सकते हैं।
चूंकि अनुमंडल या जिला स्तर पर सिर्फ एक ही केंद्र है तो जाहिर सी बात है कि हर कोई आसानी से तो केंद्र नहीं ही पहुंच पाएंगे। अगर वृद्धों, विधवाओं और निःशक्तजनों की बात करें तो इनके लिए तो यह नामुमकिन वाली बात हो जाती है। इसी को ध्यान में रखते हुए ‘बुनियाद संजीवनी सेवा’ नामक मोबाइल आउटरीच थेरेपी वैन यानी कि एक चलता फिरता छोटा बुनियाद केंद्र गाँव-गाँव तक जाती है, इस गाड़ी में भी कई तरह की सुविधाएं मौजूद होती है।
किशनगंज में बुनियाद केंद्र
बिहार के किशनगंज जिला स्तरीय बुनियाद केंद्र जो किशनगंज प्रखंड मुख्यालय के पीछे स्थित है वहां हमारी मुलाकात रफीक आलम नामक एक वृद्ध से हुई, बकौल रफीक आलम जब से बुनियाद केंद्र बनी है वे तब से यहां से लाभ ले रहे हैं। घुटनों के दर्द के कारण इन्हें चलने में समस्या आती थी लेकिन यहां से थेरपी लेने के बाद अब बिना किसी मदद के तंदरुस्ती के साथ चल पा रहे हैं।
लाभुक क्या कहते हैं?
यहां के सेवा से रफीक आलम बहुत संतुष्ट हैं, यह संतुष्टि आपके गाँव कस्बे इलाके के वृद्ध, विधवा या निःशक्त को भी मिल सकती है। बस शर्त सिर्फ इतनी सी है कि जन जन तक यह जानकारी पहुंच जाए। इसी नियत से हमने यह विडियो बनाया है। अब आपकी बारी है, आप इस वीडियो को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।
आगे भी जनकल्याणकारी योजनाओं को लेकर हम विडियो लाते रहेंगे इसीलिए अगर आपने मैं मीडिया को फेसबूक पर फॉलो यूट्यूब पर subscribe नहीं किया है तो जल्दी कर दीजिये। साथ ही आप हमें ट्विटर Instagram पर भी फॉलो कर सकते हैं। कमेंट के माध्यम से आप कोई सवाल कर सकते हैं सुझाव दे सकते हैं।
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