बिहार में आए दिन पुल गिरने की खबरें आती रहती हैं। कई बार बड़ी मीडिया भी इन खबरों को दिखाती है, लेकिन काम कब शुरू हुआ और कितना हो सका इसपर अधिक ध्यान नहीं दिया जाता।
सहरसा जिले के सलखुआ प्रखंड अंतर्गत गोरदह पंचायत के मुसहरिया गांव में इस पुल के निर्माण का काम 6 साल से अधूरा पड़ा है। ये इलाका खगड़िया लोकसभा और सिमरी बख्तियारपुर विधानसभा क्षेत्र में आता है।
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प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 6 अप्रैल 2018 को मुसहरिया नदी पर 3.4 करोड़ रुपये की लागत से पुल निर्माण कार्य शुरू हुआ। इसे अप्रैल 2019 तक पूरा हो जाना था लेकिन पिलर का ढांचा तैयार कर काम अधूरा ही छोड़ दिया गया। अधूरे पुल के बगल में लोहे का एक पुराना ब्रिज है जो जर्जर हो चुका है। जान जोखिम में डालकर उसी टूटे हुए पुल से रोज़ाना हज़ारों लोग आते-जाते हैं।
पुल पार करने के लिए सवारियों को वाहन से उतर कर पैदल जाना पड़ता है। बाइक, ऑटो, ई रिक्शा और ट्रेक्टर चालक रोज़ाना काफी दिक्कतों का सामना करते हैं वहीं कई लोग हादसे का शिकार भी हो जाते हैं।
पुल के साथ-साथ अप्रोच रोड भी खराब है। कुछ दिन पहले रास्ते को चलने लायक बनाने के लिए स्थानीय लोगों ने खुद मिट्टी डाली थी।
ग्रामीणों ने बताया कि ओम कंस्ट्रक्शन नामक एक कंपनी ने पुल निर्माण कार्य शुरू तो कर दिया लेकिन थोड़े दिन बाद ही काम अधूरा छोड़ संवेदक गायब हो गया। पुल और सड़क जर्जर होने से दर्जनों गाँव के लोग प्रभावित हैं। लंबे समय से निर्माण कार्य अटके होने से ग्रामीण जनप्रतिनिधियों से काफी निराश हैं।
हमने इस मामले में खगड़िया के सांसद राजेश वर्मा से बात की। उन्होंने कहा कि मामला उनके संज्ञान में है और अधिकारियों को जल्द पुल का काम पूरा करने का निर्देश दिया गया है।
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