Main Media

Seemanchal News, Kishanganj News, Katihar News, Araria News, Purnea News in Hindi

Support Us

हाईकोर्ट में याचिका दायर करने वालों से भाजपा का संबंध नहीं- सुशील मोदी

पूर्व उप मुख्यमंत्री व बिहार भाजपा के कद्दावर नेता सुशील कुमार मोदी ने एक ट्विटर थ्रेड में नीतीश सरकार पर हमला किया और जातीय जनगणना के विरुद्ध हाई कोर्ट में याचिका दर्ज होने में भाजपा की भूमिका होने से इनकार किया।

syed jaffer imam Reported By Syed Jaffer Imam |
Published On :

पूर्व उप मुख्यमंत्री व बिहार भाजपा के कद्दावर नेता सुशील कुमार मोदी ने एक ट्विटर थ्रेड में नीतीश सरकार पर हमला किया और जातीय जनगणना के विरुद्ध हाई कोर्ट में याचिका दर्ज होने में भाजपा की भूमिका होने से इनकार किया।

अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा, “जातीय जनगणना पर सर्वदलीय बैठक बुलाये और कानून बनाए सरकार। हाईकोर्ट में याचिका दायर करने वालों से भाजपा का कोई संबंध नहीं। हम विधानसभा में समर्थन और कोर्ट में विरोध की दो मुंही राजनीति नहीं करते।”

Also Read Story

जातिगत गणना पर रोक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची बिहार सरकार

‘मैं मीडिया’ की खबर के बाद जातिगत गणना पर पोस्टरवार शुरू

जातिगत गणना पर 3 जुलाई को ही होगी सुनवाई

बिहार जातीय गणना के खिलाफ कोर्ट में याचिकाओं का BJP-RSS कनेक्शन

जाति आधारित जनगणना पर बिहार सरकार की याचिका पर 9 को सुनवाई

आज नहीं तो कल जातिगत गणना होकर रहेगी: हाईकोर्ट के आदेश पर तेजस्वी

बिहार में जातीय जनगणना पर हाईकोर्ट ने लगाई अंतरिम रोक

बिहार में जातीय जनगणना में क्या क्या सवाल पूछे जा रहे हैं?

जातीय जनगणना में सिखों के जातियों का कोड नहीं होने से समुदाय नाराज

उन्होंने अपने ट्वीट में यह भी कहा कि नीतीश कुमार ने अकेले श्रेय लेने की कोशिश में बाकी दलों से बात नहीं की। सुशील मोदी मानते हैं कि जातीय जनगणना के मामले में हाईकोर्ट में कमज़ोर पैरवी के कारण इस पर रोक लगी है।


उन्होंने आगे कहा, “जदयू इसका ठीकरा भाजपा के सिर फोड़ना चाहता है। हाई कोर्ट ने जो प्रश्न उठाये हैं, उनका उत्तर देने के लिए सरकार को तुरंत सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए और ज़रूरत पड़े तो विधानसभा का सत्र बुला कर कानून बनाना चाहिए।”

“मुख्यमंत्री ने अकेले श्रेय लेने का मोह छोड़ कर सभी दलों को विश्वास में लिया होता और कोर्ट में समय रहते विभिन्य पहलुओं पर चर्चा की होती, तो इस पर रोक की नौबत नहीं आती।”

सुशील मोदी ने अपने ट्विटर थ्रेड में आगे लिखा कि जातीय जनगणना कराने का निर्णय भाजपा के सरकार में रहते हुआ था और इसमें प्रस्ताव पारित होने से लेकर प्रधानमंत्री से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल में सम्मिलित रहने तक पार्टी समर्थन में खड़ी रही।

उन्होंने यह भी कहा कि जातीय सर्वे करना जनगणना नहीं है और यह राज्यों का अधिकार है। बिहार से पहले कर्णाटक और तेलंगाना सरकार ऐसे सर्वे करा चुकी है।

जातीय जनगणना पर हाईकोर्ट की रोक के बाद ‘मैं मीडिया’ ने एक खबर की है, जिसमें हमने बताया है कि याचिका करने वालों में दक्षिणपंथी विचारधारा के लोग शामिल थे, जो अक्सर मोदी सरकार के पक्ष में खड़ी रहते हैं। इन लोगों को अहम पद भी मिले हुए हैं।

इस खबर के प्रकाशित होने के बाद ही सुशील मोदी की यह प्रतिक्रिया आई है।

सीमांचल की ज़मीनी ख़बरें सामने लाने में सहभागी बनें। ‘मैं मीडिया’ की सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।

Support Us

सैयद जाफ़र इमाम किशनगंज से तालुक़ रखते हैं। इन्होंने हिमालयन यूनिवर्सिटी से जन संचार एवं पत्रकारिता में ग्रैजूएशन करने के बाद जामिया मिलिया इस्लामिया से हिंदी पत्रकारिता (पीजी) की पढ़ाई की। 'मैं मीडिया' के लिए सीमांचल के खेल-कूद और ऐतिहासिक इतिवृत्त पर खबरें लिख रहे हैं। इससे पहले इन्होंने Opoyi, Scribblers India, Swantree Foundation, Public Vichar जैसे संस्थानों में काम किया है। इनकी पुस्तक "A Panic Attack on The Subway" जुलाई 2021 में प्रकाशित हुई थी। यह जाफ़र के तखल्लूस के साथ 'हिंदुस्तानी' भाषा में ग़ज़ल कहते हैं और समय मिलने पर इंटरनेट पर शॉर्ट फिल्में बनाना पसंद करते हैं।

Related News

बिहार जातीय जनगणना कोड लिस्ट में ट्रांसजेंडर को जाति बताने पर किन्नर समुदाय नाराज

बिहार जातीय जनगणना में जाति कोड का लिस्ट

जाति जनगणना कोड में सेखड़ा जाति का नाम शामिल न होने से लोगों में आक्रोश

जातीय जनगणना में गरीबों के कच्चे मकानों को पक्का न बताए सरकार: अख्तरुल ईमान

जातिगत जनगणना क्या होती है? इसके क्या फ़ायदे, क्या नुक़सान हैं?

बिहार में जारी रहेगी जाति आधारित गणना

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Latests Posts

Ground Report

अररिया में एक फैसले से पांच हज़ार आदिवासी-दलित हो जाएंगे बेघर

‘हम चाहते थे बेटा पढ़ाई करे, मज़दूरी नहीं’, नेपाल में मरे मज़दूरों की कहानी

किशनगंज का नेहरू कॉलेज, जहाँ 21 एकड़ के कैंपस में छात्र से ज़्यादा मवेशी नज़र आते हैं

ज़मीन पर विफल हो रही ममता बनर्जी सरकार की ‘निज घर निज भूमि योजना’

महादलित गाँव के लिए 200 मीटर रोड नहीं दे रहे ‘जातिवादी’ ज़मींदार!