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बिहार के पंचायतों को चलाने वाली परामर्श समितियां कैसे काम करेंगी?

पंचायत चुनाव समय पर नहीं हो पाने के लिए बिहार सरकार ने कानून में कुछ बदलाव कर परामर्श समितियां बनाने का निर्णय लिया है।

shah faisal main media correspondent Reported By Shah Faisal |
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पंचायत चुनाव समय पर नहीं हो पाने के लिए बिहार सरकार ने कानून में कुछ बदलाव कर परामर्श समितियां बनाने का निर्णय लिया है। कहने को तो सरकार ने जनप्रतिनिधियों के कार्यकाल को नहीं बढ़ाया है, लेकिन मामले को मोटे तौर पर समझें तो सरकार का यह निर्णय, जनप्रतिनिधियों के कार्यकाल को बढ़ाने जैसा ही है।

जैसा कि आपको हमने पहले भी बताया है कि 15 जून 2021 को जिला पार्षद, मुखिया, समिति, वार्ड सदस्य के साथ ही साथ सरपंच और पंच का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। कायदे से अब तक बिहार का पंचायत चुनाव आखि़री दौर में होना चाहिए था, लेकिन कोरोना महामारी की दुसरी लहर ने पंचायत चुनाव पर ग्रहण लगा रखा है।

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इधर पंचायती राज अधिनियम 2006 के कारण तमाम जनप्रतिनिधियों का कार्यकाल अपने आखिरी दौर में है। इसी को देखते हुए बिहार सरकार की कैबिनेट ने कानून में कुछ बदलाव करते हुए तय किया कि 15 जून के बाद भले ही जनप्रतिनिधियों का कार्यकाल समाप्त हो रहा हो लेकिन परामर्श समितियों के नाम पर तमाम जनप्रतिनिधियों के कार्यकाल को बरकार रखा जाएगा। यह तब तक बरकार रहेगा, जब तक कि बिहार में पंचायत चुनाव नहीं हो जाते हैं। लेकिन चुनाव कब हो पाएगा यह कोरोना महामारी और बाढ़ के हालात से ही तय होगा।


ख़ैर! अब बात परामर्श समिति पर कर लेते हैं। बिहार में 15 जून के बाद काम काज जिलापार्षद, मुखिया, समिति, वार्ड सदस्य, सरपंच और पंच नहीं बल्कि परामर्श समितियों के ज़िम्मे रहेगा। फर्क़ ज्यादा नहीं है, बस नाम बदल गए हैं, ठीक है!

परामर्श समितियां कुल चार स्तर की होंगी

पहली पंचायत स्तरीय परामर्शी समिति जिसे ग्राम पंचायत परामर्शी समिति कहा जाएगा। इस समिति के अध्यक्ष मुखिया को और उपाध्यक्ष उपमुखिया को बनाया जाएगा। समिति के सदस्य पंचायत के सभी वार्ड मेंबर्स होंगे, वहीं समिति के सचिव के रूप में पंचायत सचिव ही कार्य करेंगे।

उसी तरह प्रखंड स्तरीय परामर्श समिति को पंचायत समिति परामर्शी समिति कहा जाएगा। इस समिति के अध्यक्ष प्रखंड के प्रमुख, उपाध्यक्ष उप प्रमुख और सदस्य प्रखंड के सभी पंचायत समितियों होंगे। साथ ही लोकसभा, विधानसभा, विधानपरिषद और राज्य सभा के सदस्य और पंचायत परामर्शी समिति के अध्यक्ष यानी मुखिया इस समिति के सदस्य होंगे। वहीं इस समिति के कार्यकारी पदाधिकारी के रूप में प्रखंड विकास पदाधिकारी ही काम करेंगे।

तीसरी यानी जिला परिषद परामर्शी समिति। जिलापर्षद अध्यक्ष इस समिति के अध्यक्ष और जिलापर्षद उपाध्यक्ष को ही समिति का उपाध्यक्ष बनाया जाएगा। वहीं जिलापर्षद सदस्य, लोकसभा, विधानसभा, विधानपरिषद और राज्य सभा के सदस्यों के साथ ही साथ प्रखंड स्तर के परामर्शी समिति के अध्यक्ष यानी प्रखंड प्रमुख इस समिति के सदस्य होंगे। वहीं इस समिति के कार्यकारी पदाधिकारी उप विकास आयुक्त यानी DDC को ही बनाया जाएगा।

आगे बढ़ने से पहले आपको याद दिला दें की सरपंच या पंच त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था का हिस्सा नहीं है। ये और बात है की चुनाव साथ होने के कारण ग्राम कचहरी और पंचायती संस्था को एक समझ लिया जाता है।

इसलिए त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था के परामर्शी समिति का ढांचा समझने के बाद अब जान लेते हैं ग्राम कचहरी परामर्शी समिति का ढांचा कैसा होगा?

ग्राम कचहरी परामर्शी समिति के अध्यक्ष सरपंच ही होंगे, वहीं उपाध्यक्ष उप सरपंच को बनाया जाएगा। इस समिति के सदस्य ग्राम कचहरी के पंचों को बनाया जाएगा। वहीं इस समिति के सचिव, ग्राम कचहरी सचिव को ही बनाया जाएगा। चुनाव होने यानी इस समिति के भंग होने तक न्याय मित्र का सेवा जारी रहेगा।

वहीं जनप्रतिनिधियों को मिलने वाली भत्ते की बात करें, तो इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। जब तक परामर्शी समितियां रहेंगी, पहले की तरह ही भत्ते मिलते रहेंगे।

वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समितियां और वॉर्ड सदस्य पंचायत स्तरीय परामर्शी समिति की अध्यक्षता में काम करेगी साथ ही वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति के खाते से पैसे की निकासी के लिए अब वार्ड सचिव, वार्ड सदस्य और पंचायत परामर्शी समिति का संयुक्त हस्ताक्षर जरूरी होगा।

यह समितियां पंचायत चुनाव संपन्न होने के बाद स्वतः समाप्त हो जाएगी। तब तक के लिए सभी समितियों में शामिल त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों और ग्राम कचहरी के जनप्रतिनिधि पूर्व की भांति अपनी तमाम शक्तियों का प्रयोग कर सकेंगे।

Bihar Panchayat Elections

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Shah Faisal is using alternative media to bring attention to problems faced by people in rural Bihar. He is also a part of Change Chitra program run by Video Volunteers and US Embassy. ‘Open Defecation Failure’, a documentary made by Faisal’s team brought forth the harsh truth of Prime Minister Narendra Modi’s dream project – Swacch Bharat Mission.

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