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बांसबाड़ी में पांच साल पहले बहे पुल की सुध लेने वाला कोई नहीं

Md Akil Alam Reported By Md Akil Aalam |
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किशनगंज जिले के दिघलबैंक प्रखंड मुख्यालय से पूर्वी क्षेत्र के पंचायतों को जोड़ने वाली तुलसिया डोम सड़क पर बांसबाड़ी गांव के समीप बना पुल 5 वर्ष पहले आयी बाढ़ में बह गया था, लेकिन आज तक उस पुल की किसी ने सुध नहीं ली है।

a destroyed bridge in dighalbank block

स्थानीय ग्रामीण बताते हैं कि बांसबाड़ी गांव के समीप पुल का निर्माण करीब पांच साल पहले हुआ था। पुल बन जाने से तुलसिया पंचायत के कई गांवों सहित पदमपुर, अठगछिया, इकड़ा, ताराबाड़ी पंचायत के दर्जनों गांवों की एक बड़ी आबादी का सीधा संपर्क प्रखंड मुख्यालय सहित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दिघलबैंक से जुड़ गया था।

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गांव के सैकड़ों बच्चे बरसात के दिनों में इसी रास्ते से चल कर स्कूल कॉलेज जाया करते थे। लेकिन, पांच वर्ष पहले अगस्त 2017 में आयी विनाशकारी बाढ़ ने पुल को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया।


पुल ध्वस्त हो जाने से लोगों की मुश्किलें बढ़ गयीं हैं। बरसात खत्म होते ही आवाजाही के लिए तत्काल पुलिया के समीप से डायवर्सन का निर्माण कराया गया, लेकिन बरसात में यह किसी काम नहीं आता।

बारिश में लोगों को कमर भर पानी में उतर कर या फिर दूसरे रास्तों से घूम कर सफर करना पड़ता है।

एक बरसात भी नहीं चला था पुल

बता दें कि तुलसिया डोम सड़क से सोमनी हाट तक जाने वाली इस सड़क के साथ-साथ बांसबारी में लाखों रुपये की लागत से पुल का निर्माण कराया गया था।

पुल की गुणवत्ता का अंदाजा इससे लग जाता है कि साल 2017 में यह तैयार हुआ और अगस्त में आई बाढ़ में ही ताश के पत्तों की तरह धराशाई हो गया।

locals protesting to get bridge built

बताते चलें कि प्रखंड मुख्यालय को पूर्वी क्षेत्रों को जोड़ने के लिए तीन सड़कें हैं। पहली सड़क टप्पू हाट से तालबाड़ी होते हुए मदरसा चौक जाती है।

दूसरी सड़क मंगुरा पंचायत के ब्लॉक चौक से कलागाछ जाती, जहां कांटाबाड़ी गुवाबाड़ी गांव के समीप का पुल भी 4 वर्षों से क्षतिग्रस्त है।

तीसरी सड़क डोम सड़क है, जिसका पुल टूटने से इन गांवों तक पहुंचने के लिए चार चक्का वाहनों को 10 किमी के बजाय 30 किलोमीटर की दूरी तय कर जाना होता है।

स्थानीय युवाओं ने पुनः पुल निर्माण के लिए किया था प्रदर्शन

पिछले साल 2021 में स्थानीय युवाओं ने बांसबारी में दोबारा पुल निर्माण को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था। इसमें बड़ी संख्या में युवाओं ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों व संबंधित विभाग के खिलाफ जमकर विरोध जताया था।

इसके बाद पुल तो नहीं, पर युवाओं के विरोध के बाद उक्त स्थान पर डायवर्सन का निर्माण कराया गया था।

तीन पंचायत के दर्जनों गांव हो रहे प्रभावित

पुल बनने से इसका सबसे ज्यादा लाभ पूर्वी जोन के ताराबाड़ी, पदमपुर और इकड़ा पंचायत के पदमपुर, बनियाडांगी,आम बारी, इकड़ा, खैखाट, सुखान दिघी,बेतबारी, हाट पदमपुर, कचुनाला, इस्टेट टोला आदि गांवों को मिला था।

पुल क्षतिग्रस्त हो जाने ये गांव बुरी तरह प्रभावित हैं। अनुमान के मुताबिक, करीब 50 हजार आबादी पर सीधा असर हो रहा है।

इन तीन पंचायतों के लिए यह सड़क तथा पुल लाइफ लाइन माने जाते थे क्योंकि इसी रूट से प्रखण्ड से लेकर स्वास्थ्य केंद्र तक जाना होता था।

क्या कहते हैं स्थानीय जनप्रतिनिधि व ग्रामीण

तुलसिया पंचायत के मुखिया जैद अजीज ने बताया कि यह पुल इस इलाके के लिए लाइफलाइन है जिससे शिक्षा के साथ साथ व्यापार को बढ़ावा मिलेगा, इसलिए जल्द पुल निर्माण होना चाहिए।

tulsiya panchayat mukhiya zaid aziz

वहीं, AIMIM के नेता असद इकबाल ने कहा कि दुखद बात यह है कि यहां के नौजवानों के बार बार आंदोलन करने, प्रशासन और प्रतिनिधियों को अवगत कराने के बाद भी आज तक पुल का काम नहीं हो सका है।

पुल का निर्माण नहीं होने से स्कूली बच्चों और आम लोगों को तुलसिया हाईस्कूल और प्रखंड मुख्यालय तक पहुंचने के लिए मिनटों का सफर घंटों में तय करना पड़ता है। अगर पुल का काम जल्द शुरू नहीं हुआ तो बहुत जल्द जन आंदोलन होगा।

aimim leader asad iqbal

वहीं, प्राथमिक विद्यालय गोंगा महल्ला के शिक्षक मेराज रजा ने कहा कि इस पुल के नहीं बनने से रोज हजारों की आबादी प्रभावित हो रही है। व्यापारी से लेकर छात्रों व शिक्षकों को आवागमन में काफी परेशानी होती है।

ग्रामीण हसन राजा कहते हैं कि बड़ी बड़ी नदियों में पुल सालों तक चलते हैं। पर हमारे यहां कैसा पुल बना कि एक बरसात भी नहीं झेल पाया। ऐसे में पुल निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठना लाजिमी है।

teacher meraz reza

युवा नेता अविनाश कुमार ने बताया कि यह पुल इस सुदूरवर्ती इलाके के लिए बहुत जरूरी है। उन्होंने स्थानीय विधायक सांसद से यहां जल्द पुल निर्माण कराने की मांग की है।

ठाकुरगंज विधायक सऊद असरार नदवी के कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार पुल का डीपीआर बनाकर स्वीकृति के लिए भेजा गया है।


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Md Akil Alam is a reporter based in Dighalbank area of Kishanganj. Dighalbank region shares border with Nepal, Akil regularly writes on issues related to villages on Indo-Nepal border.

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