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BPSC चेयरमैन ने कहा, बिहार में शिक्षक बहाली के लिए विज्ञापन जल्द

राज्य में शिक्षकों के 170461 खाली पदों को भरा जाएगा। इसके लिए जल्द ही विज्ञापन जारी किया जाएगा।‌ इसमें प्राथमिक शिक्षकों की संख्या 79943, माध्यमिक शिक्षकों की संख्या 32916 तथा उच्च माध्यमिक शिक्षकों की संख्या 57602 हैं। अभी मध्य विद्यालयों के लिए कोई बहाली नहीं होगी।

Nawazish Purnea Reported By Nawazish Alam |
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राज्य में शिक्षकों के 170461 खाली पदों को भरा जाएगा। इसके लिए जल्द ही विज्ञापन जारी किया जाएगा।‌ इसमें प्राथमिक शिक्षकों की संख्या 79943, माध्यमिक शिक्षकों की संख्या 32916 तथा उच्च माध्यमिक शिक्षकों की संख्या 57602 हैं। अभी मध्य विद्यालयों के लिए कोई बहाली नहीं होगी।

आयोग ने विगत 9 मई को शिक्षक बहाली के लिए नये पाठ्यक्रम की रूपरेखा जारी कर दी थी। बिहार लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने कहा कि बहाली के लिए अभ्यर्थियों से एक ही आवेदन लिया जाएगा।

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उन्होंने कहा कि अगर कोई अभ्यर्थी तीनों विद्यालयों (प्राथमिक, माध्यमिक, तथा उच्च माध्यमिक) में शिक्षक पदों के लिए आवेदन दे रहा है, तब भी एक ही आवेदन लिया जाएगा। परीक्षा की तिथि तय करते समय इस बात का खास ख्याल रखा जाएगा कि तीनों परीक्षाएं अलग-अलग तिथियों में हों, ताकि तीनों परीक्षाओं में बैठने वाले अभ्यर्थी सभी परीक्षा में शामिल हो सकें।


क्या होगी परीक्षा की रूपरेखा और पाठ्यक्रम?

शिक्षक बहाली के लिए होने जा रही 250 अंकों की इस परीक्षा में सारे सवाल बहु-विकल्पीय(MCQ) होंगे और नेगेटिव मार्किंग भी होगी। इस परीक्षा में पहला पेपर भाषा का होगा, जो सिर्फ क्वालीफाइंग होगा, यानि इसका अंक परीक्षा में नहीं जोड़ा जाएगा। यह परीक्षा 100 अंकों की होगी और इसमें पास करने के लिए 30 अंक लाना होगा। पेपर के पहले भाग में अंग्रेज़ी के 25 प्रश्न, तथा दूसरे भाग में 75 प्रश्न हिंदी, उर्दू तथा बंग्ला विषयों में से किसी एक विषय से होंगे।

अतुल प्रसाद ने कहा कि दोनों भागों से संयुक्त रूप से 30 अंक लाना होगा। उन्होंने कहा, “अभ्यर्थियों को अंग्रेज़ी से घबराने की ज़रूरत नहीं है। हम उनसे अंग्रेज़ी पढ़ाने के लिए नहीं कह रहे हैं, लेकिन हम ऐसे शिक्षक चाहते हैं जो कम से कम अंग्रेज़ी समाचार-पत्रों के चार वाक्य तो पढ़ सकें। अगर हमें बच्चों का भविष्य बेहतर करना है, तो ऐसा करना जरूरी है। चूंकि हम भी यह मानते हैं कि बिहार एक हिंदी भाषी प्रदेश है, इसलिए अंग्रेज़ी के प्रश्न बहुत कठिन नहीं होंगे, इसका यह मतलब नहीं है कि हिंदी का प्रश्न कठिन नहीं होगा। परीक्षा के लिए अभ्यर्थियों को पर्याप्त समय(लगभग 3 महीने) भी दिया जाएगा। इस परीक्षा का आयोजन संभवतः अगस्त या सितंबर महीने में होगा।”

