बिहार सरकार ने बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड (BSMEB) को 75 लाख रुपये का अनुदान दिया है। इस पैसे से मदरसा बोर्ड वित्तीय वर्ष 2024-25 में बोर्ड के पदाधिकारियों तथा कर्मचारियों का वेतन भुगतान करेगा। इस संबंध में शिक्षा विभाग ने राशि जारी करने के लिये बिहार के महालेखाकार (अकाउंटेंट जेनरल) को पत्र लिखा है।
बताते चलें कि मदरसा बोर्ड को भंग करने के बाद सरकार की तरफ़ से यह राशि दी गई है।
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फरवरी में हुआ था मदरसा बोर्ड भंग
दरअसल, सरकार ने फरवरी महीने में मदरसा बोर्ड को भंग करते हुए राज्य ‘मदरसा शिक्षा बोर्ड संशोधन विधेयक-2024’ पारित किया था। बिल को पेश करते हुए तत्कालीन शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा था कि इससे मदरसा बोर्ड का स्टेटस बढ़ेगा और मदरसों में शिक्षा का स्तर बेहतर होगा।
इस पर कांग्रेस विधायक शकील अहमद, भाकपा माले विधायक महबूब आलम और AIMIM विधायक अख़्तरुल ईमान ने कड़ी आपत्ति जताई थी। अख्तरुल ईमान ने सदन में कहा था कि संवैधानिक तौर पर अल्पसंख्यकों को अपने धार्मिक इदारे कायम करने की इजाजत है, और कोई भी सरकार इस अधिकार के साथ छेड़छाड़ नहीं कर सकती है।
जिस पर जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा था कि इस संशोधन बिल से बिहार के मदरसों में चल रहे सिलेबस में कोई तब्दीली नहीं आयेगी। उन्होंने आगे कहा था कि सरकार का उद्देश्य है कि मदरसों में पढ़ने वाले बच्चे दीनी तालीम (धार्मिक शिक्षा) के साथ-साथ व्यवसायिक शिक्षा (प्रोफेशनल एजुकेशन) भी प्राप्त करें, ताकि वो किसी भी फील्ड में पीछे ना रहें।
सरकार का तर्क था कि संशोधन विधेयक से मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष पद पर अधिक योग्य लोग बहाल होंगे। साथ ही बोर्ड में एक प्रशासक की भी नियुक्ति होगी, जो सचिव स्तर के अधिकारी होंगे। अगर तीन महीने तक मदरसा बोर्ड विघटित रहता है तो सरकार खुद बोर्ड का गठन कर देगी।
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