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बिजली गिरने और डूबने से मौत की रोकथाम के लिए बिहार सरकार की पहल

इस परियोजना के अंतर्गत पंचायत स्तर पर कमजोरियों की पहचान, चेतावनी प्रणाली की स्थापना, समुदाय के लिए प्रशिक्षण और जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे।

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bihar government's initiative to prevent deaths due to lightning and drowning

बिहार में हर साल बिजली गिरने और डूबने की घटनाएं सैकड़ों लोगों की जान लेती हैं। अब इन आपदाओं से लोगों को सुरक्षित रखने के लिए राज्य सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। बिहार राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम लिमिटेड (BSEDC), जो कि राज्य की सूचना प्रौद्योगिकी और ई-गवर्नेंस की नोडल एजेंसी है, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (BSDMA) के लिए एक महत्वपूर्ण पहल कर रहा है। इसका उद्देश्य बिजली गिरने और डूबने की घटनाओं पर एक व्यापक शमन योजना तैयार करना है।


मानसून के महीनों में बिजली गिरने की घटनाएं खेतों और खुले स्थानों में काम कर रहे लोगों के लिए जानलेवा साबित होती हैं। पिछले पांच वर्षों (2018-23) के आंकड़े बताते हैं कि रोहतास, औरंगाबाद, जमुई, पटना, कटिहार और अन्य जिलों में यह खतरा सबसे ज्यादा है। वहीं, छठ पूजा जैसे त्योहारों के दौरान नदियों और तालाबों में डूबने की घटनाएं भी गंभीर चिंता का विषय रही हैं।

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परियोजना का उद्देश्य और कार्य

इस परियोजना के अंतर्गत पंचायत स्तर पर कमजोरियों की पहचान, चेतावनी प्रणाली की स्थापना, समुदाय के लिए प्रशिक्षण और जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे। दो मुख्य घटकों — बिजली गिरना और डूबना — के लिए अलग-अलग विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की जाएगी।


सलाहकार फर्म को यह कार्य सौंपा जाएगा, जिसमें सर्वेक्षण, डेटा विश्लेषण, जीआईएस मैपिंग, प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली की रूपरेखा, समुदाय के लिए SOP (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) और IEC (सूचना, शिक्षा, संचार) सामग्री बनाना शामिल होगा।

संभावित लाभ

समय पर चेतावनी से जानमाल का नुकसान कम होगा।

प्रशिक्षण से समुदायों की आपात स्थितियों में प्रतिक्रिया बेहतर होगी।

राज्य की आपदा प्रबंधन प्रणाली में जनता का भरोसा बढ़ेगा।

निविदा प्रक्रिया

इस योजना को कार्यान्वित करने के लिए एक सलाहकार फर्म का चयन किया जाना है, जिसका प्रारंभिक जुड़ाव पांच महीने के लिए होगा। इच्छुक और योग्य फर्मों को 27 जून 2025, शाम 4 बजे तक अपने प्रस्ताव ऑनलाइन जमा करने होंगे।

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