दूसरे पेपर में 150 प्रश्न होंगे तथा इस पेपर में भी दो भाग होंगे। मेधा सूची बनाते समय इस पेपर के अंकों को ध्यान में रखा जाएगा। पेपर का पहला भाग एक सौ अंकों का होगा। इसमें अभ्यर्थी जिन विषयों का शिक्षक बनने के लिए आवेदन दिए हैं, उन्हीं विषयों के प्रश्न होंगे।

इसके लिए बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के पाठ्यक्रम को आधार बनाया गया है। दूसरा भाग 50 अंकों का होगा, जिसमें सामान्य ज्ञान व अध्ययन, रीज़निंग, तथा मेंटल एबिलिटी से संबंधित प्रश्न होंगे।

प्राथमिक शिक्षकों के लिए न्यूनतम अहर्ता इंटरमीडियट+सीटेट+प्रशिक्षण रखा गया है। इसी प्रकार, माध्यमिक शिक्षकों के लिए स्नातक+एसटीईटी+बीएड और उच्च माध्यमिक शिक्षकों के लिए स्नातकोत्तर(पीजी)+एसटीईटी+बीएड न्यून्तम अहर्ता है। ऐसे शिक्षक, जो 2012 के पूर्व से नियोजित हैं, उनके लिए टीईटी पास करना जरूरी नहीं है।

उल्लेखनीय है कि नई नियमावली के तहत राज्य में पूर्व से नियोजित शिक्षक भी इस परीक्षा में भाग ले सकते हैं। इसके लिए उन्हें तीन मौके मिलेंगे तथा आयु सीमा में दस वर्ष की छूट भी मिलेगी।

परीक्षा का आयोजन दो भाषाओं में होगा। लेकिन, भाषा का पेपर सिर्फ संबंधित भाषाओं में ही होगा। यानी अगर हिंदी का पेपर है तो हिंदी में तथा उर्दू का पेपर है, तो उर्दू तथा बंगला का पेपर है, तो बांग्ला भाषा में प्रश्न होंगे।

अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने कहा कि इस परीक्षा में पूरी पारदर्शिता बरती जाएगी। इसके लिए प्रश्न-पत्र अभ्यर्थियों के सामने खोला जाएगा और ओएमआर को अभ्यर्थियों के सामने ही सीलबंद किया जाएगा। किसी की भी तरह की कोई दिक्कत न हो, इसके लिए अभ्यर्थियों को परीक्षा के समय से दो घंटे पूर्व ही परीक्षा केंद्र पर पहुंचने को कहा गया है।

उन्होंने कहा कि हम परीक्षा केंद्रों पर इंटरनेट जैमर भी लगाएंगे तथा अभ्यर्थियों का बायोमेट्रिक मिलान भी करेंगे। अगर किसी भी परीक्षार्थी ने परीक्षा में कदाचार करने की कोशिश की, तो उसे आयोग द्वारा ली जाने वाली किसी भी परीक्षी में अगले 5 साल तक बैठने नहीं दिया जाएगा तथा उसके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।

इस साल के अंत तक आयोग द्वारा परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया जाएगा।

उपरोक्त परीक्षा में सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए 40%, पिछड़ा वर्ग के लिए 36.5%, अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लिए 34% एवं अनुसुचित जाति/जनजाति, महिलाओं तथा निःशक्तता से ग्रस्त(दिव्यांग) के लिए 32%, निर्धारित न्युनतम अहर्तांक प्राप्त करना अनिवार्य होगा, अन्यथा वे प्रतियोगिता परीक्षा से बाहर हो जाएंगे।

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नवाजिश आलम को बिहार की राजनीति, शिक्षा जगत और इतिहास से संबधित खबरों में गहरी रूचि है। वह बिहार के रहने वाले हैं। उन्होंने नई दिल्ली स्थित जामिया मिल्लिया इस्लामिया के मास कम्यूनिकेशन तथा रिसर्च सेंटर से मास्टर्स इन कंवर्ज़ेन्ट जर्नलिज़्म और जामिया मिल्लिया से ही बैचलर इन मास मीडिया की पढ़ाई की है।

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