[vc_row][vc_column][vc_column_text]बिहार में साल 2016 में सीएम नीतीश कुमार ने शराबबंदी लागू किया था। तब सीएम नीतीश ने कहा था कि उन्होंने यह काम बिहार की महिलाओं के कहने पर किया है। सीएम नीतीश कुमार के इस फैसले के रिसेंट इंपेक्ट भी दिखे।
बिहार में डोमेस्टिक वॉयलेंस से लेकर क्राइम के अन्य मामलों में कमी भी आई। लेकिन वक्त के साथ शराब की कालाबजारी भी बढ़ी। जिसको लेकर सरकार की आलोचना भी हुई। लेकिन अब जब बिहार में चुनाव होने को है तो ऐसे में शराबबंदी को लेकर एक ऐसी रिपोर्ट सामने आई है जिसे जानकर नीतीश सरकार खुश होगी।
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जानकारी के अनुसार नेशनल हाईवे पर शराब पीकर वाहन चलाने से एक्सीडेंट के मामलों में बिहार की रिपोर्ट चौंकाने वाली रही है। पिछले साल बिहार में नेशनल हाईवे पर हुई दुर्घटनाओं में कोई भी दुर्घटना शराब पीकर गाड़ी चलाने के कारण नहीं हुई है। आपको बता दें कि हाल ही में राज्यसभा में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने अपनी एक रिपोर्ट पेश की थी।
रिपोर्ट में कहा गया था कि बिहार में 5300 किलोमीटर से अधिक एनएच गुजरता है। इसके बावजूद यहां 2019 में शराब पीकर वाहन चलाने से दुर्घटना का एक भी मामला नहीं आया। खास बात यह है कि बिहार में 2016 से पूर्ण शराबबंदी लागू है।
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इस रिपोर्ट में बताया गया है कि बिहार के बाद बंगाल दूसरे स्थान पर है। प. बंगाल में 3600 किमी एनएच है। वहां 8 एक्सीडेंट के मामले सामने आए हैं। देश में सबसे अधिक एनएच महाराष्ट्र से निकलता है, वहां एक्सीडेंट के मामले 258 रहे। इधर, देश में इस साल सड़क हादसों में 35% की गिरावट आई है। जनवरी से जून के बीच 1.6 लाख सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जो कि पिछले छह साल के औसत से 35% कम है। इस दौरान हादसे में मरने वाले लोगों की संख्या में 30 फीसद की की कमी आई है।
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हमसे छोटे राज्यों में हुई कई गुना अिधक दुर्घटनाएं… वजह शराब
असम, पंजाब, ओडिशा, हरियाणा और झारखंड जैसे छोटे राज्यों सहित देश के नौ प्रदेशों में बिहार से कई गुना तक अधिक दुर्घटनाएं हुई है। रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2019 में शराब पीकर वाहन चलाते समय असम में 279, हरियाणा में 299, झारखड़ में 686, मध्य प्रदेश 1030, ओडिशा में 1068, पंजाब में 1290, तमिलनाडु में 1047 और यूपी में 4496 एक्सीडेंट के मामले सामने आए हैं।आपको बता दें कि साल 2019 में बिहार में 10007 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, इसमें रोड एक्सीडेंट के दौरान 2019 में बिहार में 7205 मौतें हुईं।
— पटना में एनएच पर 280 दुर्घटनाएं, घायल-219, मौतें-81
— स्टेट हाईवे पर पटना में 28 हादसे, घायल-16, मौतें-9
— पटना में अन्य सड़कों पर दुर्घटनाएं 216, घायल-97, मौतें-102
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