पूर्णिया विश्वविद्यालय (पीयू) के सीनेट हॉल में शनिवार को राज्यपाल व कुलाधिपति राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर की अध्यक्षता में सीनेट की तीसरी बैठक आयोजित की गई। बैठक में कुलाधिपति ने कहा,”सीनेट की बैठक को रस्म अदायगी बनाने से ऊपर उठते हुए अपनी-अपनी जिम्मेदारी का साथ मिल कर निर्वहन करना होगा।”
उन्होंने पीयू कुलपति से इसके लिए प्रावधान करने का निर्देश देते हुए सीनेट सदस्यों को विश्वविद्यालय की शिक्षा व्यवस्था में सुधार की दिशा में सोचने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने इशारों-इशारों में पीयू के पदाधिकारियों से उन्हें प्राप्त सुख-सुविधाओं की दुनिया से बाहर निकल कर बिहार की शैक्षिक व्यवस्था के लिए संकल्पित होकर काम करने की बात कही।
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कुलाधिपति के संबोधन से पहले पीयू कुलपति ने अपने कार्यकाल के दौरान प्रक्रियाधीन और किए गए कार्यों, पीयू के हित में प्रस्तावित प्रयासों की जानकारी भी दी। कुलपति प्रो. राजनाथ यादव ने पीयू में व्यावसायिक और रोजगारपरक पाठ्यक्रमों जैसे योगा थेरेपी, आपदा प्रबंधन, पत्रकारिता व जनसंचार आदि में स्नातकोत्तर डिप्लोमा जैसे पाठ्यक्रमों के संचालन की दिशा में प्रयास किए जाने की बात कही। उन्होंने पीयू का नैक-मूल्यांकन कराने, रैगिंग रोधी समिति व जेंडर सेंसिटाइजेशन कोषांग गठित करने, बार काउंसिल ऑफ इंडिया से विधि संकाय को मान्यता दिलाने, अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति, विश्वविद्यालय में शोध कार्यों को बढ़ावा, राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन कराने की जानकारी दी।
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