बिहार के किशनगंज ज़िले में एक पुल बन कर तैयार है, लेकिन करीब दो साल से क्षेत्र के लोग पुल का इस्तेमाल करने की आस में बैठे हैं। मामला ज़िले के टेढ़ागाछ प्रखंड अंतर्गत झुनकी पुल को देखने से समझ में आता है। दरअसल, किशनगंज के बहदुरगंज से टेढ़ागाछ पथ के 21वें किलोमीटर में दो साल पहले एक पुल का निर्माण किया गया था, जिसका एप्रोच रोड अभी तक तैयार नहीं हो सका है। गोरिया नदी के ऊपर बने इस पुल का ढांचा करीब दो साल से खड़ा है, मगर पुल से निकलती सड़क ही ग़ायब है। स्थानीय निवासी बताते हैं कि पुल बनने से पहले जब उनसे ज़मीन लेने की बात की गयी थी, तो उन्हें बताया गया था कि पुल का काम शुरू होते ही उन सब को उनकी ज़मीन का मुआवज़ा दे दिया जायेगा। लेकिन, मुआवज़ा नहीं मिलने पर लोगों ने पुल के आगे वाली एप्रोच सड़क का काम रुकवा दिया।
पटना में स्तिथ एल एन मिश्रा आर्थिक अधययन एवं सामाजिक परिवर्तन संस्थान ने 22 अक्टूबर 2022 को जन सुनवाई कर 14 पन्नों की एक रिपोर्ट तैयार की है। रिपोर्ट के ‘ग्राम विवरणी 1.5’ में बताया गया है कि अधिकृत की जाने वाली 1 एकड़ 91 डिस्मिल ज़मीन में 70 प्रतिशत ज़मीन खेती की है, जबकि ज़मीनदाताओं का कहना है कि ये सारी व्ययसायीक ज़मीने हैं और सरकार उन्हें कृषि ज़मीन की दर से मुआवज़ा देना चाहती है।
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स्थाननीय लाडला बताते हैं, ये पुल टेढ़ागाछ के लिए लाइफलाइन है। बरसात में परेशानी दुगुनी हो जाती है।
स्थानीय बहादुरगंज विधायक मोहम्मद अंजार नईमी ने कहा कि जिला पदाधिकारी से बात कर जल्द मामले के निष्पादन की कोशिश करेंगे।
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